विश्व की कुल गर्भाशय ग्रीवा कैंसर का पांचवा हिस्सा भारत में होता है। ऐसे में वित्त मंत्री ने 1 फरवरी 2024 को एक घोषणा कर दी है इस घोषणा में कहा गया है की एक निशुल्क टीकाकरण अभियान द्वारा एचपीवी वैक्सीन भारत की हर किशोरी तक पहुंचाया जाएगा।अगर भारत में यह टीकाकरण कार्यक्रम शुरू होता है तो इस समय 10 वर्ष से कम आयु की 120 मिलियन भारतीय बच्चियों के जीवन में ग्रीवा कैंसर होना रुक जाएगा। जिसके कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा।
उम्मीद जताई जा रही है कि यह टीकाकरण होगा सिर्फ एक खुराक में
टीकाकरण कार्यक्रम सिर्फ एक खुराक का होगा अगर ऐसा हो पता है तो दूसरी खुराक के लिए लड़कियों को ट्रैक करने जैसी समस्याओं से बचा जा सकेगा।
वित्त मंत्री ने 1 फरवरी 2024 को की एचपीवी टीकाकरण की घोषणा
भारत की वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में बच्चियों के लिए एचपीवी टीकाकरण की घोषणा की वित्त मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने सात राज्यों को 9 वर्ष से 14 वर्ष की आयु की लड़कियों को टीकाकरण अभियान में शामिल करने का प्लान किया है। यह टीकाकरण पांचवी कक्षा से दसवीं कक्षा तक की छात्राओं को ध्यान में रखते हुए स्कूल के माध्यम से शुरू किया जाएगा।
इस टीकाकरण अभियान के पहले चरण में 9 वर्ष से 14 वर्ष की आयु की 68 मिलियन लड़कियों को टीका लगाया जाएगा। दूसरे चरण में 11 मिलियन 9 साल के बच्चीयों को टीके लगाए जाएंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि टीकाकरण अभियान एकल खुराक के द्वारा होगा। कई देशों ने एकल खुराक के साथ एचपीवी टीकाकरण अभियान शुरू किया है। कुछ देशों में दो खुराक से एक खुराक में भी इस अभियान को बदला है।
साक्ष्यों के आधार पर पता चला है कि एकल खुराक है प्रभावी
भारत के सात राज्यों में 10 से 18 वर्ष की आयु वर्ग की लड़कियों को 2009 से 2010 के बीच में टीके लगाए गए थे। इन टीकों की प्रभाविकता 95.4%, 95% और 99.99% के बीच में रही है। अब लगभग 10 वर्ष बाद 96 और 97% एकल खुराक प्राप्त कर्ताओं में एचपीबी 16 एचपीवी 18 के विरुद्ध एंटीबॉडी का पता लगाया गया था उनमें टीका ना लगवाने वाली महिलाओं की तुलना में काफी अधिक एंटीबॉडी थे। केन्या में भी ऐसे प्रयोग किए गए थे और पता चला कि एकल खुराक टीका कार्यक्रम शुरू करने से भारत में 10 वर्ष से कम आयु की 120 मिलियन भारतीय लड़कियों के जीवन काल में होने वाले गर्भाशय जीव कैंसर के मामलों को रोका जा सकता है। जो कि लागत के हिसाब से भी काफी प्रभावित होगा जिसके कारण भारत who द्वारा निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त कर पाएगा।
एकल खुराक होगी गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर को रोकने की सापेक्ष प्रति खुराक दक्षता दो खुराक से अधिक
एसपीबी वायरस को रोकने की यह एकल खुराक दो खुराकों से ज्यादा प्रभावी होगी। इसको प्रयोग करने के 10 को बाद भी सुरक्षा कम होने की संभावना नहीं होगी ।
भारत में 2023 में बनाई गई है अपनी एचपीवी वैक्सीन
भारत में किफायती मूल पर वैक्सीन की आपूर्ति करने के लिए एनआईपी ने अपनी वैक्सीन बनाई है भारतीय राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह ने दो खुराक वाले वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। भारतीय राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह ने एचपीवी की एक खुराक वाली वैक्सीन को मंजूरी देने की से पहले 2 साल तक की प्रति रक्षाजनकता और संक्रमण से सुरक्षा पर डाटा मांगा है। भारत एचपीवी वैक्सीन की शुरुआत के लिए अपनी एक रणनीतिक योजना बना रहा है। इसके लिए भारत को एक अधिक लचीला कार्यक्रम बनाने की आवश्यकता है। लड़कों की सुरक्षा के लिए गुदा कैंसर के खिलाफ टीका बनाने की भी कोशिश चल रही है ताकि केवल लड़कियों के लिए टीका बनाने जैसे पक्षपातों से बचा जा सके।