नई दिल्ली: 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनज़र केंद्र सरकार ने एक राष्ट्रव्यापी सिविल डिफेंस अभ्यास का एलान किया है। यह सुरक्षा ड्रिल 7 मई को देश के 259 स्थानों पर आयोजित की जाएगी, जिसमें एयर रेड सायरन, ब्लैकआउट प्रोटोकॉल और नागरिकों के प्रशिक्षण जैसे कई महत्वपूर्ण अभ्यास किए जाएंगे।
क्या है ड्रिल का उद्देश्य?
यह ड्रिल विशेष रूप से नागरिकों को आपातकालीन स्थिति में पहले प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार करने के मकसद से की जा रही है। 1971 के बाद यह पहली बार है जब इतना बड़ा सिविल डिफेंस अभ्यास आयोजित किया जा रहा है। गृह सचिव गोविंद मोहन ने मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और सिविल डिफेंस प्रमुखों ने भाग लिया। बैठक में 2010 में अधिसूचित 244 सिविल डिफेंस जिलों की स्थिति और उनकी तैयारी पर विचार किया गया।
किन क्षेत्रों में होगी यह ड्रिल?
259 स्थानों में शामिल हैं:
- दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरु जैसे बड़े महानगर
- राजस्थान, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल और उत्तर पूर्वी राज्य
- परमाणु प्रतिष्ठानों, बंदरगाहों और औद्योगिक क्षेत्रों वाले शहर
इन क्षेत्रों को संवेदनशील मानते हुए बहु-आपदा परिदृश्य (multi-hazard scenarios) पर आधारित अभ्यास किया जाएगा।
नागरिकों के लिए ज़रूरी निर्देश
सरकार ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे टॉर्च, मोमबत्तियां, नकद और प्राथमिक चिकित्सा किट जैसे जरूरी सामान तैयार रखें। यह ज़रूरी है क्योंकि ड्रिल के दौरान ब्लैकआउट और संचार बाधा जैसे हालात उत्पन्न किए जाएंगे।
संवेदनशील स्थल और तैयारी की समीक्षा
देशभर के 244 सिविल डिफेंस प्रतिष्ठानों की स्थिति का मूल्यांकन किया गया है। इन प्रतिष्ठानों में से 100 से अधिक को अति संवेदनशील माना गया है। केंद्र सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि उपकरण कार्यशील हों और नागरिकों को प्रशिक्षण मिल सके।
पाकिस्तान को कड़ा संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ शब्दों में कहा है कि पहलगाम हमले के गुनहगारों को पाताल से भी खोजकर दंड दिया जाएगा। वहीं पाकिस्तान ने भी जवाबी बयान जारी करते हुए किसी भी कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है।
क्या बोले यूनियन होम सेक्रेटरी?
गृह मंत्रालय का फोकस है:
- एयर रेड सायरन की प्रतिक्रिया
- ब्लैकआउट के दौरान जनता की गतिविधि
- जरूरी सामान की उपलब्धता
- नागरिकों के प्रशिक्षण की कार्ययोजना
निष्कर्ष:
यह मेगा सुरक्षा ड्रिल भारत के नागरिक सुरक्षा तंत्र को मजबूती देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। इससे न केवल देश की तैयारियों का परीक्षण होगा बल्कि आम नागरिकों को भी संभावित आपदाओं से निपटने के लिए तैयार किया जाएगा।