ऑपरेशन सिंदूर के एक दिन बाद केंद्र ने नौ आतंकवादी ठिकानों पर हमले की जानकारी देने के लिए ऑल-पार्टी बैठक बुलाई। यह बैठक लगभग सुबह 11 बजे शुरू हुई। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में नौ आतंकवादी शिविरों पर हमला किया। इस संबंध में नेताओं को जानकारी देने के लिए केंद्र ने ऑल-पार्टी बैठक का आयोजन किया।
बैठक के मुख्य बिंदु
- इस बैठक में केंद्र सरकार नेताओं को सैन्य हमलों के बारे में जानकारी दे रही है, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय मुरिदके और बहावलपुर में प्रमुख आतंकवादी प्रशिक्षण केंद्रों पर हमले शामिल हैं।
- नेताओं को ऑपरेशन के उद्देश्य, लक्षित आतंकवादी ठिकानों, रणनीतिक और सुरक्षा प्रभावों के साथ-साथ पाकिस्तान से संभावित जवाबी कार्रवाई की स्थिति में भारत की तैयारी के बारे में जानकारी दी जाएगी।
- बैठक से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और सीमा पार तनाव और वर्तमान स्थिति पर जानकारी दी।
सुरक्षा उपाय और हमलों का विवरण
बैठक का आयोजन ऐसे समय में हुआ जब जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की गोलाबारी में 13 नागरिकों की मौत हो गई। सुरक्षा तैयारियों के तहत पूरे देश में अभ्यास किए गए, शहरों को अंधेरे में रखा गया, हवाई हमले के सायरन बजाए गए और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।
बुधवार तड़के, भारतीय सशस्त्र बलों ने आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने के उद्देश्य से सीमित, संतुलित और जिम्मेदार कार्रवाई की। यह हमला आतंकवादी ढांचे को ध्वस्त करने और भविष्य में संभावित हमलों को रोकने के लिए किया गया। सटीक हमले 25 मिनट के भीतर किए गए, जो सुबह 1:05 बजे से 1:30 बजे तक चले, जिसमें 24 मिसाइलें दागी गईं।
आतंकवादी ठिकानों पर हमले
पाकिस्तान में जिन ठिकानों को निशाना बनाया गया, उनमें सियालकोट का सरजल शिविर, मेहमूना जोया और मुरिदके स्थित मरकज तैयबा, बहावलपुर का मरकज सुब्हानअल्लाह शामिल थे। POK में मुजफ्फराबाद का सवाई नाला और सैयदना बिलाल, कोटली का गुलपुर और अब्बास शिविर तथा भिम्बर का बरनाला शिविर शामिल थे।
राजनीतिक समर्थन और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के प्रमुख अजहर मसूद ने स्वीकार किया कि भारतीय मिसाइल हमले में उसके परिवार के दस सदस्य मारे गए। ये हमले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के दो हफ्ते बाद हुए, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे।
ऑपरेशन की सफलता के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भारतीय सशस्त्र बलों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सेना की सटीकता और साहस की प्रशंसा करते हुए X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “हमारी सशस्त्र सेनाओं पर गर्व है। जय हिंद!”
बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका का बयान
पड़ोसी देशों के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह मदद के लिए तैयार हैं और दोनों देशों के बीच बढ़ते संघर्ष को रोकना चाहते हैं।
भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण माहौल में केंद्र सरकार ने नेताओं को ऑपरेशन सिंदूर की विस्तृत जानकारी देकर राजनीतिक एकजुटता की दिशा में कदम बढ़ाया है।