नई दिल्ली:
भाजपा ने दावा किया है कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए सटीक हवाई हमलों में जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर के छोटे भाई और कुख्यात आतंकवादी अब्दुल रऊफ अजहर को मार गिराया गया है। यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के प्रतिशोध में की गई, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। भारत ने कल पाकिस्तान और POK में नौ स्थानों पर सटीक हवाई हमले किए, जिनमें से एक जैश का मुख्यालय बहावलपुर भी शामिल था।
अब्दुल रऊफ अजहर का खात्मा
भाजपा ने सोशल मीडिया पर अब्दुल रऊफ अजहर की तस्वीर पोस्ट की, जिस पर ‘एलिमिनेटेड’ लिखा हुआ था। अब्दुल रऊफ अजहर, जो कि भारत के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक था, ने 1999 में कंधार में इंडियन एयरलाइंस IC 814 विमान के अपहरण की साजिश रची थी। इसके अलावा वह पठानकोट आतंकी हमला और 2001 में संसद पर हमले में भी शामिल था।
– कंधार प्लेन हाईजैक
– पठानकोट आतंकी हमला
– भारतीय संसद आतंकी हमला#OperationSindoor में मारा गया मोस्ट वांटेड पाकिस्तानी आतंकी अब्दुल रऊफ अजहर। pic.twitter.com/NKuRwptldH— BJP (@BJP4India) May 8, 2025
IC 814 अपहरण की त्रासदी
IC 814 अपहरण के दौरान, काठमांडू से दिल्ली जा रहे इंडियन एयरलाइंस के विमान को कंधार की ओर मोड़ दिया गया। विमान में 190 लोग सवार थे। यात्रियों की रिहाई के बदले भारतीय सरकार को तीन आतंकवादियों को छोड़ना पड़ा था, जिनमें मसूद अजहर भी शामिल था।
मसूद अजहर का बयान
एक बयान में मसूद अजहर ने दावा किया कि बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद मुख्यालय, जमिया मस्जिद सुब्हान अल्लाह पर भारतीय हमले में उसके परिवार के 10 सदस्य और चार सहयोगी मारे गए। उसने कहा, “मेरे परिवार के दस सदस्य एक साथ इस खुशी से नवाजे गए… इनमें पाँच मासूम बच्चे, मेरी बड़ी बहन और उनके सम्मानित पति शामिल हैं। मेरे विद्वान फाजिल भांजे और उनकी पत्नी, मेरी प्रिय विदुषी भांजी… मेरे प्यारे भाई हुज़ैफ़ा और उनकी माँ। दो और प्रिय साथी भी इस यात्रा में शामिल हुए।”
पछतावे का कोई स्थान नहीं
मसूद अजहर ने कहा कि उसे न तो कोई अफसोस है और न ही कोई निराशा। उसने कहा, “मेरे दिल में बार-बार यह आता है कि काश मैं भी इस चौदह सदस्यीय सुखी काफिले में शामिल हो पाता। उनके प्रस्थान का समय आ चुका था, लेकिन रब ने उन्हें मारने का इरादा नहीं किया।”
निष्कर्ष
इस हमले में आतंकवादी नेटवर्क पर करारा प्रहार करते हुए भारत ने आतंकवाद के विरुद्ध अपनी दृढ़ता को एक बार फिर साबित कर दिया।