ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवाद पर सटीक वार
नई दिल्ली: भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवाद पर करारा प्रहार करते हुए कई वीडियो जारी किए हैं। इन हमलों में लगभग 70 आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि की गई है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत जैश-ए-मोहम्मद (JeM), लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े नौ आतंकी शिविरों को नष्ट किया गया। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले का प्रतिशोध है।
प्रमुख आतंकी शिविरों पर भारतीय सेना के हमले
1. अब्बास आतंकी शिविर, कोटली
ऑपरेशन सिंदूर के तहत पहला हमला कोटली में अब्बास आतंकी शिविर पर हुआ। यह शिविर नियंत्रण रेखा (LoC) से 13 किमी दूर स्थित था। यह लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आत्मघाती हमलावरों के प्रशिक्षण का मुख्य केंद्र था। हमले में 50 से अधिक आतंकियों की ट्रेनिंग सुविधा को नष्ट कर दिया गया।
2. गुलपुर आतंकी शिविर, कोटली
लगभग 30 किमी दूर स्थित गुलपुर आतंकी शिविर को भी तबाह कर दिया गया। यह लश्कर-ए-तैयबा का प्रमुख अड्डा था, जहां पूंछ हमले और तीर्थयात्री बस हमले के आतंकियों को प्रशिक्षित किया गया था।
3. सरजल शिविर, सियालकोट
अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 6 किमी दूर स्थित सरजल शिविर भी नष्ट कर दिया गया। यहीं पर मार्च में जम्मू-कश्मीर पुलिस के चार कर्मियों की हत्या करने वाले आतंकियों का प्रशिक्षण हुआ था।
अन्य प्रमुख आतंकी ठिकाने
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बहावलपुर मुख्यालय: जैश-ए-मोहम्मद का अड्डा, अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 100 किमी दूर
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मुरिदके मुख्यालय: लश्कर-ए-तैयबा का प्रशिक्षण केंद्र, मुंबई हमलों से जुड़े आतंकियों का प्रशिक्षण स्थल
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महमूना जया शिविर, सियालकोट: हिजबुल मुजाहिदीन का नियंत्रण केंद्र
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सवाई नाला शिविर, मुजफ्फराबाद: लश्कर का प्रमुख प्रशिक्षण केंद्र
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सैयदना बेलाल शिविर, मुजफ्फराबाद: हथियार, विस्फोटक और जंगल में जीवित रहने का प्रशिक्षण
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बरनाला शिविर, भिम्बर: हथियार संचालन और IED निर्माण का प्रशिक्षण
ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य और परिणाम
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पहलगाम हमले के दोषियों को न्याय दिलाने के लिए यह ऑपरेशन किया गया।
“यह कार्रवाई मापी-तौली, गैर-उत्तेजक, संतुलित और जिम्मेदार रही।”
सेना के अनुसार, यह अभियान आतंकियों के संभावित हमलों को रोकने और आतंकी ढांचे को ध्वस्त करने पर केंद्रित था।
पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल
हमले के पंद्रह दिन बीत जाने के बावजूद पाकिस्तान की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसके विपरीत, पाकिस्तान केवल इनकार और आरोप लगाने में जुटा है।
खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान आधारित आतंकी मॉड्यूल भारत पर और हमले की योजना बना रहे थे। ऐसे में प्रतिरोध और पूर्व-निवारण दोनों ही आवश्यक थे।
निष्कर्ष
भारतीय सेना का ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ एक सशक्त और निर्णायक कदम है। भारत ने दुनिया को दिखा दिया है कि जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा की हो, तो वह किसी भी प्रकार का संकोच नहीं करता। आतंकवाद का खात्मा ही शांति की ओर बढ़ता कदम है।