चीन ने अमेरिका से आने वाले सोयाबीन के शिपमेंट को बीच रास्ते मेंही रद्द कर दिया। समुद्र के बीच में ही चीन ने डिलीवरी कैंसिल कर दी ।बाद में अमेरिका ने ब्राजील से सोयाबीन खरीद लिया।
चीन ने रची सोच समझ कर रणनीति
अमेरिका के शिपमेंट सोयाबीन लेकर चीन जा रहे थे। तभीचीन नेउनको रद्द कर दिया। चीन ने अपने एक्सपोर्टर्स को डिलीवरी रद्द करने का आदेश दिया और अपनी सोयाबीन की खरीद ब्राजील से करवाली। चीन ने अमेरिका के शिपमेंट को बीच समुद्र से ही वापस भेज दिया। चीन ने अपने सारे आर्डर कैंसल करदिये जबकि ये आर्डर खुद चीन ने ही अमेरिका कोदिये थे।
यह नहीं है केवल एक ट्रैंड वार यह है सोची-समझी चाल
अमेरिका नेटैरिफ वॉर की शुरुआत की थी लेकिन अब चीन बहुत आगे निकल गया है। चीन ने जनवरी के मध्य से ही अमेरिका से सोयाबीन मक्का के खरीद को कैंसिल कर दिया है। चीन और अमेरिका के बीच बढते तनाव के कारण चीन ने यह फैसला लिया है लेकिन चीन की यह रणनीति अमेरिकी किसानों के लिए काफी मुश्किल हो सकती है। चीन के इस कदम से यह भी संकेत मिल गया है कि आगे भी चीन अमेरिका के अन्य कृषि उत्पादों को रद्द कर सकता है।अभी हाल ही में चीन ने अमेरिका की मक्का की भी अपने भंडारमें नीलामी की है।
भारतीय किसान भी नहीं है इससे अछूते
भारतीय किसानों को भी चीन के इस फैसले का नुकसान उठाना पड़ सकता है। चीन अमेरिका की जगह ब्राजील से सोयाबीन आयात कर रहा है। जिसके कारण सोयाबीन की कीमतों में बदलाव आएगा और इसका असर भारतीय सोयाबीन बाजार पर भी पड़ेगा।
गैर चीनी बाजारों में अमेरिकी सोयाबीन की उपलब्धता बढ़ेगी और ब्राजील की भी आपूर्ति होने से प्रतिस्पर्धा अधिक होगी। जिसका असर भारत के सोयाबीन पर भी पड़ेगा और भारत की सोयाबीन की कीमतों पर भी दबाव पड़ेगा। ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि किसानों को सोयाबीन का जो दाम मिलता था उसमें 5 से 8% की गिरावट हो सकती है।
अमेरिका चीन के ट्रेड वाॅर का असर पड़ रहा है पूरी दुनिया पर
अमेरिका और चीन दोनों ही दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं। जब से डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के शासक बने हैं तभी से दोनों अर्थव्यवस्थाओं में तनाव की स्थिति है अभी दोनों देशों में एक दूसरे के प्रति 100% टैरिफ लगाया जा चुका है। अब टैरिफ के अलावा चीन और नए तरीके भी अपना रहा है अमेरिका को नीचे दिखाने के।
ऐसे समय में जबकि अमेरिका और चीन में टैरिफ को लेकर असमंजस की स्थिति है ऐसे में चीन का यह कदम मुश्किलें बढ़ाने वाला लगता है। जहां ट्रंप कहते नजर आ रहे हैं कि चीन के साथ समझौते पर बात हो रही है। वही चीन किसी भी बात को करने से इनकार कर रहा है। चीन का यह कदम इन मुश्किलों को और बढ़ाने वाला लग रहा है।
चीन ने ब्राजील में तैयार किया है कृषि ढांचा
चीन ने यह कोई अचानक फैसला नहीं किया है बल्कि वैश्विक फूड सप्लाई चैन को नए सिरे से गढा है ।यह एक रणनीति का हिस्सा है चीन ने अमेरिका से खरीदे गए मक्का काभी नीलाम करना शुरू कर दिया है। आधिकारिक टैरिफ लगाए बिना नों टैरिफ बैरियर्स का इस्तेमाल कर चीन WTO के नियमों से भी बच रहा है।
इस फैसले से अमेरिका का क्या होगा नुकसान?
चीन के फैसले से अमेरिका की सोयाबीन स्टॉक में 13% की बढ़त हो गई है इसके बाद अमेरिका ने चीन से साधारण व्यापार विवाद नहीं बल्कि इसे आर्थिक अलगाव की साजिश बताया है।
आगे क्या हो सकता है
चीन का यह कदम आगे के लिए भी इस बात का संकेत है कि भविष्य में भी चीन अन्य अमेरिकी वस्तुओंको भी इसी तरह से वापस कर सकता है ।वैश्विक कृषि बाजार अब और ज्यादा अनिश्चित होने वाला है।