हौथियों ने किया मिसाइल हमला, नेतन्याहू ने दी तीखी प्रतिक्रिया
तेल अवीव स्थित बेन गुरियन एयरपोर्ट के पास रविवार को एक शक्तिशाली बैलिस्टिक मिसाइल गिरी, जिसे यमन के ईरान समर्थित हौथी विद्रोहियों ने दागा। इस हमले के बाद इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट कर दिया कि यह एकतरफा कार्रवाई नहीं होगी, बल्कि जवाबी हमले कई होंगे।
“हमने पहले भी मारा है, आगे भी मारेंगे” – नेतन्याहू
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने अपने आधिकारिक X (पूर्व Twitter) अकाउंट पर एक वीडियो संदेश साझा करते हुए कहा:
“यह एक वार की बात नहीं है—यह कई चोटों की शुरुआत है। अमेरिका हमारे साथ समन्वय में है, और हमने पहले भी कार्रवाई की है, आगे भी करेंगे।”
इस स्पष्ट चेतावनी से संकेत मिलते हैं कि हौथियों पर बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान चलाया जा सकता है।
मिसाइल हमले की भयावहता: एयरपोर्ट पर दहशत का माहौल
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मिसाइल टर्मिनल-3 से महज 75 मीटर दूर आकर गिरी।
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चार स्तर की एयर डिफेंस को चकमा देते हुए यह मिसाइल एक घनी वृक्षवाटिका में फटी।
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विस्फोट से ज़मीन में 25 मीटर गहरा गड्ढा बना।
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यात्रियों में दहशत फैल गई, हालांकि मुख्य टर्मिनल संरचना बची रही।
IDF (Israel Defence Forces) ने हमले को रोकने की कई असफल कोशिशें कीं। अमेरिकी THAAD और इज़रायली एरो प्रणाली, दोनों ही मिसाइल को निष्क्रिय करने में विफल रहीं।
हौथियों का दावा: “अब इज़रायल का हवाई अड्डा सुरक्षित नहीं”
हौथी प्रवक्ता याह्या सरी ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि इज़रायल का मुख्य एयरपोर्ट अब सुरक्षित नहीं रहा। यह बयान उस समय आया जब ग़ाज़ा में इज़रायल के सैन्य अभियान के विस्तार पर अंतिम निर्णय लिया जा रहा था।
अमेरिका का हस्तक्षेप और रेड सी में तनाव
मार्च में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हौथियों के ठिकानों पर व्यापक हवाई हमले शुरू कराए, जिनमें सैकड़ों यमनी नागरिक मारे गए। हौथियों ने रेड सी में वाणिज्यिक जहाजों और इज़रायल को निशाना बनाकर इस क्षेत्र में गंभीर संकट पैदा कर दिया है।
निष्कर्ष: क्या यह इज़रायल-हौथी संघर्ष की शुरुआत है?
हौथी हमले और नेतन्याहू की प्रतिक्रिया यह संकेत दे रही है कि आने वाले दिनों में यह टकराव और तेज हो सकता है। इज़रायल की सुरक्षा व्यवस्था की चूक, हौथियों की बढ़ती ताकत और क्षेत्रीय तनाव ने मध्य पूर्व में अनिश्चितता बढ़ा दी है।