पाक अधिकृत आतंकी हमले के बाद भारत ने अपने रणनीतिक प्रतिघात के तहत तीन व्यापक कदम उठाए हैं — व्यापारिक आयातों पर प्रतिबंध, पाकिस्तानी जहाजों के लिए बंदरगाहों की रोक और डाक एवं पार्सल सेवाओं का पूर्णतः निलंबन। यह निर्णय देश की सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के हित में तत्काल प्रभाव से लागू किए गए हैं।
🇮🇳 व्यापार पर पूर्ण प्रतिबंध
केंद्र सरकार ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पाकिस्तान से कोई भी वस्तु, चाहे वह प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से आयात की जा रही हो, भारत में प्रवेश नहीं कर सकेगी। चाहे वह मुक्त व्यापार की श्रेणी में आती हो या विशेष अनुमति प्राप्त हो, सब पर तत्काल प्रतिबंध लागू रहेगा। इस फैसले को राष्ट्रहित और सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक बताया गया।
पहले भी, 2019 में पुलवामा हमले के बाद, भारत ने पाकिस्तानी वस्तुओं पर 200% आयात शुल्क लगाया था। इनमें फल, पेट्रोलियम उत्पाद और सीमेंट जैसी वस्तुएं शामिल थीं। अब, पहुंच मार्ग वाघा-अटारी को भी बंद कर दिया गया है, जो कि भारत-पाक के बीच व्यापार का अंतिम सक्रिय रास्ता था।
2021-22 में भारत ने पाकिस्तान को लगभग $513.82 मिलियन का निर्यात किया था, जो 2022-23 में बढ़कर $627.1 मिलियन हो गया। वहीं, पाकिस्तान से आयात घटकर $20.11 मिलियन तक सीमित रहा। 2024-25 में (जनवरी तक) भारत ने $447.65 मिलियन का निर्यात और महज $0.42 मिलियन का आयात दर्ज किया है।
⚓ शिपिंग गतिविधियों पर ताला
कुछ ही घंटों बाद भारत ने दूसरा कठोर कदम उठाया — पाकिस्तानी झंडा लिए किसी भी जहाज को भारतीय बंदरगाहों पर लंगर डालने की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही, कोई भी भारतीय पोत पाकिस्तान के किसी बंदरगाह का रुख नहीं करेगा।
1958 के मर्चेंट शिपिंग एक्ट का हवाला देते हुए सरकार ने कहा कि यह निर्णय भारतीय समुद्री हितों, माल और संबंधित अधोसंरचना की सुरक्षा के लिए लिया गया है। किसी भी अपवाद को केस-बाय-केस आधार पर ही स्वीकृति मिलेगी।
📮 डाक और पार्सल सेवाएं भी बंद
तीसरे निर्णायक कदम के रूप में, केंद्र ने घोषणा की कि पाकिस्तान से आने वाली सभी श्रेणियों की डाक और पार्सल सेवाएं स्थगित की जा रही हैं, चाहे वे हवाई मार्ग से हों या जमीनी रास्ते से। अब पाक से किसी भी प्रकार की डाक सामग्री भारत में प्रवेश नहीं कर सकेगी।
🎯 पाकिस्तान की मिसाइल परीक्षण की चाल
इन नीतिगत निर्णयों के बीच पाकिस्तान ने 450 किलोमीटर रेंज की सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल ‘अब्दाली’ के सफल परीक्षण की घोषणा कर दी। यह परीक्षण ‘Exercise INDUS’ के तहत हुआ, जिसका नाम भी इस समय प्रतीकात्मक तौर पर संवेदनशील माना जा रहा है।
पाकिस्तानी सेना ने कहा कि इस परीक्षण का उद्देश्य सेना की तैयारियों को परखना और तकनीकी क्षमताओं की पुष्टि करना है। वहीं, भारतीय सुरक्षा सूत्रों ने इसे एक गहरी उकसावेभरी कार्रवाई बताया।
“इस नाजुक परिस्थिति में इस प्रकार का मिसाइल परीक्षण पूर्णतः लापरवाहीपूर्ण और भारत विरोधी अभियान की चरम सीमा है,” सूत्रों ने कहा।
💣 पूर्ववर्ती घटनाएं और भारत का कड़ा रुख
22 अप्रैल को पैंगोंग घाटी (बेसरन) में हुए आतंकी हमले में 25 भारतीय पर्यटकों और एक नेपाली नागरिक की हत्या कर दी गई थी। मारे गए भारतीयों में नेवी और इंटेलिजेंस ब्यूरो के सेवारत अधिकारी भी शामिल थे।
इसके अगले ही दिन भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने जैसे अहम कदम उठाए। यह संधि पाकिस्तान को सिंधु नदी प्रणाली की तीन नदियों से जल प्राप्त करने का अधिकार देती है। पाकिस्तान ने इस पर “युद्ध की कार्यवाही” कहकर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी।
साथ ही भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों को जारी अधिकांश वीजा — विशेष रूप से चिकित्सा वीजा — रद्द कर दिए थे।
जवाबी प्रतिक्रिया में पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने की बात कही और सभी द्विपक्षीय समझौतों को होल्ड पर रखने का ऐलान किया, जिनमें ‘शिमला समझौता’ भी शामिल है, जो नियंत्रण रेखा को मान्यता देता है।
🛡️ भारत का स्पष्ट संदेश: निर्णायक प्रतिघात ही समाधान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सप्ताह एक उच्चस्तरीय बैठक में सेना प्रमुखों को पूरी स्वतंत्रता दी है — कार्रवाई कब, कहां और कैसे करनी है, इसका निर्णय वे स्वयं लें।
अंगोला के राष्ट्रपति के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री ने कहा:
“हम आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट हैं। पैहलगाम हमले में मारे गए लोगों के लिए अंगोला की संवेदनाओं का आभार व्यक्त करता हूं। भारत आतंकियों और उनके समर्थकों के खिलाफ कठोर और निर्णायक कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है।”