Wednesday, January 22, 2025
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क्या फ्लू वायरस फ्रिज में रखें कच्चे दूध में 5 दिनों तक रह सकता है

स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में एक रिसर्च के द्वारा ज्ञात हुआ कि इन्फ्लूएंजा (फ्लू) का वायरस फ्रिज में रखे कच्चे दूध में 5 दिनों तक रह सकता है। यह रिसर्च बर्ड फ्लू के फैलने की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए की गई थी हाल ही में डेयरी में जानवरों में बर्ड फ्लू का प्रकोप बढ़ रहा है जो कि एक नई बीमारी के विषय में इंगित करता है जो कि चिंता का विषय है। इस रिसर्च के अनुसार कच्चे दूध में इन्फ्लूएंजा वायरस (एचएन 1 पीआर 8) जिंदा रहता है।

क्या रिसर्च हुई स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में

स्टैनफोर्ड डोएर स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी और स्टैनफोर्ड स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग की रिसर्च स्कॉलर एलेक्जेंड्रिया बोहम के अनुसार कच्चे दूध के सेवन से एवियन इनफ्लुएंजा के ट्रांसमिशन होने की संभावनाएं होती है। रिसर्च के अनुसार कच्चे दूध को पीने से आपको फ्लू का संक्रमण हो सकता है। कच्चे दूध में संक्रामक इन्फ्लूएंजा का वायरस कई दिनों तक बना रहता है यह वायरस डेयरी के जानवरों के साथ-साथ अन्य पर्यावरण सामग्रियों को भी दूषित कर सकता है। जिसके कारण मनुष्यों को भी एंनफ्लूएंजा का खतरा हो सकता है। रिसर्च स्कॉलर के अनुसार फ्लू वायरस का आर एन ए अणु इस वायरस के संतति का कारण होते हैं। जिनके द्वारा इस वायरस की अनुवांशिकी बढ़ती है। इनफ्लुएंजा वायरस के आनुवांशिक अणु कच्चे दूध में 5-7 दिनों तक मौजूद रहते हैं। ये आनुवांशिक अणु स्वास्थ्य को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। लेकिन इन्फ्लूएंजा के वायरस की संतति के वृद्धि में इन्हीं का योगदान होता है।

क्या कहना है यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन का

यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन एफडीए का कहना है कि कच्चे दूध को हमेशा उबालकर ही पीना चाहिए। कच्चे दूध को बिना उबालकर पीने से 200 से अधिक बीमारियां होने का खतरा होता है। कच्चे दूध में ई.कोली और सालमोनेला जैसे कीटाणु होते हैं। जिनका काम कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के शरीर में जाकर उन्हें बीमार करना होता है। छोटे बच्चों, बड़े बुजुर्गों, बीमार व्यक्तियों और गर्भवती महिलाओं को कच्चा दूध कभी नहीं पीना चाहिए। कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण इन सबके बीमार होने के अधिक चांसेस होते हैं। कमजोर इम्यून सिस्टम वाले व्यक्तियों को भी कच्चा दूध कभी नहीं पीना चाहिए।

कच्चे दूध के फायदे

कई व्यक्तियों के अनुसार कच्चे दूध में पाश्चराइज्ड मिल्क (उबले हुए दूध) की तुलना में अधिक पोषक तत्व होते हैं। उनके अनुसार कच्चा दूध एंजाइम्स व प्रोबायोटिक से भरपूर होता है। कच्चे दूध के् प्रशंसक कहते हैं कि कच्चा दूध उबले हुए दूध की तुलना में अधिक शक्तिवर्धक होता है।

कच्चे दूध के नुकसान

कच्चा दूध पीने से गैस की समस्या हो सकती है यह आपकी इम्यूनिटी को भी कमजोर कर सकता है।
कच्चा दूध पीने से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल नामक बीमारी हो सकती है। अब जैसे की नई-नई रिसर्च के द्वारा काफी सारी जानकारियां हमें मिल रही है जिनसे पता चलता है कि अगर हम कच्चा दूध पीते हैं तो हम फ्लू के मरीज भी बन सकते हैं।

कैसे करें इन्फ्लूएंजा वायरस को दूर

अगर हम दूध को उबालकर पीते हैं तो हम इन्फ्लूएंजा को पूरी तरह से खत्म तो नहीं कर सकते पर इसके खतरे को कम कर सकते हैं, और इन्फ्लूएंजा के वायरल आनुवांशिक अणु के खतरे को भी हम लगभग 90% तक काम कर सकते हैं। अभी आनुवांशिक अणु को पूरी तरह समाप्त करना संभव नहीं हो पाया है। हमें देर में मॉनिटरिंग सिस्टम को और डिफाइन करने की जरूरत है जिससे कि हम अपनी डेयरी को खुद को और अपने जानवरों को सुरक्षित रख सके। हमें घर में दूध हमेशा अच्छी तरह से उबालकर ही पीना चाहिए। जब एक बार दूध में उबाल आ जाए तो उसे धीमी आंच पर दो से तीन मिनट उबलने देना चाहिए। जब दूध अच्छी तरह से उबल जाए तभी दूध को पीना चाहिए जिससे कि दूध में मौजूद वायरस खत्म हो सके।

सारांश

जैसे कि रिसर्च से पता चला है कि कच्चे दूध में इन्फ्लूएंजा का वायरस होता है। ऐसे में हमें
कच्चे दूध को फ्रिज में ज्यादा समय तक नहीं रखना चाहिए। कच्चे दूध को जल्दी से जल्दी उबाल लेना चाहिए ताकि इन्फ्लूएंजा का वायरस आपके दूध को और आपको नुकसान न पहुंच सके अगर आप उबला हुआ दूध पियेंगे तो हमेशा स्वस्थ रहेंगे।

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