जम्मू-कश्मीर के आठ सेक्टरों में पाकिस्तान की नापाक हरकत, 12वीं रात भी संघर्षविराम का उल्लंघन
जम्मू-कश्मीर की नियंत्रण रेखा (LoC) एक बार फिर तनाव का केंद्र बन गई है। सोमवार और मंगलवार (5-6 मई, 2025) की रात पाकिस्तान सेना ने आठ अलग-अलग सेक्टरों में अकारण फायरिंग कर संघर्षविराम की शर्तों का उल्लंघन किया। भारतीय सेना ने इस उकसावे का त्वरित और प्रभावी जवाब दिया। यह घटना जम्मू-कश्मीर के जिन इलाकों में सामने आई, उनमें कुपवाड़ा, बारामुला, पुंछ, राजौरी, मेंढर, नौशेरा, सुंदरबनी और अखनूर जैसे संवेदनशील सेक्टर शामिल हैं।
पाकिस्तान की उकसावे वाली कार्रवाई
पाकिस्तानी सेना लगातार 12वीं रात छोटे हथियारों से गोलीबारी कर रही है। रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि पाकिस्तान ने बिना किसी उकसावे के इन सेक्टरों में फायरिंग की, जिसका जवाब भारतीय सेना ने उसी स्तर पर दिया। यह घटनाएं उस वक्त सामने आईं जब दोनों देशों के बीच 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद तनाव चरम पर है। उस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी, जिसके बाद सीमा पर हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।
किन जिलों में हुआ संघर्षविराम का उल्लंघन?
इस बार की गोलीबारी जम्मू-कश्मीर के पाँच सीमावर्ती जिलों में फैली—कुपवाड़ा, बारामुला, पुंछ, राजौरी और जम्मू। वहीं सांबा और कठुआ जिलों में फिलहाल कोई फायरिंग नहीं हुई है। यह घटनाएं 740 किलोमीटर लंबी नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम समझौते की खुलेआम अवहेलना हैं।
फरवरी 2021 का संघर्षविराम समझौता अब सिर्फ कागजों में
फरवरी 2021 में भारत और पाकिस्तान ने एक बार फिर संघर्षविराम को लेकर सहमति जताई थी, लेकिन अब पाकिस्तान की बार-बार हो रही हरकतों ने इस समझौते की विश्वसनीयता को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। सीमाओं पर बढ़ती घटनाएं इस बात का प्रमाण हैं कि पाकिस्तान अब शांति बनाए रखने के किसी भी वादे का पालन नहीं कर रहा।
उत्तरी से दक्षिणी कश्मीर तक फैला तनाव
पहले फायरिंग की शुरुआत कश्मीर घाटी के उत्तरी जिलों—कुपवाड़ा और बारामुला—से हुई, जो बाद में दक्षिण की ओर बढ़ते हुए राजौरी, पुंछ, अखनूर और जम्मू के परगवाल सेक्टर तक पहुंच गई। यह एक सुनियोजित प्रयास प्रतीत होता है, जिसके पीछे भारत को अस्थिर करने की मंशा छिपी है।
सिंधु जल संधि पर भारत की सख्ती और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
भारत ने 24 अप्रैल को सिंधु जल संधि को निलंबित कर पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया था। इसके तुरंत बाद पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद किया, वाघा बॉर्डर सील कर दिया और द्विपक्षीय व्यापार को भी रोक दिया। साथ ही चेतावनी दी कि अगर भारत ने सिंधु जल को मोड़ने का प्रयास किया, तो इसे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा।
भारत-पाक सीमा की संरचना
भारत और पाकिस्तान के बीच कुल 3,323 किलोमीटर लंबी सीमा है, जो तीन हिस्सों में विभाजित है:
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अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB): लगभग 2,400 किलोमीटर, गुजरात से जम्मू के अखनूर तक।
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नियंत्रण रेखा (LoC): 740 किलोमीटर, जम्मू से लेकर लद्दाख तक।
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एक्चुअल ग्राउंड पोजिशन लाइन (AGPL): 110 किलोमीटर, सियाचिन ग्लेशियर को NJ9842 से इंदिरा कॉल तक विभाजित करती है।
निष्कर्ष
पाकिस्तान की बार-बार की गई अकारण गोलीबारी न सिर्फ संघर्षविराम समझौते का अपमान है, बल्कि शांति के प्रयासों को भी ठेस पहुंचाती है। भारतीय सेना हर मोर्चे पर सजग है और देश की सीमाओं की सुरक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही। आने वाले समय में हालात और गंभीर हो सकते हैं, लेकिन भारत किसी भी उकसावे का जवाब देने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है।