Liverpool vs Arsenal: आर्टेटा की सतर्क रणनीति और एनफील्ड में एक और निराशा

Liverpool vs Arsenal

प्रीमियर लीग का रोमांचक मुकाबला Liverpool vs Arsenal एक बार फिर गनर्स (Arsenal) के लिए एनफील्ड में निराशा लेकर आया। सोशल मीडिया पर “Make a statement” के साथ उतरी आर्सेनल टीम को उम्मीद थी कि वे मौजूदा चैंपियंस लिवरपूल के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन करेंगे। लेकिन Dominik Szoboszlai के शानदार 83वें मिनट के फ्री-किक गोल ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

आर्टेटा की सतर्क रणनीति बनी नुकसानदायक

मैच से पहले आर्सेनल के मैनेजर मिकेल आर्टेटा ने अपनी टीम को संभलकर खेलने की हिदायत दी थी। हालांकि, उनकी अत्यधिक डिफेंसिव रणनीति टीम पर भारी पड़ी। एनफील्ड जैसी जगह पर केवल ड्रॉ के इरादे से खेलने वाली यह सोच आखिरकार टीम को जीत से दूर ले गई।

ट्रांसफर मार्केट से बड़ी उम्मीदें

इस सीज़न आर्सेनल ने करीब £248 मिलियन खर्च कर कई बड़े खिलाड़ी खरीदे हैं।

  • विक्टर ग्योकेरेस (Viktor Gyokeres) को Sporting से £64m में लाया गया।

  • एबेरेची एज़े (Eberechi Eze) को Crystal Palace से £60m में साइन किया गया।

लेकिन इन नए खिलाड़ियों से उम्मीद के बावजूद टीम लिवरपूल की डिफेंस को खास चुनौती नहीं दे सकी।

एनफील्ड में कड़ी हकीकत

  • आर्सेनल पिछले 13 प्रीमियर लीग मैचों से एनफील्ड में जीत दर्ज नहीं कर पाई है।

  • सितंबर 2012 के बाद से एनफील्ड में आर्सेनल की यह स्थिति जस की तस बनी हुई है।

  • इस दौरान गनर्स ने आठ मैच हारे और पाँच ड्रॉ किए।

इस बार भी वही इतिहास दोहराया गया और आर्सेनल के हाथ निराशा लगी।

चोटों और गलत फैसलों ने बढ़ाई मुश्किल

आर्टेटा के पास कुछ मजबूरियाँ भी थीं –

  • बुकायो साका चोटिल थे।

  • कप्तान मार्टिन ओडेगार्ड पूरी तरह फिट नहीं थे और बेंच पर बैठे।

  • डिफेंडर विलियम सालिबा शुरुआती 5 मिनट बाद ही चोट के कारण बाहर हो गए।

इसके बावजूद, विशेषज्ञों का मानना है कि आर्टेटा अगर आक्रामक खेल दिखाते तो नतीजा कुछ और हो सकता था।

लिवरपूल का शुरुआती मनोवैज्ञानिक फायदा

लिवरपूल ने भले ही अपने पुराने स्तर पर खेल नहीं दिखाया, लेकिन फिर भी उन्होंने तीन अंक लेकर सीज़न की शानदार शुरुआत की। शुरुआती तीनों मुकाबले जीतकर लिवरपूल ने यह संकेत दे दिया है कि खिताब की दौड़ में वे फिर से गंभीर दावेदार हैं।

आर्टेटा का बयान

मैच के बाद आर्टेटा ने कहा:
👉 “यह मैच किसी एक गलती या किसी एक जादुई पल से तय होना था। हमने लिवरपूल को घर पर इस तरह संघर्ष करते कम ही देखा है। लेकिन अगर आपको जीतना है तो मौकों को गोल में बदलना होगा।”

उन्होंने आगे जोड़ा कि टीम पिछले सीज़न से बेहतर खेली, लेकिन मौके गंवाने की वजह से जीत हाथ से निकल गई।

निष्कर्ष

Liverpool vs Arsenal का यह मुकाबला गनर्स के लिए एक और निराशाजनक अध्याय रहा। एनफील्ड में उनकी जीत का इंतज़ार 2012 से अब तक जारी है। लिवरपूल ने अपनी मजबूती और अनुभव के बल पर एक बार फिर आर्सेनल को मात दी। अब सवाल यह है कि आर्टेटा कब तक सतर्क रणनीति के पीछे छुपते रहेंगे और कब अपनी टीम को साहसिक अंदाज में उतारेंगे।

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