Tuesday, December 3, 2024
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स्मार्टवॉच से मूड स्विंग्स की भविष्यवाणी: बायपोलर एपिसोड्स का पता लगाने में ए.आई. की नई क्रांति

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में हुए नवीनतम विकास ने एक ऐसा उपकरण विकसित किया है जो स्मार्टवॉच जैसे वियरेबल डिवाइस से एकत्रित नींद-जागने के डेटा के माध्यम से मूड डिसऑर्डर के एपिसोड्स की भविष्यवाणी कर सकता है। यह तकनीक बायपोलर डिसऑर्डर समेत मूड डिसऑर्डर की समझ और उपचार में एक क्रांतिकारी कदम है, जो नींद के पैटर्न और भावनात्मक स्वास्थ्य के बीच गहरे संबंध को उजागर करती है।
मूड डिसऑर्डर, जिसमें लंबे समय तक डिप्रेशन, उदासी या मैनिक एपिसोड्स शामिल होते हैं, अक्सर नींद-जागने की लय में गड़बड़ी से जुड़े होते हैं। दक्षिण कोरिया के इंस्टीट्यूट फॉर बेसिक साइंस के शोधकर्ताओं और उनके सहयोगियों ने वियरेबल डिवाइस की लोकप्रियता का उपयोग करते हुए इन सर्कैडियन रिदम्स (नींद-जागने की प्राकृतिक लय) पर डेटा इकट्ठा किया। यह डेटा नींद के विकार और भावनात्मक अस्थिरता के बीच के संबंधों पर नई रोशनी डालता है।
मुख्य शोधकर्ता किम जे कियोंग के अनुसार, इस एआई-आधारित मॉडल ने केवल नींद-जागने के पैटर्न पर आधारित एपिसोड्स की भविष्यवाणी करके डेटा संग्रह की लागत को कम कर दिया है और क्लिनिकल उपयोगिता को बढ़ा दिया है। “यह अध्ययन मूड डिसऑर्डर के रोगियों के लिए सस्ती और प्रभावी निदान और उपचार की नई संभावनाएं प्रदान करता है,” उन्होंने कहा।

अनुसंधान की बुनियाद में नवाचार

इस अध्ययन, जिसे जर्नल npj Digital Medicine में प्रकाशित किया गया, ने 168 मूड डिसऑर्डर रोगियों के 429 दिनों के स्लीप-वेक डेटा का विश्लेषण किया। शोधकर्ताओं ने 36 प्रमुख सर्कैडियन रिदम विशेषताओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए मशीन लर्निंग एल्गोरिदम को प्रशिक्षित किया।
इन एल्गोरिदम ने मूड एपिसोड्स की भविष्यवाणी में अद्वितीय सटीकता दिखाई। डिप्रेसिव एपिसोड्स की भविष्यवाणी 80% सटीकता के साथ, जबकि मैनिक और हाइपोमैनिक एपिसोड्स क्रमशः 98% और 95% सटीकता के साथ की गई। यह उच्च सटीकता मानसिक स्वास्थ्य देखभाल में एआई की परिवर्तनकारी क्षमता को रेखांकित करती है।

नींद और मूड के बीच गहरा संबंध

शोध ने सर्कैडियन रिदम्स और मूड एपिसोड्स के बीच गहरे संबंध को उजागर किया। सर्कैडियन रिदम, जो शरीर की प्राकृतिक 24 घंटे की लय है, मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इन लयों में गड़बड़ी भावनात्मक अस्थिरता का संकेत हो सकती है।
देर से सोने और देर से जागने वाले लोगों में डिप्रेसिव एपिसोड्स की संभावना अधिक पाई गई। इसके विपरीत, जल्दी सोने और जागने वाले लोगों में मैनिक एपिसोड्स की संभावना बढ़ जाती है। शोधकर्ताओं ने पाया कि दैनिक सर्कैडियन शिफ्ट्स मूड एपिसोड्स के प्रमुख भविष्यवक्ता हैं।

मशीन लर्निंग और मानसिक स्वास्थ्य का मेल

गणितीय मॉडलिंग और दीर्घकालिक डेटा का उपयोग करते हुए, शोधकर्ताओं ने 36 सर्कैडियन रिदम विशेषताएं निर्धारित कीं जो अगले दिन के मूड फ्लक्चुएशन्स की सटीक भविष्यवाणी करती हैं। यह सफलता न केवल मूड डिसऑर्डर की फिजियोलॉजिकल समझ को गहरा करती है बल्कि स्वास्थ्य हस्तक्षेपों को व्यक्तिगत बनाने में भी मदद करती है।
एआई मॉडल की भविष्यवाणी क्षमता पारंपरिक निदान विधियों से अलग है, जो अक्सर आत्म-रिपोर्टिंग और कभी-कभार किए जाने वाले क्लिनिकल आकलन पर निर्भर करती हैं। वियरेबल डिवाइस अब रोजमर्रा की जिंदगी में आसानी से एकीकृत हो गए हैं, जिससे वास्तविक समय में डेटा संग्रह संभव हो गया है और समय पर हस्तक्षेप सुनिश्चित किया जा सकता है।

निदान और उपचार में क्रांति

इस अध्ययन का सबसे आशाजनक पहलू यह है कि यह मूड डिसऑर्डर के निदान और प्रबंधन के तरीके में क्रांति ला सकता है। एआई मॉडल की कम लागत इसे व्यापक पहुंच योग्य बनाती है, विशेष रूप से संसाधनों की कमी वाले क्षेत्रों में। चिकित्सक वियरेबल डिवाइस से प्राप्त अंतर्दृष्टियों का उपयोग करके उपचार योजनाओं को अनुकूलित कर सकते हैं।
इसके अलावा, मूड एपिसोड्स की भविष्यवाणी करने की क्षमता रोगियों को अपने हालात को अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने का अधिकार दे सकती है। उदाहरण के लिए, डिप्रेसिव एपिसोड्स के जोखिम वाले लोग अपने दिनचर्या को समायोजित कर सकते हैं, जबकि मैनिक एपिसोड्स की संभावना वाले लोग अपने सर्कैडियन रिदम को स्थिर करने के उपाय कर सकते हैं।

मानसिक स्वास्थ्य का भविष्य

यह शोध मानसिक स्वास्थ्य देखभाल में प्रौद्योगिकी के बढ़ते महत्व को रेखांकित करता है। एआई, वियरेबल टेक्नोलॉजी और सर्कैडियन रिदम विश्लेषण का समामेलन भावनात्मक स्वास्थ्य और शारीरिक पैटर्न के जटिल संबंधों को समझने का एक नया दृष्टिकोण प्रदान करता है। जैसे-जैसे यह क्षेत्र विकसित होगा, भविष्यवाणियों की सटीकता और अधिक परिष्कृत हो सकती है, जिससे लक्षित और प्रभावी हस्तक्षेप सुनिश्चित होगा।
वियरेबल डिवाइस की व्यापक स्वीकृति और एआई की प्रगति मानसिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए एक अधिक सक्रिय और व्यक्तिगत दृष्टिकोण का मार्ग प्रशस्त करती है। मूड डिसऑर्डर से परे, इसी तरह की कार्यप्रणाली का उपयोग अन्य स्थितियों जैसे स्लीप एप्निया, सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर और क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम पर भी किया जा सकता है।

मानसिक स्वास्थ्य देखभाल में नई सुबह

नींद और मूड के बीच के मौलिक संबंध पर ध्यान केंद्रित करके, यह एआई-आधारित उपकरण मानसिक स्वास्थ्य देखभाल के परिदृश्य को बदलने की क्षमता रखता है। यह भावनात्मक स्वास्थ्य की जटिल गतिशीलता की झलक प्रदान करता है, जिससे चिकित्सक और रोगी दोनों मूड एपिसोड्स का अनुमान लगाकर उन्हें अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित कर सकते हैं। लगातार अनुसंधान और तकनीकी नवाचारों के साथ, मानसिक स्वास्थ्य देखभाल का भविष्य पहले से कहीं अधिक उज्जवल नजर आता है।

ABHISHEK KUMAR ABHAY
ABHISHEK KUMAR ABHAY
I’m Abhishek Kumar Abhay, a dedicated writer specializing in entertainment, national news, and global issues, with a keen focus on international relations and economic trends. Through my in-depth articles, I provide readers with sharp insights and current developments, delivering clarity and perspective on today’s most pressing topics.
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