हमास की कैद से वापस आई नेपाली हिंदू छात्र की बॉडी 738 दिन बाद आजाद हुए 20 इज़रायली बंधकों में 

हमास की कैद से वापस आई नेपाली हिंदू छात्र की बॉडी

738 दिन बाद आजाद हुए 20 इज़रायली बंधकों में वापस आई नेपाली हिंदू छात्र की बॉडी, हमास और इजरायल का युद्ध विराम होने के बाद अब कैदी भी वापस आ चुके हैं लेकिन आज कुछ ऐसा हुआ कि एक मां, एक बहन की तपस्या व्यर्थ होती नजर आई। एक मां एक बहन जिसने अपने बेटे अपने भाई की तलाश के लिए जमीन आसमान एक कर दिया उसे आखिर में मिली अपने बेटे की बॉडी 

हमास की कैद से वापस आई एक नेपाली हिंदू छात्र की बॉडी 

हमास के द्वारा आजाद किए गए जीवित बंधकों के साथ मृतक बंधकों की बॉडी भी वापस आई हैं। हमास ने इजरायल को कई बंधकों के शव वापस किए हैं। इन्ही में एक नेपाली हिंदू छात्र विपिन जोशी भी है। हमास ने विपिन जोशी को 738 दिन पहले बंधक बनाया था। विपिन के परिवार को उम्मीद थी कि शायद विपिन जीवित है लेकिन विपिन के शव के वापस आने के बाद उनकी आखिरी उम्मीद भी टूट गई है। विपिन का शव हमास द्वारा इजरायल को सौंप दिया गया है और अब जिसे तेल अवीव से लाया जा रहा है। 

हमास ने विपिन जोशी समेत चार बंधकों के शव सौपे इजरायल को 

हमास ने विपिन जोशी के साथ तीन अन्य व्यक्तियों के शव भी इजरायल को सौंपे हैं। हमास के द्वारा इजरायल को विपिन का शव सौपने के बाद अब उनका अंतिम संस्कार इजरायल में ही किया जाएगा। इजरायल में नेपाली दूतावास के द्वारा विपिन जोशी का अंतिम संस्कार किया जाएगा। विपिन जोशी के शव की पहचान करने के लिए उसके डीएनए की जांच भी की जाएगी। अगर शव सचमुच विपिन जोशी का होता है तो उनके शव का हिंदू रीति रिवाजों के अनुसार दाह संस्कार कर उनकी अस्थियां उनके परिवार को सौंप दी जाएगी। 

कौन थे विपिन 

विपिन नेपाल में रहते थे और गाजा सीमा के पास मौजूद इजरायल में एक एग्रीकल्चर स्टडी एंड वर्क प्रोग्राम के अंतर्गत गये थे। इस प्रोग्राम का उद्देश्य इजरायल में खेती कैसे की जाती है उसकी व्यावहारिक ट्रेनिंग लेना था। यह एक ऐसा अवसर था जो कि किसी भी युवा के लिए एक आजीवन प्रेरणा स्रोत का कार्य कर सकता था इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए विपिन 

गये थे लेकिन 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने दक्षिण इजरायल पर हमला किया। और जिसमें विपिन जोशी को हमास के द्वारा अगवा कर लिया गया था। 

 

विपिन जोशी ने हमास द्वारा अपहरण होने से पूर्व दिखाई थी हिम्मत

विपिन जोशी ने हमास द्वारा अपहरण करने से पूर्व अपनी हिम्मत दिखाई थी। जब 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने दक्षिण इजरायल पर हमला किया तब सारे छात्र सायरन बजने पर एक तहखाने में चले गए। हमास के आतंकवादियों ने इस तहखाने पर ग्रेनेट फेकें जिसमें कई छात्र घायल हुए लेकिन विपिन जोशी ने एक ग्रेनेट को विस्फोट होने से पहले ही पकड़कर बाहर फेंक दिया जिससे वहां मौजूद लोगों की जान बच गई लेकिन विपिन जोशी खुद को नहीं बचा पाए उन्हें हमास के आतंकवादियो ने पकड़ लिया।बाद में विपिन जोशी इजरायली सेना द्वारा जारी किए गए वीडियो फुटेज में गाजा की शिफा हॉस्पिटल में घसीटते हुए दिखाए गए थे और इस समय उन्हें आखिरी बार जीवित देखा गया था। उनकी मां, उनकी बहन उनका पूरा परिवार इजरायल और संयुक्त राज्य अमेरिका तक गए और आज उनके पास कुछ भी नहीं है विपिन सिर्फ 24 साल के थे आने वाले 26 अक्टूबर को 25 साल के होने वाले थे।

 

738 दिन बाद आजाद हुए 20 इजरायली बंधक 

हमास ने 20 इजरायली बंधकों को आजाद कर दिया है पहले हमास ने सात बंधकों को आजाद किया और फिर उसके बाद तेरह बंधकों को आजाद किया गया। इजरायल के विदेश मंत्रालय ने इन बंधकों की तस्वीर दिखाई है जो सैनिकों से मिलते, उनसे गले लिपटते दिख रहे हैं। हर बंधक की अपनी कहानी है कोई बंधक अपने भाई के साथ पार्टी कर रह था तो कोई म्यूजिक फेस्टिवल में सुरक्षा गार्ड के रूप में काम कर रहा था। जहां से हमास न उन्हें कैद कर लिया था। 2 साल की उस भयानक कैद के बाद आज उन सभी की आंखों में एक सुकून है। 

 

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