मां के नवरात्रि के 9 दिन शुरू हो चुके हैं जो हम सभी को भक्ति अध्यात्म और खुशियों की तरफ ले जाते हैं। आईए जानते हैं क्या करें ऐसा कि यह नवरात्रि हमें खुशियों से आनंदित कर दें।
आज 22 सितंबर है नवरात्रि का पहला दिन
आज 22 सितंबर नवरात्रि का पहला दिन है इस दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। और ऐसे ही शुरुआत होती है खुशी अध्यात्म और भक्ति के संग्राम की।
पजा करते समय क्या करें ?
नवरात्रि में घट स्थापना करने से पहले पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़ककर शुद्ध कर लेना चाहिए अगर आप घट स्थापना कर चुके हैं तो आप कल से ऐसा कर सकते हैं। अगर आप अखंड ज्योति जला सकते हैं तो अखंड ज्योति का दीपक जलाएं लेकिन ऐसी स्थिति में आपको कभी भी घर से बाहर नहीं जाना चाहिए अगर आप घर से बाहर जाते हैं तो आपके घर में कोई ना कोई व्यक्ति ऐसा होना चाहिए जो अखंड ज्योत का ध्यान रखें अगर ऐसा संभव नहीं है तो आप पूजा के समय घी के दिए और सरसों के तेल के दिए को जलाकर भी पूजा कर सकते हैं।
लाल रंग के फूल वस्त्र मां को है पसंद
दुर्गी मां को लाल रंग के फूल लाल रंग की वस्तु अर्पित करने से मां प्रसन्न होती है। लेकिन बिल्कुल भी ऐसा ना करें कि सब कुछ लाल रंग से ही सजा दे लाल प्रयोग करें लेकिन सब कुछ लगन का ही ना हो। इस दिन मां को घी से बनी वस्तु का भोग लगाया जाता है कुछ लोग इस दिन मां को आलू के हलवे का भी भोग लगाते हैं।
शैलपुत्री की पूजा क्यों की जाती है
मां शैलपुत्री की पूजा पहले दिन की जाती है मां शैलपुत्री मां का बाल स्वरूप है इनकी पूजा करने से भक्तों पर मां प्रसन्न होती हैं। उन्हें शक्ति, आत्म बल और समृद्धि प्रदान करती हैं। मां को घी भी इसलिए अर्पित किया जाता है क्योंकि घी शक्ति और सामर्थ्य प्रदान करता है। गाय का देसी घी शरीर को रोगों से दूर रखकर स्वस्थ रखता है। इस दिन मां की पूजा करने से मां मुश्किलों का सामना करने की हिम्मत देती है और स्वयं पर भरोसा करने की सामर्थ्य प्रदान करती हैं। शैलपुत्री मां का दिन उत्साह और ऊर्जा का दिन है इस दिन आपको लाल या नारंगी रंग के कपड़े और वस्त्र पहनने चाहिए।
कैसे करें खुद को नवरात्रि के पहले दिन खुशियों से उल्लासित ?
नवरात्रि के पहले दिन खुशियों से दोस्ती करने के लिए आप आने वाले दिनों के गरबे और डांडिया की प्रैक्टिस कर सकते हैं। कुछ जगह नवरात्रि के नौ दिनों ही गरबा और डांडिया खेला जाता है तो कुछ जगह नवरात्रि के 9 दिन की जगह चौथे या सातवें दिन से लेकर 9 वे दिन तक गरबा किया जाता है ऐसे में आज से आप गरबा प्रैक्टिस की शुरुआत कर सकते हैं।
क्यों किया जाता है नवरात्रि में गरबा ?
गरबा मुख्य रूप से गुजरात में किया जाता है। इस विशेष रूप से नवरात्रों में इसलिए किया जाता है क्योंकि इन दोनों मां दुर्गे की पूजा उपासना की जाती है ऐसे में सभी लोग आपस में एक दूसरे से मिलते हैं और गरबा के बहाने से खुशियों में डूब जाते हैं। सबसे पहले गरबा और डांडिया की शुरुआत गुजरात के गांवों में हुई थी। औरतें और पुरुष आपस में मिलाकर या फिर अलग-अलग ग्रुपों में मिलकर गरबा करते हैं। आप सबको शायद जानकर आश्चर्य भी होगा कि यह एक ऐसा उत्सव है जो की दुनिया का सबसे लंबा नृत्य उत्सव के रूप में जाना जाता है।
गुजरात में गरबा कब किया जाता है ?
गुजरात में गरबा नारीत्व के सम्मान का प्रतीक माना जाता है जब लड़की अपनी कौमार्यावस्था में प्रवेश करती है तो उस दिन को गरबा खेलकर सेलिब्रेट किया जाता है और गरबा खेला जाता है। शादी के अवसर पर भी गरबा खेला जाता है। लेकिन कहा जाता है की गरबा की शुरुआत मां दुर्गे की महिषासुर के साथ युद्ध में विजय के तौर पर हुई थी। जब युद्ध समाप्त हुआ तो देवताओं ने मां को धन्यवाद कहने के लिए इस नृत्य को धन्यवाद के रूप में स्वयं किया था।