पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक नया विवाद गहराता जा रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ ऐलान कर दिया है कि राज्य में केंद्र सरकार द्वारा लाया गया वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 लागू नहीं किया जाएगा।
यह बयान ऐसे समय पर आया है जब बंगाल के जंगीपुर और मुर्शिदाबाद जैसे इलाकों में इस कानून के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन और हिंसा देखी गई। ममता बनर्जी ने जनता से संयम और सौहार्द बनाए रखने की भावुक अपील करते हुए कहा —
“हमने स्पष्ट कर दिया है, यह कानून बंगाल में लागू नहीं होगा। यह अधिनियम केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया है। तो फिर दंगे का औचित्य क्या है?”
धार्मिक सौहार्द और सामाजिक एकता पर ज़ोर
मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनकारियों को सख्त संदेश देते हुए कहा कि किसी भी धर्म के नाम पर राज्य में हिंसा और अव्यवस्था को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि —
“हर एक इंसानी जीवन अनमोल है। कृपया राजनीतिक स्वार्थ के लिए समाज में वैमनस्य न फैलाएं। जो लोग दंगा भड़का रहे हैं, वे समाज को बाँटने का काम कर रहे हैं। हम ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करेंगे।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए इस कानून को लेकर राज्य सरकार जिम्मेदार नहीं है।
विपक्ष और केंद्र सरकार में टकराव
यह विवादित अधिनियम संसद में पारित होने के बाद से ही सुर्खियों में है। विपक्षी दलों द्वारा सुझाए गए सभी संशोधनों को अस्वीकार करते हुए 8 अप्रैल से इस कानून को लागू कर दिया गया। इस अधिनियम के पक्ष में 288 मत पड़े जबकि 232 सांसदों ने विरोध में मतदान किया।
সবার কাছে আবেদন
সব ধর্মের সকল মানুষের কাছে আমার একান্ত আবেদন, আপনারা দয়া করে শান্ত থাকুন, সংযত থাকুন। ধর্মের নামে কোনো অ-ধার্মিক আচরণ করবেন না। প্রত্যেক মানুষের প্রাণই মূল্যবান, রাজনীতির স্বার্থে দাঙ্গা লাগাবেন না। দাঙ্গা যারা করছেন তারা সমাজের ক্ষতি করছেন।
মনে রাখবেন, যে…
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) April 12, 2025
सरकार का दावा — वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन
केंद्र की भाजपा सरकार का मानना है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाएगा। वहीं विपक्ष इस अधिनियम को अल्पसंख्यकों की संपत्तियों पर नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश बता रहा है।
ममता बनर्जी ने क्या कहा?
ममता बनर्जी ने साफ किया कि —
“राजनीतिक फायदे के लिए धर्म का दुरुपयोग न करें। धर्म का असली अर्थ है मानवता, सद्भावना, सभ्यता और सामाजिक एकता।”
उन्होंने राज्यवासियों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि बंगाल में दंगा भड़काने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
निष्कर्ष
पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन कानून को लेकर राजनीति गरमा गई है। एक ओर जहाँ केंद्र सरकार इस कानून को पारदर्शिता की दिशा में एक अहम कदम मान रही है, वहीं विपक्ष और ममता बनर्जी इसे संविधान और सामाजिक सौहार्द के खिलाफ मानते हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीति क्या मोड़ लेती है।