आज अचानक से ही यूपीआई सेवा बंद हो गई जिसके कारण लोगों का डिजिटल पेमेंट रुक गया गूगल पे, पेटीएम, फोनपे इनमें से किसी भी एप ने काम नहीं किया। इससे पहले 26 मार्च और 2 अप्रैल को भी डिजिटल सेवाएं इसी तरह से अचानक बंद हो गई थी। अभी तक 20 दिन में तीसरी बार हो चुका है कि यूपीआई सिस्टम बार-बार फेल हो रहा है यूपीआई सिस्टम सुबह 11:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक फेल रहा जिसके कारण यूपीआई यूजर्स को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
देश भर में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस हुआ डॉउन
देशभर में आज यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस में काम करना अचानक से बंद कर दिया लोगों ने जब कर कोड स्कैन किया या नंबर डालकर पेमेंट करने का प्रयास किया तो सर्विस अनअवेलेबल का मैसेज आया। आज फिर भारत में यूपीआई सर्विस खराब हो गई ऐसा अभी तक तीसरी बार हुआ है।
कब हुई डिजिटल सेवाएं बंद
आज सुबह तक डिजिटल सेवाएं सही थी अचानक दोपहर में ही गूगल पर और पेटीएम की सेवा में शिकायत आने लगी अभी तक 1168 यूजर्स ने अभी तक शिकायती दर्द करवाई है जिनमें से 96 गूगल पे के लिए और 23 पेटीएम के यूजर्स की शिकायत है। इससे पहले 26 मार्च को और उससे पहले 2अप्रैल को भी देश में डिजिटल सेवाओं में परेशानियां आई थी जिसके कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। आजकल बच्चे से लेकर बूढ़े तक सभी ऑनलाइन पेमेंट के भरोसे होते हैं मां-बाप बच्चों को हॉस्टल सिर्फ इस ऑनलाइन पेमेंट के भरोसे भेजते हैं कि वह अपनी जरूरी चीज ऑनलाइन पेमेंट के थ्रू मंगवा सकते हैं लेकिन जब ऑनलाइन पेमेंट ही काम नहीं करेगा तो फिर ऐसे में जिन लोगों के लिए आवश्यक रोजमर्रा की जरूरत की चीजों का मंगवाने का विकल्प ही ऑनलाइन पेमेंट है उन्हें कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
दो ढाई घंटे से यूपीआई की सर्विस रही डॉउन
यूपीआई को मैनेज करने वाली संस्था एनपीसीआई ने अभी तक कोई ऑफिशियल बयान नहीं दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार काफी समय से यूपीआई की सर्विस डाउन चल रही थी। यूपीआई सिस्टम सुबह 11:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक फेल रहा
26 मार्च को भी यूपीआई की सर्विस पड़ी थी ठप्प
इससे पहले 26 मार्च को भी पूरे ढाई घंटे तक देश भर में यूपीआई सेवाएं बंद रही थी जिसके कारण ढाई घंटे तक यूपीआई के जरिए कामकाज नहीं हो पाया था।
क्या लोगों की ही डिजिटल सेवाएं बंद है या बैंकों की यूपीआई और नेट बैंकिंग सेवाएं बनाई भी है बंद
बात सिर्फ लोगों की ही नहीं है बैंकों की भी और सरकारी ऑफिसों की भी यूपीआई सेवाएं बंद है जिसके कारण बैंक से लेकर रेस्टोरेंट से लेकर ग्रोसरी की दुकानों तक सभी को असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है।
ऑनलाइन पेमेंट किस पर है सबसे ज्यादा निर्भर
भारतीय रिजर्व बैंक के हाथ में ही आरटीजीएस या NEFT के पैसे का कंट्रोल होता है। लेकिन जब बात यूपीआई पेमेंट के जरिए आती है जैसे कि रुपे, भीम पे, गूगल पे तो ऐसी स्थिति में रिजर्व बैंक के हाथ में इन पैसों का कोई कंट्रोल नहीं होता। सारी पैसों के लेनदेन से जुड़ी ऑनलाइन सुविधाएं यूपीआई के द्वारा ही संचालित होती है और इन सुविधाओं को संचालित किया जाता है नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन आफ इंडिया के द्वारा। भारत सरकार ने 1 जनवरी 2020 से यूपीआई ट्रांजैक्शन पर 0 चार्ज लागू किया है। के बाद इसके बाद भारतीय उपभोक्ता काफी हद तक ऑनलाइन पेमेंट मोड पर निर्भर हो गए हैं।
क्या है विकल्प
हम सभी पैसों के लिए ऑनलाइन मोड पर निर्भर होते जा रहे हैं कई बार तो ऐसा होता है कि हमारे वॉलेट में हम जानबूझकर भी कैश नहीं रखते कि करना क्या है आखिर हमारे पास ऑनलाइन पेमेंट का विकल्प तो है लेकिन ऐसी परिस्थितियों देखकर लगता है कि कैश अपनी जगह है जिसका कोई विकल्प नहीं हो सकता। ऑनलाइन मोड़ के ऊपर निर्भर रहकर हम खुद को परेशानी में डाल सकते हैं कभी ऐसा भी हो सकता है कि हमारा मोबाइल ही कामश्रना करें और अगर हमारे पास कैश ही नहीं होगा तो हम किसी बड़ी मुसीबत में भी फंस सकते हैं।