करवा चौथ व्रत की तैयारी पूजा विधि और मुहूर्त 

करवा चौथ व्रत की तैयारी पूजा विधि और मुहूर्त 

करवा चौथ  व्रत सुहागिन स्त्रियों का निर्जला व्रत होता है जिसमें वह पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती है और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही अपना व्रत खोलती है। आइए जानते हैं करवा चौथ व्रत की तैयारी और पूजा विधि 

करवा चौथ व्रत की तैयारी के लिए सामग्री

करवा चौथ व्रत की तैयारी करने के लिए आपको आवश्यकता होगी पूजन सामग्री की और सुहाग पिटारे की। आप चंदन, शहद, धूप, माचिस, दो कलश दो कलश या करवे, अक्षत, बताशे, मखाने, तांबे या स्टील का टोटी और ढक्कन वाला लोटा, हल्दी की गांठ जिससे आप गणेश जी और पार्वती जी बनायेंगे, आठ छोटी पूरिया या अठावरी जिन्हें पूजा के समय मंसा जाएगा।

सुहाग पिटारी के लिए सामग्री

सुहाग पिटारी के लिए आवश्यक सामग्रियों में अपनी ननद या सास या किसी भी मान को मंसने के लिए कपड़े, सिंदूर, चूड़ी, बिंदी, मेहंदी आदि आवश्यक होता है। सुहाग पिटारी हमेशा सुहागन स्त्रियों को ही दी जाती है।

कैसे करें करवा चौथ व्रत की शुरुआत ?

करवा चौथ व्रत की शुरुआत करने के लिए सबसे पहले आपको तारों की छांव में ही उठकर सरगी ग्रहण करनी होती है। सरगी फल मिठाई मेंवें होते हैं जिन्हें आपके घर के बुजुर्ग आप आपके लिए भेजते हैं, वह आपकी मां भी हो सकती है और आपकी सास भी हो सकती है। अगर कोई भी ना हो तो खुद भी अपने लिए सरगी ग्रहण कर सकते हैं। आप कुछ लोग सरगी में दूध फल मेंवे लेते हैं जो की फलाहारी होता है और कुछ लोग मीठी सेवई लेते हैं। सरगी ग्रहण करने से पहले मंदिर में शिव परिवार की पूजा कर उन्हें भोग लगाकर संकल्प ले कि आज हम करवा चौथ का व्रत रख रहे हैं हमारा व्रत विधि विधान से पूर्ण हो। सरगी ग्रहण करने के बाद अब आप पानी भी नहीं पी सकते इसलिए जो भी पानी या चाय दूध पीना हो इसी समय पी ले। 

दोपहर में या शाम के समय सुनें व्रत की कथा 

कुछ महिलाएं दोपहर में तो कुछ शाम के समय करवा चौथ व्रत की कथा सुनती है। पूजा की तैयारी कर हाथ में चावल लेकर कथा सुने, कुछ लोग इसी समय अपने करवे बदलते हैं। एक करवे में मखाने और बताशे रखें और एक करवे में जल भरकर रखें। करवे बदलते समय सात सुहागन करवा लो, करवा लो भाई करवा लो गायें। कथा सुनकर भगवान सूर्य को जल अर्पण करें।

भोजन में बनते हैं खीर,मालपुए

करवा चौथ के व्रत में अलग-अलग लोग अलग-अलग तरीके का भोजन बनाते हैं कुछ लोग मालपुआ बनाते हैं तो कुछ लोगों को खीर पूड़ी पसंद होती है जो भी पसंद है कथा के बाद ही बना ले क्योंकि शाम तक थकान होने लगेगी।

चंद्रोदय का क्या समय होगा करवा चौथ पर 

करवा चौथ पर इस बार चंद्रोदय शाम 7:54 से 8:12 मिनट पर होगा। अगर बादल होने पर चंद्रमा के दर्शन ना हो तो जहां पर भी चंद्रमा के दर्शन हो रहे हैं वहां की तस्वीर देखकर भी व्रत तोड़ा जा सकता है।

शाम को चंद्रमा को दे अर्ध्य

शाम के समय जब चंद्रमा निकल जाए तब चंद्रमा को देखकर अर्ध्य देकर पति के पैर छूकर जल ग्रहण करें। कलश में गंगाजल में कच्चा दूध अक्षत फूल मिलकर चंद्रमा को अर्ध्य दें। 

एक छलनी में दिया लेकर पहले चंद्रमा के दर्शन करें फिर पतिदेव के दर्शन करें। पतिदेव के हाथों से जल ग्रहण करें। जल ग्रहण करने से पहले भगवान गणेश से और शिव पार्वती से जो भी गलतियां हुई है उनके लिए क्षमा प्रार्थना करें और अपनी पूजा को स्वीकार करने की प्रार्थना करें।

करवा चौथ पर क्या पहने क्या ना पहने 

करवा चौथ के व्रत के दिन वैसे तो अपनी शादी की साड़ी पहनना का रिवाज होता है लेकिन अब सभी लोग नए कपड़े पहनना चाहते आप जो भी पहने उसमें नीला या काला रंग प्रयोग ना करें। कोशिश करें की लाल, सुनहरे , गुलाबी ऐसे रंग पहने।

 

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