सबसे पवित्र माह कार्तिक शुरू है आज 7 अक्टूबर से, आइये जानते हैं क्यों इसे हिंदू धर्म में सबसे पवित्र माह कहा गया है।
आज 7 अक्टूबर से शुरू है सबसे पवित्र माह कार्तिक
आज 7 अक्टूबर है और आज से ही पवित्र माह कार्तिक की शुरुआत हो गई है। कार्तिक के महीने को हिंदू धर्म में सबसे पवित्र माना जाता है। इस महीने ब्रह्म मुहूर्त में स्नान ध्यान तुलसी पूजन और दीपदान का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म का त्योहार दीपावली भी इसी मास में मनाया जाता है। दीपावली और अनेक त्यौहार इस महीने मनाये जाते हैं इसलिए इस महीने को त्योहारों का महीना भी कहा जाता है। कार्तिक मास का प्रारंभ वैसे तो शरद पूर्णिया से ही हो जाता है। लेकिन प्रथमा तिथि से भक्त अपने घरों की साफ सफाई, ब्रह्म मुहूर्त में उठने दीपदान करना शुरू कर देते हैं और आज से शुरू हो जाता है कार्तिक मास का व्रत, पूजा पाठ और उपवास।
क्यों है कार्तिक का माह सबसे पवित्र माह
कार्तिक मास की एकादशी में भगवान विष्णु अपनी चिर निद्रा से जाग जाते हैं इसलिए इस माह का विशेष महत्व है। इसी माह में तुलसी विवाह हुआ था इसी के कारण ब्रह्म मुहूर्त में तुलसा जी की पूजा की जाती है और शाम को तुलसा जी की चौरे पर दिया जलाया जाता है। पूजा जप और दान किया जाता है।नदियों के किनारे दिया जलाया जाता है। अपने घर के आसपास जलाशय और मंदिर के आसपास साफ सफाई की जाती है। जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
कार्तिक के माह में नदियों में स्नान का विशेष महत्व है
कार्तिक के महीने में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान किया जाता है। कहा जाता है की कार्तिक के मास में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से आप रोग मुक्त होते हैं आपकी नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। वैसे तो कार्तिक के महीने में गंगा, यमुना, नर्मदा या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है लेकिन अगर नदी में स्नान करना संभव न हो तो आप ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर में भी स्नान कर सकते हैं।
कार्तिक के माह दान करना है विशेष फलदायी
अगर आप इस महीने में दान करते हैं तो उसका कई गुना फल आपको मिलता है। लेकिन ध्यान रहे कि सुपात्र को ही दान दें। भिखारियों या छोटे बच्चों को दान के नाम पर हम भीख देकर अपने कर्म और खराब कर लेते हैं। हो सकता है कि इन बच्चों को किसी गिरोह द्वारा पकड़ कर भीख मांगने पर मजबूर किया गया हो और जब तक हम इन्हें भीख देते रहेंगे बच्चों को चोरी करने का सिलसिला जारी रहेगा और ये भिखारी हमारे दान के पैसों से घर में शराब पीकर जाए और लड़ाई झगड़ा करें। इसलिए सोच समझकर ही दान करें।
कार्तिक के माह में दीपदान अवश्य करें
कार्तिक के माह में अपने घर के मंदिर में तुलसा जी न और दरवाजे पर तो दीपक जलाएं ही जगाए लेकिन इसके अतिरिक्त मंदिर, नदी और पीपल, बरगद जैसे पवित्र वृक्षों के नीचे भी दिया अवश्य जलाएं।
कार्तिक के माह में नाम जप अवश्य करें
अगर आपने किसी योग्य गुरु से नाम लिया है तो नाम जप अवश्य करें नहीं तो जिस ईश्वर में भी आपकी आस्था है चाहे वह भगवान विष्णु हो, शिव हो या गणेश हो या सभी हो उनके नाम की माला जप अवश्य करें। आप ओम नमो भगवते वासुदेवाय, ओम नमः शिवाय, हीं, श्रीं, क्लीं, ऐं जैसे बीज मंत्रों का जप भी कर सकते हैं।
कार्तिक मास में पड़ेंगे कौन-कौन से व्रत और त्योहार?
कार्तिक मास में 7 अक्टूबर से कार्तिक मास के प्रारंभ होने के बाद 10 अक्टूबर को करवा चौथ और संकट चतुर्थी पड़ेगी। 13 अक्टूबर को अहोई अष्टमी, 17 अक्टूबर को एकादशी, 18 अक्टूबर को धनतेरस और प्रदोष व्रत, 19 अक्टूबर को छोटी दिवाली, 20 अक्टूबर को दीपावली और 21 अक्टूबर को स्नान दान कार्तिक अमावस्या होगी। 22 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा, 23 अक्टूबर को भाई दूज, 25 अक्टूबर को छठ पूजा की शुरुआत नहाय खा से होगी और साथ ही साथ विनायक चतुर्थी भी होगी। 26 अक्टूबर को छठ पूजा का खरना, 27 अक्टूबर को छठ पूजा की संध्या, 28 अक्टूबर को छठ पूजा का समापन सुबह सूर्य भगवान को जल अर्पण के बाद होगा।
30 अक्टूबर को गोपाष्टमी मनाई जाएगी। 31 अक्टूबर को आंवला नवमी, 2 अक्टूबर को देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह होगा। कार्तिक माह का समापन 5 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के साथ होगा जिसे देव दिवाली भी कहा जाता है।