भारत और पाकिस्तान ने अमेरिका की मध्यस्थता के बाद तत्काल युद्धविराम की पुष्टि की। दोनों देशों के बीच सीमा पार हमलों के बाद उत्पन्न तनाव को कम करने के लिए यह कदम उठाया गया है। यह संघर्ष कश्मीर में पिछले महीने हुई गोलीबारी की घटना के बाद से अब तक का सबसे गंभीर टकराव था।
शांतिपूर्ण पहल का ऐलान
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने शनिवार को कहा कि यदि भारत आगे कोई हमला नहीं करता है, तो उनका देश तनाव कम करने पर विचार करेगा। उन्होंने बताया कि इस समझौते में सऊदी अरब और तुर्की ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह युद्धविराम स्थानीय समयानुसार शाम 4:30 बजे प्रभावी हो गया।
पाकिस्तान ने सभी प्रकार की उड़ानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र पूरी तरह से खोल दिया है।
नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में भारतीय विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा कि भारत “तनाव न बढ़ाने” के लिए प्रतिबद्ध है, बशर्ते पाकिस्तान भी इसी भावना का पालन करे।
अमेरिकी राष्ट्रपति का बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान ने पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमति व्यक्त की है। उन्होंने पोस्ट में लिखा, “दोनों देशों को सामान्य बुद्धिमत्ता और महान समझदारी का उपयोग करने के लिए बधाई। इस मामले पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद!”
तनावपूर्ण घटनाक्रम
शनिवार को एक पाकिस्तानी अधिकारी ने बताया कि भारतीय गोलाबारी में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास कई इलाकों में कम से कम 11 लोग मारे गए और 56 अन्य घायल हो गए।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि भारत द्वारा रातभर मिसाइल हमले के जवाब में उनकी सेना ने प्रतिक्रिया दी। भारतीय वायुसेना के ठिकानों और अन्य स्थानों पर हमले का दावा किया गया।
भारत ने नागरिक ठिकानों को निशाना बनाने के आरोपों से इनकार किया है।
कश्मीर में दर्दनाक घटना
22 अप्रैल को भारतीय नियंत्रण वाले कश्मीर के पहलगाम रिसॉर्ट में बंदूकधारियों ने कम से कम 26 पर्यटकों की हत्या कर दी। यह घटना क्षेत्रीय संघर्ष में एक बड़ा मोड़ साबित हुई, क्योंकि अब तक नागरिकों को बड़े पैमाने पर निशाना नहीं बनाया गया था। इस हमले में 17 अन्य लोग घायल भी हुए।
कश्मीर प्रतिरोध नामक एक समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। भारत इस समूह पर पाकिस्तान से समर्थन प्राप्त करने का आरोप लगाता है।
लंबे समय से चल रहा विवाद
यह ताजा टकराव कश्मीर क्षेत्र को लेकर दशकों से जारी विवाद का एक और उबाल है, जो 1947 में भारत के रक्तरंजित विभाजन के बाद शुरू हुआ था। कश्मीर पर नियंत्रण के संघर्ष ने समय-समय पर दोनों देशों के बीच हिंसक झड़पों को जन्म दिया है।
इस युद्धविराम की पहल से उम्मीद की जा रही है कि दोनों देश शांतिपूर्ण संवाद के जरिए अपने विवादों को सुलझाएंगे। हालांकि, क्षेत्रीय अस्थिरता और राजनीतिक गतिरोध के बीच यह देखना बाकी है कि यह समझौता कितनी देर तक प्रभावी रहेगा।