अमेरिका में इस वक्त खसरे रोग ने अपना कहर बरपाया हुआ है। खसरा दुनिया के सबसे संक्रामक रोगों में से एक है। आईए जानते हैं इसके बारे में और इससे बचाव के तरीकों के बारे में खसरा अधिकतर छोटे बच्चों को होता है इस समय अमेरिका में काफी छोटे बच्चों को खसरे ने परेशान किया हुआ है।
क्या है खसरा
खसरा जिसे हम इंग्लिश में मीसल्स भी कहते हैं यह एक बहुत संक्रामक रोग है। इसमें शरीर में चेहरे पर और हाथ पैरों में दाने होने से शुरुआत होती है। यह रूबेला वायरस के कारण होता है इस वायरस के संक्रमण में आने से बीमार व्यक्ति को तेज बुखार, बहती नाक, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द ,मुंह में सफेद धब्बे, पेट दर्द ,उल्टी, थकान, बेचैनी की शिकायत रहती है। मरीज को तेज प्रकाश के प्रति असंवेदनशीलता भी हो सकती है।
खसरा है बहुत संक्रामक
खसरा एक बहुत संक्रामक बीमारी है अगर इसमें जरा सा भी लापरवाही बरते तो एक व्यक्ति से 10 लोगों को संक्रमण हो सकता है कुछ लोग खसरे को एक छोटा सा दाना और कुछ ही दिनों में ठीक होने वाला बुखार समझते हैं लेकिन अगर इसका समय रहते ध्यान न दिया जाए तो गंभीर स्वास्थ्य जटिलताएं पैदा हो सकती है।
अमेरिका में आए खसरा के 130 से भी अधिक मामले
अमेरिका इस समय खसरे की चपेट में बुरी तरह से आ चुका है इस समय अमेरिका में 130 से अधिक खसरे के मामले देखे जा चुके हैं। अमेरिका में खसरे के कारण वेस्ट टेक्सास में एक बच्चे की मृत्यु भी हो चुकी है।
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन ने दिए खसरे से बचाव के तरीके
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन का कहना है कि खतरे से बचने के लिए कम्युनिटी बेस्ड वैक्सीनेशन सबसे जरूरी है। सभी बच्चों को खांसी का टीका अवश्य लगवाना चाहिए या टीका सुरक्षित प्रभावी और सस्ता होता है।
सीडीसी की रिपोर्ट में क्या दी गई है खसरे से सुरक्षा की गारंटी
सीडीसी की रिपोर्ट मैं कहां गया है की खसरे से बचने का सबसे अच्छा तरीका खसरा, मम्स और रूबेला MMR वैक्सीन लगवाना है। यह वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी है इस वैक्सीन की दो डोज लेने से खसरे से व्यक्ति का 97% बचाव हो सकता है। खसरे की वैक्सीन की एक डोज खसरे से बचाव में 93% मददगार साबित हो सकती है।
किस उम्र में बच्चों को लगवाए खसरे का टीका
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन का कहना है की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए बच्चों को टीके की दो खुराक अवश्य दी जानी चाहिए। पहली खुराक 9 महीने की उम्र में दी जाती है यह उन देशों में 9 महीने की उम्र में दी जाती है जहां पर खसरा होने की संभावना बहुत अधिक होती है। ऐसे देश जहां खसरा होना नामुमकिन सा होता है वहां पर 12 से 15 महीने में खसरे की एक डोज दी जाती है। दूसरी डोज पहले डोज के कुछ महीनो बाद दी जाती है आमतौर पर यह 15 से 18 महीने में दी जाती है।
क्या खसरे की वैक्सीन है बहुत महंगी
खसरे की वैक्सीन का खर्चा प्रति व्यक्ति एक डॉलर से भी कम है खसरे का वैक्सीन 60 वर्षों से भी अधिक से उपयोग में लाया जा रहा है। वैक्सीन का प्रयोग आपातकालीन स्थिति में खसरे को फैलने से रोकने के लिए भी किया जाता है।
खसरे से निपटने के लिए क्या सलाह दी जा रही है
खसरे से निपटने के लिए सलाह दी जा रही है कि बिना टीका लगाए बच्चों को यात्राओं में ना लेकर जाएं हो सके तो खुद भी यात्राओं से बचें। अमेरिका में खसरे का शिकार अधिकतर वो बच्चे हो रहे हैं जिन्हें टीका नहीं लगा है और वह किसी दूसरे देश की यात्रा में गए थे जहां पर वो खसरे से संक्रमित हो गये।