यूरोपीय संघ ने भारत और रूस के बीच चल रहे संयुक्त सैन्य अभ्यास के लिए जो चिंता जताई है उसे रूस ने सिरे से खारिज कर दिया है।
यूरोपीय संघ की भारत और रूस के संयुक्त सैन्य अभ्यास के कारण हुई चिंता को रूस ने किया सिरे से खारिज
रूस और भारत का बेलारूस में संयुक्त सैन्य अभ्यास जापद में सम्पन्न हुआ। ऐसे में पश्चिमी यूरोपीय देशों ने दोनों देशों के संयुक्त सैन्य अभ्यास को लेकर चिंता जताई है जिस पर रूस ने इसे हास्यास्पद कहा है और सिरे से खारिज कर दिया है। यूरोपीय संघ कहा था कि भारत की रूस से करीबी उसके साथ घनिष्ठ संबंधों को नुकसान पहुंचा सकती है।
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोव ने क्या कहा?
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोव ने भारत और रूस के संयुक्त सैन्य अभ्यास के विषय में पश्चिमी देशों की टिप्पणी के बारे में कहा की इन देशों को कब यह समझ में आएगा कि भारत जैसी शक्तियों पर हुकुम चलाने की कोशिश करना है निरर्थकता है और हास्यास्पद भी है।मारिया जखारोव ने कहा कि यूरोप की चिंताएं निराधार है और यह एक बेहूदा दबाव बनाने की कोशिश है। यह रूस और भारत के बीच के मजबूत संबंधों को कमजोर नहीं करेगा।
रूस और भारत में 5 दिनों तक चला था संयुक्त सैन्य अभ्यास जापद
अरस का भारत में संयुक्त सैन्य अभ्यास 5 दिनों तक चला था। 11 सितंबर से 15 सितंबर तक के संयुक्त सैन्य अभ्यास चला था।15 सितंबर मंगलवार को इसका समापन हुआ था। इस अभ्यास में रूस ने अपनी अरेश्रनिक हाइपरसोनिक मिसाइल भी दिखाई थी। इस मिसाइल को साल 2024 में यूक्रेन युद्ध के दौरान लॉन्च किया गया था।
रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूस नाटो के लिए नहीं कोई खतरा
रूसी विदेश मंत्रालय ने कहां कि इस सैन्य अभ्यास में शामिल हुए अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने स्वयं देखा होगा कि रूस नाटो के लिए कोई खतरा नहीं है।
क्या कहा रूस की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने?
रूस की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता का कहना है कि जैसा कि मैंने पहले भी कहा है कि मैं किसी तीसरे देश की आपसी संबंधों पर टिप्पणी करना पसंद नहीं करती। लेकिन रूस और भारत के संबंधों पर टिप्पणी करने के लिए मैं तैयार हूं। उन्होंने कहा हम आपस में मजबूत और समय की कसौटी पर कार्य करने वाले दोस्ताना रिश्ते में बंधे हुए हैं। मैं जोर देकर कहती हूं कि हमारे संबंध पूरी तरह आत्मनिर्भर हैं। असीम संभावनाओं से भरा हुआ स्वरूप दोनों देशों की जनता के हित में लगातार साकार हो रहा है। भले ही भू राजनीतिक माहौल उतार-चढ़ाव का क्यों न हो।
मारिया जखारोव मैं आगे कहा रूस भारत की बीच विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की ठोस नीव है। जो आपसी समन्वय, सम्मान एक दूसरे की हितों का ध्यान रखना और सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मंच पर एकजुट करने वाले एजेंडे को आगे बढ़ाती है। खासकर सैन्य और सैन्य तकनीकी सहयोग के संबंध में जिनकी लंबी परंपराएं रहीं है।
हमारी साझेदारी कभी भी किसी देश के खिलाफ नहीं रही
रूस की विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मारिया जखारोव ने कहा हमारी साझेदारी कभी भी तीसरे देश के खिलाफ नहीं रही है। हमारी साझेदारी का सबसे बड़ा उद्देश्य राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना है। अंतरराष्ट्रीय स्तर शांति को सुधार करना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। हम रूसी बेलारूसी इस सैन्य अभ्यास में भारत की साझेदारी का स्वागत करते हैं। इस संदर्भ में किसी बाहरी व्यक्ति की तरफ से व्यक्त की गई तथा कथित चिंता निरापद और जानबूझकर गड़ी हुई है।
उन्होंने कहा यह है भारत पर खुलेआम दबाव बनाने का तरीका
मारिया जखारोव ने कहा यह भारत पर दबाव बनाने का तरीका है। पश्चिमी देश भारत को रूस के साथ सहयोग करने संवाद करने और साझेदारी करने से रोकने की कोशिश करते हैं पहले भी वह ये कर चुके हैं। आखिर पश्चिम कब समझेगा की एक स्वतंत्र देश, एक संप्रभु विदेश नीति अपनाने वाले देश पर हुकुम चलाने की ऐसी कोशिश कितनी व्यर्थ है और सच कहें तो यह हास्यास्पद है और जब बाद भारत की हो जो कि खुद ही एक बड़ी शक्ति है। यह सैन्य अभ्यास रूस बेलारूस और अन्य मित्र देशों के बीच सैन्य सहयोग को मजबूत करने का एक हिस्सा था।