क्रिकेट के मैदान पर जब भी England vs South Africa की टीमें आमने-सामने होती हैं, दर्शकों के बीच एक अलग ही रोमांच देखने को मिलता है। हेडिंग्ले में खेला गया पहला वनडे भी बिल्कुल वैसा ही था, लेकिन इस बार नतीजा इंग्लैंड के लिए बेहद शर्मनाक साबित हुआ। पूरी इंग्लिश टीम महज़ 131 रन पर सिमट गई और साउथ अफ्रीका ने कप्तान एडन मार्कराम की शानदार बल्लेबाज़ी की बदौलत यह मैच 125 गेंदें शेष रहते 7 विकेट से अपने नाम कर लिया।
इंग्लैंड की बैटिंग का बिखराव
इंग्लैंड की टीम ने इस मैच में ऐसी बल्लेबाज़ी की, मानो उन्हें गेंदबाज़ी करने के लिए उतारा गया हो। शुरुआत से ही विकेट गिरते रहे और कोई भी खिलाड़ी पारी को संभाल नहीं पाया।
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हैरी ब्रुक का रन आउट होना मैच का टर्निंग पॉइंट रहा।
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इसके बाद इंग्लैंड ने केवल 64 गेंदों के अंदर अपने 8 विकेट गंवा दिए।
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जेमी स्मिथ ने जरूर 54 रन बनाकर संघर्ष किया, लेकिन दूसरे छोर से लगातार विकेट गिरते रहे।
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कप्तान जोस बटलर भी केवल 15 रन ही बना पाए।
इस तरह इंग्लैंड की मजबूत मानी जाने वाली बल्लेबाज़ी लाइन-अप पूरी तरह ध्वस्त हो गई।
साउथ अफ्रीका की गेंदबाज़ी और फील्डिंग
England vs South Africa के इस मुकाबले में साउथ अफ्रीका की गेंदबाज़ी और फील्डिंग दोनों ही शानदार रहे।
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केशव महाराज ने अपनी स्पिन से इंग्लिश बल्लेबाज़ों को परेशान किया और 22 रन देकर 4 विकेट झटके।
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वियान मुल्डर ने अपने नए एक्शन का फायदा उठाते हुए 3 विकेट हासिल किए।
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नगिडी और बाकी गेंदबाज़ों ने लगातार दबाव बनाए रखा।
सिर्फ गेंदबाज़ी ही नहीं, फील्डिंग भी शानदार रही। त्रिस्टन स्टब्स की डायरेक्ट हिट और रिकेलटन के बेहतरीन कैच ने इंग्लैंड की उम्मीदों पर पूरी तरह पानी फेर दिया।
एडन मार्कराम की धमाकेदार पारी
इस मैच का सबसे बड़ा आकर्षण रहा एडन मार्कराम का तूफ़ानी प्रदर्शन। उन्होंने सिर्फ 23 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया और इंग्लैंड के गेंदबाज़ों की जमकर धुनाई की।
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उन्होंने 86 रन बनाए, जिसमें 11 चौके और 3 छक्के शामिल थे।
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मार्कराम ने इंग्लैंड के डेब्यूटेंट गेंदबाज़ बेकर की बुरी तरह धुनाई की।
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उनके पहले चार ओवरों में ही 56 रन बनाए गए, जिनमें से 45 रन अकेले मार्कराम ने बटोरे।
मार्कराम की पारी ने मैच को पूरी तरह एकतरफा बना दिया और इंग्लैंड के खिलाड़ियों के हौंसले तोड़ दिए।
इंग्लैंड की रणनीति पर सवाल
इस हार के बाद इंग्लैंड की रणनीति पर कई सवाल खड़े हो गए हैं।
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हैरी ब्रुक का “ब्रेन एक्सप्लोजन” वाला रन आउट टीम की कमजोर मानसिकता को दर्शाता है।
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बल्लेबाज़ों का धैर्य और शॉट चयन बेहद खराब रहा।
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कप्तान की फील्डिंग सेटिंग और प्लेयर मैनेजमेंट पर भी उंगलियां उठ रही हैं।
पिछले ही महीनों में इंग्लैंड ने वेस्टइंडीज़ के खिलाफ़ 400 से ऊपर का स्कोर बनाया था। वहीं अब 131 रन पर सिमट जाना यह बताता है कि टीम में स्थिरता की कमी है।
साउथ अफ्रीका की वापसी
साउथ अफ्रीका हाल ही में ऑस्ट्रेलिया से अपने सबसे बड़े अंतर से वनडे हार चुका था। उस हार के बाद हेडिंग्ले में इस तरह की जीत टीम के आत्मविश्वास को ऊँचाइयों पर ले जाएगी।
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गेंदबाज़ी यूनिट एकजुट होकर काम कर रही है।
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बल्लेबाज़ों में मार्कराम, रिकेलटन और मुल्डर जैसे नाम लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।
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कप्तान मार्कराम का नेतृत्व टीम के लिए बोनस साबित हो रहा है।
डेब्यूटेंट बेकर का फ्लॉप शो
इंग्लैंड की हार का एक बड़ा कारण उनके युवा गेंदबाज़ बेकर का खराब प्रदर्शन भी रहा। इंग्लिश मीडिया ने उन्हें मैच से पहले खूब हाइप दिया था, लेकिन मैदान पर वे पूरी तरह नाकाम रहे।
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उन्होंने 7 ओवर में 76 रन लुटाए और कोई विकेट नहीं मिला।
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उनके ओवरों में लगातार चौके-छक्के बरसते रहे।
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यह प्रदर्शन इंग्लैंड के चयनकर्ताओं के फैसले पर भी सवाल खड़ा करता है।
इंग्लैंड vs South Africa: भविष्य की तस्वीर
यह सीरीज़ इंग्लैंड के लिए बहुत अहम है क्योंकि आगामी बड़े टूर्नामेंट्स से पहले टीम को अपनी खामियों को दूर करना होगा। वहीं साउथ अफ्रीका के लिए यह सीरीज़ आत्मविश्वास और टीम स्पिरिट को मज़बूत करने का अवसर है।
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इंग्लैंड को अपनी बैटिंग लाइन-अप और कप्तानी रणनीति पर काम करना होगा।
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साउथ अफ्रीका अगर इसी अंदाज़ में खेलता रहा तो सीरीज़ जीतने से कोई नहीं रोक सकता।
निष्कर्ष
England vs South Africa का यह मुकाबला क्रिकेट प्रेमियों के लिए सबक भरा रहा। इंग्लैंड की लापरवाह बल्लेबाज़ी और साउथ अफ्रीका की टीमवर्क ने साफ दिखा दिया कि जीत सिर्फ़ नाम से नहीं, बल्कि मैदान पर प्रदर्शन से मिलती है।
मार्कराम की आक्रामक पारी, महाराज की धारदार गेंदबाज़ी और साउथ अफ्रीका की चुस्त फील्डिंग ने मैच को पूरी तरह एकतरफा बना दिया। इंग्लैंड को अब सीरीज़ में वापसी के लिए नई रणनीति और नए आत्मविश्वास के साथ उतरना होगा, वरना यह सीरीज़ उनके हाथ से निकल सकती है।