Dhanteras 2025 का शुभ पर्व हर साल की तरह इस बार भी कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाएगा। यह दिन दीपावली पर्व की शुरुआत का प्रतीक है और इसे “धन त्रयोदशी” भी कहा जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन विधिवत पूजा करता है, उसके घर में धन, सुख, समृद्धि और आरोग्य की वृद्धि होती है।
🕉️ धनतेरस का महत्व (Significance of Dhanteras 2025)
Dhanteras 2025 केवल सोना-चांदी या बर्तन खरीदने का दिन नहीं है, बल्कि यह दिन सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए, यह दिन स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना से जुड़ा हुआ है।
इसी दिन कुबेर देव और मां लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है, ताकि घर में धन की बरकत बनी रहे और आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो। माना जाता है कि इस दिन जो भी वस्तु खरीदी जाती है, उसमें तेरह गुना वृद्धि होती है।
🕰️ Dhanteras Puja Muhurat 2025 – शुभ समय और दिशा
Dhanteras 2025 पर पूजा का विशेष महत्व प्रदोष काल में होता है। प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद शुरू होता है, और यही समय पूजा के लिए सबसे शुभ माना जाता है।
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पूजा का शुभ समय: शाम 7 बजकर 15 मिनट से रात 8 बजकर 19 मिनट तक
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दिशा: पूजा करते समय मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर रखें
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काल: सूर्यास्त के बाद लगभग 45 मिनट से लेकर 2 घंटे तक का समय शुभ माना गया है।
इस समय में भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी और कुबेर देव की संयुक्त पूजा करने से असीम पुण्य की प्राप्ति होती है।
🪔 धनतेरस पूजा सामग्री (Dhanteras Puja List 2025)
Dhanteras 2025 की पूजा के लिए आवश्यक वस्तुएं पहले से तैयार कर लें ताकि पूजा के समय कोई व्यवधान न आए। पूजा में इन सामग्रियों का विशेष महत्व है:
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भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर देव की मूर्ति या चित्र
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मिट्टी या पीतल का दीपक
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रोली, चावल, हल्दी, फूल, धूपबत्ती
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गंगाजल या स्वच्छ पानी
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नए सिक्के या चांदी के सिक्के
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कलश, नारियल और आम के पत्ते
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मिठाई (खीर, बताशे, गुड़, लड्डू)
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पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर)
इन सभी सामग्रियों के साथ श्रद्धा और भक्ति से पूजा करने पर धन की वृद्धि और समृद्धि बनी रहती है।
🙏 Dhanteras Puja Vidhi 2025 – धनतेरस पूजा विधि
1️⃣ सुबह की तैयारी:
Dhanteras 2025 के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और घर की सफाई करें। घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में पूजा का स्थान निर्धारित करें।
2️⃣ देवताओं की स्थापना:
भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर देव की प्रतिमा या चित्र को स्वच्छ स्थान पर रखें। पंचदेव (गणेश, विष्णु, शिव, सूर्य और देवी दुर्गा) की स्थापना भी शुभ मानी जाती है।
3️⃣ भगवान धन्वंतरि की पूजा:
दीपक जलाकर “ॐ धन्वंतरये नमः” मंत्र का जाप करें। भगवान को पंचामृत से स्नान कराएं और तुलसी पत्र अर्पित करें। यह स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए शुभ माना जाता है। उन्हें फूल, रोली, चावल, फल, बताशे, खील और मिठाई चढ़ाएं।
4️⃣ मां लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा:
इसके बाद मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करें। दोनों को रोली और अक्षत से तिलक करें, फूल अर्पित करें और दीपक जलाएं। पूजा में सिक्के या नया धन रखें।
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मां लक्ष्मी मंत्र: “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः।”
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कुबेर मंत्र: “ॐ यं कुबेराय नमः।”
पूजा के अंत में आरती करें और प्रसाद परिवार के सदस्यों में बांटें।
🔥 दीपक जलाने की विधि (Lighting Diyas on Dhanteras 2025)
मुख्य पूजा के बाद प्रदोष काल में दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
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एक दीपक यमराज के नाम से जलाएं।
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घर के मुख्य द्वार पर 13 दीपक जलाएं।
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घर के अंदर भी 13 दीपक जलाकर सभी कोनों में रखें।
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दक्षिण दिशा में दीप जलाने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है।
मान्यता है कि दीपक की रोशनी न केवल अंधकार मिटाती है, बल्कि जीवन में सकारात्मकता, समृद्धि और सौभाग्य लाती है।
🪙 धनतेरस पर खरीदारी का महत्व
Dhanteras 2025 पर खरीदारी का अत्यंत शुभ महत्व बताया गया है। इस दिन धातु से बनी वस्तुएं जैसे कि सोना, चांदी, तांबा या स्टील खरीदना बहुत शुभ होता है।
लोग आमतौर पर इस दिन सोने-चांदी के सिक्के, धन्वंतरि या लक्ष्मी जी की मूर्ति, नए बर्तन और घर के लिए नई चीजें खरीदते हैं।
कहा जाता है कि इस दिन खरीदी गई वस्तु घर में धन की वृद्धि और सौभाग्य लेकर आती है।
🌼 धनतेरस से जुड़े विशेष पर्व
धनतेरस के दिन ही यम दीपदान का विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि प्रदोष काल में यमराज के नाम का दीपक जलाने से परिवार पर अकाल मृत्यु का साया नहीं पड़ता।
साथ ही, इस दिन शनि त्रयोदशी और यम दीपम जैसे विशेष संयोग बनने पर इसका फल कई गुना बढ़ जाता है।
🌙 धनतेरस 2025 की आध्यात्मिक भावना
Dhanteras 2025 केवल पूजा और खरीदारी का पर्व नहीं है, बल्कि यह आत्मिक शुद्धि, आभार और परिवार की समृद्धि का उत्सव है। यह दिन हमें सिखाता है कि धन केवल भौतिक सुख नहीं है, बल्कि सही कर्मों, आशीर्वाद और सकारात्मक सोच से अर्जित समृद्धि ही सच्चा धन है।
🏵️ निष्कर्ष (Conclusion)
Dhanteras 2025 पर यदि पूजा विधि, दिशा और समय का पालन सही ढंग से किया जाए तो न केवल धन-संपदा की वृद्धि होती है, बल्कि घर में शांति, स्वास्थ्य और सौभाग्य भी प्राप्त होता है।
भगवान धन्वंतरि से स्वास्थ्य, मां लक्ष्मी से धन और कुबेर देव से समृद्धि की कामना करें — यही इस पवित्र पर्व का संदेश है।