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Bharat Bandh 2024: आज भारत बंद क्यों है? कौन-कौन से संगठन और दल हैं शामिल।

Bharat Bandh 2024

एसटी-एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में आहूत भारत बंद का झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और उसके सहयोगी दलों ने समर्थन किया है. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद राजधानी रांची में बंद के समर्थन में धरना देंगे. झामुमो नेता डोरंडा के आंबेडकर चौक पर धरना देंगे. उनके साथ पार्टी के कार्यकर्ता भी मौजूद रहेंगे.

हजारीबाग के बड़कागांव मुख्य चौक को किया जाम

हजारीबाग जिले के बड़कागांव में एसटी-एससी ओबीसी आरक्षण पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बड़कागांव मुख्य चौक को बंद समर्थकों ने जाम कर दिया. सुबह से ही ये लोग भारत बंद के समर्थन में सड़कों पर उतर गए और बाजारों एवं दुकानों को जबरन बंद करवाया. कोडरमा जिले में भी बंद का असर देखा गया. सड़क पर उतरकर एसटी-एससी और ओबीसी ने सड़कों पर वाहनों का आवागमन ठप कर दिया.

पलामू और खूंटी में असरदार रहा भारत बंद

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पलामू और खूंटी जिले में भी भारत बंद का व्यापक असर देखा गया. मेदिनीनगर शहर में बंद असरदार रहा, तो पलामू के ग्रामीण इलाकों में बंद का मिलाजुला असर रहा. वाहनों का परिचालन पूरी तरह ठप रहा. कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. उधर, खूंटी जिले में झामुमो कार्यकर्ताओ ने घूम-घूमकर बंद को सफल बनाया. खूंटी शहर के भगत सिंह चौक को जाम कर दिया गया.

आज क्यों बुलाया गया है भारत बंद

आज भारत बंद बुलाने का मुख्य उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देना और इसे वापस लेने की मांग करना और सरकार पर दबाव डालना है। संगठनों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट कोटे में कोटा वाले फैसले को वापस ले या पुनर्विचार करे। बंद में शामिल होने वाले NACDAOR ने दलितों, आदिवासियों और ओबीसी से बुधवार को शांतिपूर्ण आंदोलन में हिस्सा लेने की अपील की है। आज के भारत बंद में शामिल संगठनों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आरक्षण के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है और इसे वापस लिया जाना चाहिए।

जानिए क्या मांगें रखी गईं हैं

NACDAOR संगठन ने सरकारी नौकरी कर रहे सभी एससी, एसटी और ओबीसी कर्मचारियों का जातिगत आंकड़ा जारी करने और भारतीय न्यायिक सेवा के जरिए न्यायिक अधिकारी और जज नियुक्त करने की मांग रखी है। इसके साथ ही संगठन का कहना है कि सरकारी सेवाओं में SC/ST/OBC कर्मचारियों के जाति आधारित डाटा तत्काल जारी किया जाए ताकि उनका सटीक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सके। समाज के सभी वर्गों से न्यायिक अधिकारियों और जजों की भर्ती के लिए एक भारतीय न्यायिक सेवा आयोग की भी स्थापना की जाए ताकि हायर ज्यूडिशियरी में SC, ST और OBC श्रेणियों से 50 फीसदी प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाए।