Friday, January 24, 2025
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अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर का निधन, हरियाणा के गांव से जुड़ा था खास रिश्ता

अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति जिमी कार्टर का 100 वर्ष की आयु में रविवार की रात निधन हो गया। जिमी कार्टर के भारत से मैत्री संबंध थे। उन्होंने आपातकाल के बाद 1978 में भारत की यात्रा की थी। उनके सम्मान में भारत के गांव का नाम कार्टरपुरी रखा गया था।

क्यों की थी अमेरिका के राष्ट्रपति ने भारत के गांव की यात्रा

अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह यात्रा 1978 में आपातकाल हटने के बाद की थी। अमेरिकी राष्ट्रपति के भारत आगमन के समय जनता पार्टी की सरकार थी। यात्रा के समय उन्होंने संसद को भी संबोधित किया था। उनकी यह यात्रा भारत को जानने के लिए की गई यात्रा थी जिसमें बाद में अमेरिका से भारत के मैत्री संबंध स्थापित हुए। अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर की मां लिनियन कार्टर ने 1960 में भारत में पीस काॅप्स स्वयंसेवक के रूप में काम किया था। जिसके कारण उन्हें भारत से प्यार था। मां के भारत लगाव के कारण अमेरिकी राष्ट्रपति का भी भारत से जुड़ाव था।

कैसी रही थी जिमी कार्टर की यह यात्रा?

अमेरिकी राष्ट्रपति की यात्रा सफल रही थी इस यात्रा में सांझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर भारत और अमेरिका के संबंध मजबूत हुए थे।

कैसा था अमेरिकी राष्ट्रपति का शासन काल?

कार्टर के राष्ट्रपति काल में जो कि 1977 से लेकर 1981 तक था शीत युद्ध का तनाव था। इसके अतिरिक्त अन्य समस्याएं जैसे अस्थिर तेल बाजार, लैंगिक समझौते, और घरेलू संघर्ष शामिल थे। जिमी कार्टर ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर होते हुए मिश्र इजरायल के बीच शांति समझौता कराया था इसके अलावा कैंप डैविड समझौता भी उनके शासनकाल में हुआ था। ईरानी बंधक संकट और आर्थिक परेशानियों के बावजूद जिम कार्टर ने अमेरिकी प्रशासन को मजबूत किया था। मानवीय संबंधों को लेकर भी वह सकारात्मक थे जिसके कारण उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिला था।

क्यों भारत के एक गांव के लिए जिम कार्टर है खास ?

हम भारत वासी तो वैसे भी जिसे प्यार करते हैं दिल से ही करते हैं। ऐसे में हरियाणा के एक गांव ने तो अमेरिकी राष्ट्रपति जिम कार्टर के आने के बाद अपने गांव का नाम ही कार्टर पुरी रख लिया था।। यह गांव हरियाणा में स्थित है और दिल्ली से केवल 1 घंटे की दूरी पर है। 3 जनवरी 1978 को जिमी कार्टर और तत्कालीन प्रथम महिला रोजलिन कार्टर को लेकर हरियाणा के गांव दौलतपुर में गए थे। जो कि नसीराबाद में है वहां जाकर उन्होंने गांव वासियों का मन मोह लिया। गांव वालों के लिए उनका आना इतना सुखद था कि उन्होंने राष्ट्रपति के सम्मान में अपने गांव का नाम बदलकर कार्टरपुरी ही रख दिया। वहां उन्होंने एक एनजीओ कार्टर सेंटर भी खोला।

अमेरिका के राष्ट्रपति के नोबेल पुरस्कार का जश्न मना भारत के गांव में

जब श्री कार्टर को 2002 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला तो अमेरिका के साथ पूरे देश में तो उत्सव मनाया ही गया था लेकिन इस गांव के लोगों ने इस दिन छुट्टी मना कर इस दिन को सेलिब्रेट किया और 3 जनवरी को बड़े पैमाने पर उत्सव मनाया।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने क्या कहा संसद में?

अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत आकर संसद में कहा दुनिया के लोकतांत्रिक देश एक दूसरे के साथ प्रगति करेंगे। हमारे राजनीतिक और आध्यात्मिक मूल्य हमें सामाजिक और आर्थिक संकटों से मिलकर निबटने में एक आधार स्तंभ का काम करेंगें।

कैसे संबंध है अब भारत और अमेरिका के?

अमेरिका के भारत के साथ सामाजिक और राजनीतिक संबंधों में मजबूती आ चुकी है दोनों देशों ने ऊर्जा, मानवीय सहायता, अंतरिक्ष सहयोग, समुद्री सुरक्षा, आपदा राहत और आतंकवाद विरोधी अभियान में मिलकर काम किया है। सन 2000 में अमेरिका और भारत में पूर्ण असैन्य परमाणु सहयोग की दिशा में एक समझौता हुआ था तब से यह समझौता दोनों देशों में कायम है।

 

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