Tuesday, July 1, 2025
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भारत ने इंडस जल संधि को किया स्थगित: छह नई जलविद्युत परियोजनाओं और जलाशयों की सफाई से पाकिस्तान को कड़ा संदेश

भारत का निर्णायक कदम: इंडस जल संधि स्थगन और नई परियोजनाओं की शुरुआत

24 अप्रैल 2025 को भारत सरकार ने इंडस जल संधि (Indus Waters Treaty – IWT) को आधिकारिक रूप से स्थगित कर दिया, जिससे पाकिस्तान के साथ दशकों पुरानी जल-बाँट संधि पर विराम लग गया। इस निर्णय के कुछ ही दिनों में भारत ने कश्मीर में सलाल और बगलीहार जलविद्युत परियोजनाओं में ‘जलाशय फ्लशिंग’ प्रक्रिया शुरू कर दी।

यह कदम न केवल भारत की रणनीतिक जल-नीति का हिस्सा है, बल्कि पाकिस्तान के लिए जवाबी चेतावनी भी है कि अब पुराने नियमों के तहत कोई बाध्यता नहीं बची।

जलाशय फ्लशिंग क्यों है महत्वपूर्ण?

  • सलाल (690 MW) और बगलीहार (900 MW) परियोजनाओं की टर्बाइनें तलछट से जाम हो रही थीं।

  • इंडस संधि के तहत भारत को इन्हें साफ़ करने की अनुमति नहीं थी।

  • अब फ्लशिंग से बिजली उत्पादन क्षमता में सुधार और टर्बाइन सुरक्षा संभव होगी।

छह नई जलविद्युत परियोजनाएं: जम्मू-कश्मीर की ऊर्जा क्रांति

सरकार अब छह रुकी हुई परियोजनाओं के निर्माण को तेज़ी से आगे बढ़ा रही है:

 

परियोजना क्षमता (MW)
सावलकोट 1,856
किर्थई-I और II 1,320 (संयुक्त)
पाकल डुल 1,000
अन्य तीन परियोजनाएं 2,224 (कुल)

पूरी होने पर जम्मू-कश्मीर की कुल विद्युत क्षमता हो सकती है 10,000 मेगावाट

पाकिस्तान को झटका: जल प्रवाह अस्थायी रूप से रोका गया

हाल ही में भारत ने बगलीहार डैम के माध्यम से जल प्रवाह को कुछ समय के लिए रोका, जो एक स्पष्ट संकेत है। यह कदम पाकिस्तानी नीतियों के विरुद्ध गैर-सैन्य दबाव का एक उदाहरण है।

  • चेनाब नदी पर बने बांधों को लेकर अब भारत पर IWT की कोई रोक नहीं।

  • नई परियोजनाएं अब कानूनी बाधाओं के बिना संभव होंगी।

IWT निलंबन का पाकिस्तान पर प्रभाव

  • पाकिस्तान की 80% कृषि इंडस नदी प्रणाली पर निर्भर।

  • जल प्रवाह रोकने पर आर्थिक व सामाजिक संकट गहरा सकता है।

  • इस्लामाबाद ने इसे “युद्ध जैसी कार्रवाई” कहा।

सैन्य विकल्प भी खुले

पहलगाम हमले की ज़िम्मेदारी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने ली है, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है। भारत का दावा है कि इसमें पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसियों की संलिप्तता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को स्वतंत्र निर्णय लेने की अनुमति दी है।

➡️ पिछले उदाहरण के तौर पर, 2019 के पुलवामा हमले के बाद भारत ने बालाकोट एयरस्ट्राइक कर आतंकियों के ठिकानों को नष्ट किया था।

निष्कर्ष: क्या पाकिस्तान तैयार है नए भारत के लिए?

IWT का स्थगन केवल कूटनीतिक कदम नहीं, बल्कि जल, ऊर्जा और सुरक्षा नीति का संगम है। भारत अब जल को रणनीतिक हथियार के रूप में प्रयोग करने की ओर बढ़ रहा है।

🚨 यदि पाकिस्तान अपनी नीति नहीं बदलता, तो भारत नदियों के साथ अपने रुख को भी पूरी तरह मोड़ सकता है।

📢 आपके विचार?

क्या भारत का यह कदम उचित है? क्या जल को रणनीतिक हथियार के रूप में प्रयोग करना नैतिक है?
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ABHISHEK KUMAR ABHAY
ABHISHEK KUMAR ABHAY
I’m Abhishek Kumar Abhay, a dedicated writer specializing in entertainment, national news, and global issues, with a keen focus on international relations and economic trends. Through my in-depth articles, I provide readers with sharp insights and current developments, delivering clarity and perspective on today’s most pressing topics.
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