हैदराबाद से उठी आतंकवाद के विरुद्ध सख्त आवाज़
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पहलगाम हमले को लेकर आतंकवादियों और पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला है। हैदराबाद में एक सार्वजनिक बयान में ओवैसी ने कहा कि जो कृत्य इन आतंकियों ने किया, वो महज़ हिंसा नहीं, बल्कि मानवता के खिलाफ घोर अपराध है।
“इन हायवानों ने, जो हरकत की — नाम पूछ-पूछकर, मज़हब पूछकर गोलियां मारीं — उसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए,” ओवैसी ने कहा।
उन्होंने आरोप लगाया कि ये आतंकी सीधे पाकिस्तान से आए थे और उन्हें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और वहां की सत्ता व्यवस्था का पूर्ण समर्थन प्राप्त था।
सोशल मीडिया पर मिली सराहना, विरोधियों ने भी की तारीफ़
ओवैसी के इस कड़े रुख को सोशल मीडिया पर असाधारण समर्थन मिला। ऐसे लोग भी उनकी तारीफ करते दिखे जो सामान्यतः उनके विरोधी माने जाते हैं। कई उपयोगकर्ताओं ने कहा कि ओवैसी ने राहुल गांधी और अखिलेश यादव जैसे विपक्षी नेताओं की तुलना में कहीं अधिक स्पष्ट और सशक्त प्रतिक्रिया दी है।
प्रधानमंत्री के रुख का किया स्वागत
ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का भी समर्थन किया जिसमें उन्होंने कहा था कि पहलगाम हमले के अपराधियों और उनके योजनाकारों को उनकी कल्पना से परे सज़ा मिलेगी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी एआईएमआईएम, राष्ट्रीय हित में सरकार द्वारा उठाए गए हर कदम का समर्थन करेगी।
Asaduddin Owaisi sounds far better than “Secular Hindus” while speaking about the #PahalgamTerroristAttack.
He once again says that Hindus were killed because of their religion and it should be avenged.. pic.twitter.com/EFIUNo1NSL
— Mr Sinha (@MrSinha_) April 24, 2025
“आतंकवाद के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं होना चाहिए। आज आवश्यकता है राष्ट्र की सुरक्षा और कश्मीरियों की हिफाज़त की। सरकार जो भी कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में उठाएगी, हम उसके साथ हैं,” ओवैसी ने कहा।
शुक्रवार की नमाज़ में काली पट्टी पहनने की अपील
एक वीडियो संदेश में ओवैसी ने देश के मुसलमानों से अपील की कि वे शुक्रवार की नमाज़ के दौरान काली पट्टी बांधकर आतंकियों को यह सख्त संदेश दें कि मुस्लिम समाज ऐसे नृशंस कृत्यों की खुलकर निंदा करता है।
भारत की जवाबी कार्रवाई: पाकिस्तान से संबंधों में कटौती
भारत सरकार ने हमले के बाद पाकिस्तान के साथ अपने राजनयिक संबंधों में बड़ी कटौती की है। इसके अंतर्गत:
-
पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों को देश से निष्कासित किया गया।
-
1960 की इंडस जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
-
अटारी लैंड ट्रांजिट पोस्ट को भी बंद कर दिया गया।
सरकार के इन सख्त कदमों को पूरे देश में व्यापक समर्थन मिल रहा है। कश्मीर में 26 निर्दोष नागरिकों की बर्बर हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।