Sunday, March 9, 2025
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सुप्रीम कोर्ट ने अडानी ग्रुप की धारावी पुनर्विकास परियोजना पर रोक लगाने से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि अडानी ग्रुप की इस परियोजना से संबंधित सभी भुगतान एक विशिष्ट एस्क्रो खाते के माध्यम से किए जाएं।

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई स्थित एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी धारावी के पुनर्विकास कार्य पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को अडानी ग्रुप द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।

दरअसल, यह मामला दुबई स्थित Seclink Technology Corporation (STC) द्वारा दायर याचिका से जुड़ा था। STC ने बॉम्बे हाई कोर्ट के 19 दिसंबर 2024 के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें महाराष्ट्र सरकार द्वारा 2019 की सफल बोली को रद्द कर 2022 में अडानी ग्रुप को नई निविदा देने के निर्णय को बरकरार रखा गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने से किया इनकार

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने इस परियोजना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अडानी ग्रुप की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने अदालत को सूचित किया कि इस परियोजना के लिए करोड़ों रुपये की मशीनरी खरीदी जा चुकी है और सैकड़ों श्रमिक साइट पर कार्यरत हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत भारतीय रेलवे के क्वार्टरों को गिराने का काम पहले ही शुरू हो चुका है।

इस पर न्यायालय ने निर्देश दिया कि अडानी ग्रुप इस परियोजना से संबंधित सभी वित्तीय लेन-देन को पारदर्शी बनाने के लिए एक एस्क्रो खाता बनाए और सभी भुगतान इसी खाते से किए जाएं। इसके अलावा, समस्त व्यय से जुड़े उचित चालान, विवरण और दस्तावेजों को व्यवस्थित रूप से संकलित रखने का निर्देश दिया गया।

Seclink ने बोली बढ़ाने का दिया प्रस्ताव

STC की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सी. आर्यमा सुंदरम ने दलील दी कि उनकी कंपनी अपने मूल 7,200 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को 20% बढ़ाकर 8,640 करोड़ रुपये तक करने के लिए तैयार है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इस संशोधित प्रस्ताव को स्पष्ट करने हेतु शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया।

बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला

इससे पहले 19 दिसंबर 2024 को बॉम्बे हाई कोर्ट ने STC की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें महाराष्ट्र सरकार द्वारा अडानी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को धारावी पुनर्विकास परियोजना सौंपने के निर्णय को चुनौती दी गई थी। अदालत ने यह कहते हुए STC की आपत्तियों को खारिज कर दिया कि निविदा की शर्तें अडानी ग्रुप को लाभ पहुंचाने के लिए “मनमाने ढंग से तय” नहीं की गई थीं, बल्कि यह दावा पूरी तरह गुमराह करने वाला था।

STC ने 13 जुलाई 2023 को महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी सरकारी प्रस्ताव (GR) और 17 जुलाई 2023 को दिए गए कार्यादेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत अडानी प्रॉपर्टीज को इस परियोजना का नेतृत्व करने के लिए अधिकृत किया गया था।

अडानी ग्रुप को कैसे मिला यह प्रोजेक्ट?

नवंबर 2022 में अडानी प्रॉपर्टीज ने 259 हेक्टेयर के धारावी पुनर्विकास प्रोजेक्ट की बोली जीती थी। यह मुंबई के मध्य में स्थित एक विशाल झुग्गी क्षेत्र है, जहां लाखों लोग रहते हैं। अडानी ग्रुप ने इस प्रोजेक्ट के लिए 5,069 करोड़ रुपये की सर्वोच्च बोली लगाई थी। इसके अतिरिक्त, भारतीय रेलवे को 2,800 करोड़ रुपये के भुगतान के साथ कुल बोली राशि 7,869 करोड़ रुपये तक पहुंच गई थी।

इस परियोजना को लेकर राजनीतिक और कानूनी विवाद जारी है, लेकिन फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अडानी ग्रुप को बड़ी राहत मिली है।

ABHISHEK KUMAR ABHAY
ABHISHEK KUMAR ABHAY
I’m Abhishek Kumar Abhay, a dedicated writer specializing in entertainment, national news, and global issues, with a keen focus on international relations and economic trends. Through my in-depth articles, I provide readers with sharp insights and current developments, delivering clarity and perspective on today’s most pressing topics.
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