पर्थ में शुरू हुए पहले टेस्ट के पहले दिन ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों ने भारतीय टीम को केवल 150 रन पर समेट दिया। जोश हेजलवुड, मिचेल मार्श और पैट कमिंस की सटीक और घातक गेंदबाजी ने भारतीय बल्लेबाजी को बैकफुट पर धकेल दिया। भारतीय बल्लेबाज अतिरिक्त उछाल और तेज गेंदबाजी का सामना नहीं कर पाए। ऋषभ पंत और नितीश रेड्डी की कोशिशें भी टीम को संकट से उबारने में नाकाम रहीं।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ टेस्ट के पहले दिन भारतीय टीम की बल्लेबाजी पूरी तरह से बिखर गई। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने हरफनमौला प्रदर्शन करते हुए मेहमान टीम को सिर्फ 50 ओवरों में ढेर कर दिया। भारत के लिए यह दिन निराशाजनक रहा, जहां केवल कुछ ही बल्लेबाज लय में नजर आए।
हेजलवुड की धारदार गेंदबाजी से भारत का संघर्ष शुरू
पहले दिन की शुरुआत में ही जोश हेजलवुड ने भारतीय बल्लेबाजों पर अपना दबदबा कायम कर लिया। उन्होंने यशस्वी जायसवाल को बेहतरीन लेंथ गेंद पर फंसाया और स्लिप में कैच कराया। विराट कोहली भी अतिरिक्त उछाल का शिकार बन गए। उनकी गेंदबाजी की सटीकता ने भारतीय बल्लेबाजों को बार-बार गलती करने पर मजबूर किया।
मिचेल मार्श ने मध्यक्रम की कमर तोड़ी
मिचेल मार्श ने दूसरे सेशन में भारतीय बल्लेबाजी की धुरी मानी जाने वाले मिडिल ऑर्डर को तहस-नहस कर दिया। ध्रुव जुरेल को उन्होंने पहली स्लिप में लाबुशेन के हाथों कैच आउट कराया। वॉशिंगटन सुंदर को उन्होंने अतिरिक्त उछाल से चौंकाया, जिससे वे भी आउट हो गए। मार्श ने अपने स्पैल में गेंदबाजी का बेहतरीन नमूना पेश किया।
पंत की आक्रामकता ने जगाई उम्मीदें
ऋषभ पंत ने अपनी स्वाभाविक शैली में खेलते हुए ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों पर पलटवार किया। उन्होंने पैट कमिंस की गेंद पर एक शानदार छक्का लगाया, लेकिन उनकी आक्रामकता ज्यादा देर टिक नहीं पाई। कमिंस ने अपनी गेंदबाजी का एंगल बदलते हुए उन्हें स्लिप में कैच आउट कर दिया। पंत की पारी टीम को स्थायित्व नहीं दे पाई।
नितीश रेड्डी का संयमित प्रदर्शन
अपना पहला टेस्ट खेल रहे नितीश रेड्डी ने दबाव भरी परिस्थितियों में संयम और आत्मविश्वास दिखाया। उन्होंने नाथन लायन के खिलाफ रिवर्स स्वीप से चौका लगाया और पैट कमिंस पर अपर कट से छक्का मारा। हालांकि, साझेदारियों की कमी के कारण वे बड़ी पारी नहीं खेल पाए। उनकी पारी ने भविष्य में उनके योगदान की उम्मीदें जगाई हैं।
विवादित फैसले बने भारतीय टीम के लिए सिरदर्द
केएल राहुल का विवादित आउट होना भारतीय टीम के लिए बड़ी चुनौती साबित हुआ। रीप्ले में साफ नहीं था कि गेंद ने बल्ले का किनारा लिया था या नहीं। इस फैसले ने भारतीय खेमे में असंतोष बढ़ाया। ऐसे निर्णय टीम की मनोस्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
ऑस्ट्रेलिया की फील्डिंग ने किया प्रभावी प्रदर्शन
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने अपनी फील्डिंग से मैच पर अपनी पकड़ और मजबूत कर ली। स्लिप में स्टीव स्मिथ और मार्नस लाबुशेन ने शानदार कैच पकड़े। खासकर, मिक्सवीनी और लाबुशेन के संयुक्त प्रयास ने हरषित राणा को आउट किया। उनकी चुस्ती और अनुशासन ने भारतीय बल्लेबाजों को रन बनाने के मौके नहीं दिए।
निचले क्रम का संघर्ष और भारतीय पारी का अंत
जसप्रीत बुमराह और नितीश रेड्डी ने अंतिम विकेटों के लिए तेजी से रन जोड़ने की कोशिश की। बुमराह ने जोश हेजलवुड की गेंद पर छक्का लगाया, जबकि रेड्डी ने पैट कमिंस के खिलाफ शानदार छक्का जड़ा। हालांकि, यह साझेदारी ज्यादा देर तक नहीं टिक सकी। अंततः हेजलवुड ने बुमराह और रेड्डी दोनों को आउट कर भारतीय पारी को समेट दिया।
निष्कर्ष: भारतीय टीम के लिए बड़ी चुनौती
पर्थ टेस्ट का पहला दिन पूरी तरह से ऑस्ट्रेलिया के नाम रहा। उनकी गेंदबाजी और फील्डिंग ने भारत को टिकने का मौका नहीं दिया। भारतीय बल्लेबाजों के पास इस उछालभरी पिच का कोई ठोस जवाब नहीं था। भारत के गेंदबाजों को अब दूसरे दिन बड़ा प्रदर्शन करना होगा, ताकि मैच में वापसी की कोई संभावना बची रहे। फिलहाल, ऑस्ट्रेलिया ने पहले दिन का खेल अपने नाम कर लिया है।