एक और मुस्लिम देश इजरायल के साथ करेगा अब्राहम समझौता 

एक और मुस्लिम देश इजरायल के साथ करेगा अब्राहम समझौता 

इजरायल के साथ एक और मुस्लिम देश अब्राहम समझौता करने वाला है। डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में चार मुस्लिम देशों ने इजरायल के साथ अब्राहम समझौता किया था। आइए जानते हैं क्या है अब्राहम समझौता? 

इजरायल के साथ एक और मुस्लिम देश कजाकिस्तान करने वाला है अब्राहम समझौता

कजाकिस्तान इजरायल के साथ अब्राहम समझौता करने वाला पांचवा देश बन गया है कजाकिस्तान ने हाल ही में ऐलान किया कि वह मध्य एशिया के मुस्लिम बहुल देशों के बीच होने वाले अब्राहम समझौते में शामिल होने वाला है। कज़ाख़िस्तान अब्राहम समझौता करने वाले देश बहरीन मोरक्को सूडान और संयुक्त अरब अमीरात से बहुत दूर है। एक तरह से कहा जाए तो यह एक प्रतीकात्मक कदम ही है। दो नॉट ट्रंप के प्रयासों से कज़ाख़िस्तान और इजरायल के मध्य में अब्राहम समझौता हो पा रहा है। 

क्या कहना है डोनाल्ड ट्रंप का अब्राहम समझौते के विषय में?

दो नॉट फ्रॉम इजरायल और कजाकिस्तान के बीच अब्राहम समझौते के विषय में कहां की यह एक दोस्ती के निर्माण में बड़ा कदम है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा मेरे अब्राहम समझौते के माध्यम से अधिक राष्ट्र शांति और समृद्धि को बनाने के लिए कतार में हैं। एक हस्ताक्षर समारोह जल्दी ही इस समझौते को आधिकारिक बना देगा। कई और देश भी ताकत के इस क्लब में शामिल होने की कोशिश में हैं। दो नॉट कम का कहना है कि समझौते में शामिल होने के लिए कुछ अन्य देशों से भी बातचीत चल रही है। 

क्या है अब्राहम समझौता ?

डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में 2020 में इजरायल के साथ चार अरब देशों ने आधिकारिक रूप से दोस्ताना संबंध बनाने का फैसला किया था। इस समझौते में संयुक्त अरब अमीरात बहरीन और मोरक्को ने इजरायल में दूतावास खोलने व्यापार करने सैन्य और तकनीकी साझेदारी बढ़ाने पर बल दिया था।इस समझौते का मुख्य उद्देश्य इजरायल के अन्य मुस्लिम देशों के साथ संबंध सामान्य करना है। इस समझौते का नाम अब्राहम यहूदी इस्लाम धर्म के पैगंबर अब्राहम के नाम से आया है।

इस समझौते के द्वारा मुस्लिम देशों के संबंध हो रहे हैं इजरायल से बेहतर 

फिलिस्तीन विवाद के कारण इजरायल के मुस्लिम देशों से संबंध तनावपूर्ण ही रहे हैं लेकिन अभी समझौते के द्वारा मुस्लिम देश इजराइल के साथ अच्छी संबंध स्थापित करना चाहते हैं। लेकिन वहीं कई मुस्लिम देश फिलिस्तीन समर्थकों का मानना है कि इस समझौते का पालन करके मुस्लिम देश फिलिस्तीन के साथ अन्याय कर रहे हैं। उन मुस्लिम देशों का कहना है कि फिलिस्तीन को उसका अधिकार मिलने के बाद ही इजरायल के साथ संबंध सामान्य हो सकते हैं। 

काल ट्रंप मिले थे कई मुस्लिम देशों के नेताओं से 

कल व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप ने कजाकिस्तान, किंगिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के नेताओं से मुलाकात की थी। डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि जल्दी ही इनमें से कई देशों के भी अब्राहम समझौते में शामिल होने की घोषणा होगी।

गाजा के कारण अब्राहम समझौता पड़ा कमजोर

अब्राहम समझौता इजरायल और गाजा के बीच चल रहे युद्ध के कारण थोड़ा कमजोर पड़ गया था। डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में 2020 में इसमें कई मुस्लिम देशों के शामिल होने की उम्मीद की जा रही थी लेकिन इजरायल और गाजा के बीच युद्ध के कारण कई मुस्लिम देशों ने अपने कदम पीछे खींच लिए।

क्या सऊदी अरब शामिल होगा इस समझौते में? 

सऊदी अरब के भी इस समझौते में शामिल होने की 2020 में काफी उम्मीदें थी। डोनाल्ड ट्रंप ने भी कई बार कहा था कि गाजा में सीजफायर होने के बाद जल्दी ही सऊदी अरब अब्राहम समझौते में इजरायल के साथ शामिल होगा। लेकिन अभी तक सऊदी अरब में इस विषय में कोई घोषणा नहीं की है। सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान 18 नवंबर को अमेरिका आने वाले हैं। शायद सऊदी अरब के समझौते में शामिल न होने के कारण अन्य मुस्लिम देश भी इस समझौते में शामिल होने से कतरा रहे हैं।इजरायल और गाजा के बीच युद्ध के कारण भी काफी मुस्लिम देशों में गुस्से और तनाव का माहौल है। क्योंकि गाजा में काफी संख्या में मुस्लिम आबादी मौत के मुंह में गई है।

 क्या कहना है कजाकिस्तान का अब्राहम समझौते के विषय में? 

कज़ाख़िस्तान और जो इजरायल के बीच बातचीत तभी अंतिम चरण में है ऐसे में कजाकिस्तान ने एक सकारात्मक बयान दिया है। कजाकिस्तान का कहना है अब्राहम समझौते में शामिल होना हमारी विदेश नीति के स्वाभाविक विस्तार की तरह है। यह आपसी बातचीत, सम्मान और क्षेत्रीय स्थिरता पर आधारित है।

 

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