भारत ने चीन के घटिया और बेकार सामान को आने से रोकने के लिए एक केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर सीमा शुल्क बोर्ड सीबीआईसी ने लगाया है। छोटे-छोटे सामान के आयात को लेकर मूल्यांकन पद्धति अपनाई जा रही है। इस पद्धति को अपनाकर एक कर भारत सरकार ने लगाया है।
इस कर के द्वारा भारत सरकार को आयात के दौरान होने वाली कर चोरी और घटिया माल के आयात पर रोक लगाने में आसानी हो गई है लेकिन इससे भारत का इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र मुश्किल में पड़ता नजर आ रहा है आइये जानते है क्या है यह कर और क्यों और क्यों भारत का इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर इस कर के कारण मुश्किलों में पड़ रहा है।
किस परेशानी के कारण लगाना पड़ रहा है यह कर
चीन से लगातार सस्ता और घटिया माल भारत में आयात हो रहा है। इस पर रोक लगाने के लिए भारत का केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क (cbic)बोर्ड छोटी-छोटी वस्तुओं के आयात के लिए एक मूल्यांकन पद्धति लेकर आया है। cbic ने चीन से आने वाले घटिया सामान को रोकने के लिए क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर लागू कर दिया है।इस क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर को लागू का उद्देश्य आयात के द्वारा होने वाली कर चोरी को रोकना और घटिया माल के आयात पर भी रोक लगाना है।
चीन से छोटी-छोटी चीजें बच्चों के खिलौने, पर्स, जूते, चप्पल प्लास्टिक की छोटी वस्तुएं रेडीमेड कपड़े, टेक्सटाइल बहुत सारी चीज़ें भारत को आयात की जाती है जिनकी क्वालिटी भी अच्छी नहीं होती। जिसके कारण भारत में बनने वाली ऐसी वस्तुओं का बाजार काम हो जाता है क्योंकि चीन की वस्तुएं सस्ती होती है। ऐसी वस्तुओं पर आयात शुल्क काफी कम होता है इसलिए इस शुक्ल का कोई प्रभाव इन वस्तुओं की कीमत पर नहीं पड़ता है।
क्या काम है इस (cbic) का इस क्वालिटी कंट्रोल कर के विषय में
व्यापारी ने बताया कि चीन की छोटी-छोटी वस्तुएं आयात के समय चीन के कारोबारियों से मिलकर आयात का बिल कम करके अंडरवैल्यू कर दिया जाता है जिससे इस वस्तु को बेचने वालों को कम टैक्स देना पड़ता है। इस सोच के साथ इस कर को लगाया जा रहा है कि इस कर से आयात का मूल्य अधिक हो जायेगा। जिसके कारण चीन की सस्ती चीजें महंगी हो जाएगी और भारतीय बाजार का कंपटीशन कम हो जाएगा। जिसके कारण भारतीय सस्टेनेबल लघु उद्योग व्यवसायी छोटी-छोटी वस्तुएं फिर से बनाएंगे। उनकी खपत भारतीय बाजार में अधिक होगी।
किस सेक्टर की बड़ी है मुश्किलें इस क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर(QCO) से
क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर(QCO) के लागू होने से छोटे उद्योगपतियों को तो फायदा हुआ भारत में आने वाला चीन का घटिया सामान तो आना बंद हो गया है पर इस (QCO) के लागू होने से भारत की लेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री मुश्किल में आ गई है। भारत की इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री में प्रयोग होने वाले तांबे, स्टील और एल्युमिनियम जैसी धातुओं पर भी (QCO) लागू कर दिया गया है।
कुछ स्पेशल प्लास्टिक, मेटल पर भी (QCO) लागू कर दिया गया है। जिसके कारण इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री की दिक्कतें बढ़ गई है। इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री वाले कहते हैं की इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले सामान को मंगवाने के लिए हमें(QCO) देने की आवश्यकता नहीं है।
इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री पहले से ही दे रही है अनिवार्य पंजीकरण आदेश (CRO) के अंतर्गत कर
इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री का कहना है कि वह पहले से ही अनिवार्य पंजीकरण आदेश के अंतर्गत कर दे रही है। इसके अंतर्गत उनकी जांच और सर्टिफिकेशन होना अनिवार्य है ऐसे में उन्हें इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले सामान को मंगवाने के लिए (QCO) देने की आवश्यकता नहीं है।
इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री का कहना है अगर नहीं रोका गया (QCO) तो भारत रह जाएगा पीछे अन्य देशों से
इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री के अनुसार (QCO) उन चीजों के लिए बहुत जरूरी होता है, जिनकी गुणवत्ता कोई खास नहीं है लेकिन इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने के लिए बहुत अच्छी क्वालिटी के कच्चे माल की आवश्यकता होती है जबकि भारत में ये उपलब्ध नहीं है। ऐसे सामान जापान ,दक्षिण कोरिया, चीन से आता है। अभी यह कच्चा माल प्राप्त करना बहुत मुश्किल हो रहा है। जिसके कारण इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र की मुश्किलें बढ़ गई हैं।