आज बेंचमार्क इंडेक्सन पर तेज रिकवरी देखने को मिली। अप्रैल में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में 3.5 % की बढ़त देखने को मिली। बीएसई मिड कैप और स्मॉल कैप इंडेक्स मे भी मजबूती रही। बीएसई मिडकैप में 3.2% की बढ़त और स्मॉल कैप इंडेक्स में 1.6% की बढ़त रही
बाजार में हो रहा है सुधार
भारतीय इक्विटी बाजारों में निवेशकअपना नजरिया बदल रहे हैं ।जिसके कारण इक्विटी बाजारों में सुधार हो रहा है अप्रैल में बीएससी में लिस्टेड सभी शहरों का एडवांस डिक्लाइनन रेशियों (बढ़ने वाले शेयरों के मुकाबले गिरने वाले शेयर) 1.26 का औसत रहा। जून 2024 के बाद का यह उच्चतम स्तर है। यह दर्शाता है कि सेक्टर में व्यापक आधार पर सुधार आ रहा है। दूसरे महीने लगातार ऐसा हुआ है जब एडवांस डिक्लिन रेशियों एक से ऊपर रहा है।
अप्रैल में बेंचमार्क इंडेक्स में मिली रिकवरी देखने को
अप्रैल में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में 3.5% की बढत देखने को मिली है। बीएससी मिड कैप व स्मॉल कैप इंडेक्स मे भी मजबूती देखी गई है। बीएसई मिडकैप में 3.2 प्रतिशत की बढ़त हुई है और स्मॉल कैप इंडेक्स में 1.6% की बढ़त हुई है। सितंबर के बाद यह उछाल आया है। इस माध्यावधि में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में 14.7 प्रतिशत और 15.6% की गिरावट देखने को मिली थी।
इस अवधि में मिडकैप इंडेक्स में 21.8% की गिरावट आई थी और स्मॉल कैप इंडेक्स में 24.48% की गिरावट देखने को मिली थी।
क्या कहना है विशेषज्ञों का इस विषय में
विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे और मझौले शेयरों का वैल्यूएशन इस समय काफी अच्छा हो गया है। निवेशक उन्हें खरीदना पसंद कर रहे हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि कई शेयर अपने बॉटम पर पहुंच गए हैं और अन्य शेयरों की तुलना में उनकी कीमतें निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं।
क्या नजरिया है इस समय निवेशकों का
इस समय विदेशी निवेशक भी खरीदारी कर रहे हैं। अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच लगातार बिकवाली चल रही थी विदेशी निवेशक मार्च और अप्रैल में नेट बॉयररहे हैं। विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में मार्च में 1,718 करोड रुपए का निवेश किया था। अप्रैल में विदेशी निवेशकों ने 10,559 करोड रुपए का निवेश किया है। घरेलू निवेशक लगातार निवेश कर रहे हैं। घरेलू निवेशकों ने 2025 में अब तक 2.1 लाख करोड रुपए से भी खरीदी खरीदारी की है।
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का पड़ा है असर
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है और जिसका असर बाजार पर भी पड़ा है बाजार में इस समय काफी उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है। अगर हम पीछे नजर डालें तो 1999 में भी सर्जिकल स्ट्राइक और फिर बालाकोट एयर स्ट्राइक के समय बहुत उतार-चढ़ाव देखने को मिला था। ऐसे में निवेशक गिरावट होने पर खरीदारी करने का मन बना सकते हैं।
ग्लोबल मार्केट में मजबूती रही लेकिन भारतीय बाजारों की वीकली क्लोजिंग कमजोर रही आखिर क्यों?
विशेषज्ञों का कहना है कि निफ्टी इससमय कंसोलिडेशन के फेज में है। निफ्टी को लगातार क्लोजिंग बेसिस पर 24,500 के पास प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। अलग-अलग क्षेत्रों के अच्छे शेयरों में लगातार खरीदारी चल रही है जिससे कि गिरावट थोड़ी कम हो रही है। ऐसे में इस शॉर्ट टर्म कलेक्शन को या कंसोलिडेशन को बाजार के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा ही माना जाना चाहिए
। विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशक इस समय तुलनात्मक रूप से मजबूत और अच्छे शेयरों पर फोकस करते हुए गिरावट पर खरीदारी की रणनीति अपनाएं।