कश्मीर में पहलगाम हमले के बाद अमेरिका भारत के साथ खड़ा नजर आ रहा है, न्यूयॉर्क टाइम्स में आतंकवादियों को उग्रवादी लिखने पर लगाई उनकी कड़ी फटकार, वहीं पाकिस्तान ने शिमला समझौता तोड़कर पाकिस्तान -भारत के सिंधु समझौते को निरस्त कर निकाली भड़ास
आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका खड़ा है भारत के साथ
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने 24 अप्रैल को एक प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने स्पष्ट किया है कि अमेरिका भारत के साथ खड़ा है और हर प्रकार के आतंकवाद की कड़ी निंदा करता है। अमेरिका हमले में जान गंवाने वालों और घायल व्यक्तियों के लिए प्रार्थना करता है। के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने का आह्वान करते हैं।
क्या अमेरिका पहलगाम में आतंकवादी हमले के पीछे पाकिस्तान को देखता है?
जब अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता से पूछा गया कि क्या अमेरिका पहलगाम में आतंकवादी हमले के पीछे पाकिस्तान को देखा है तो टैमी ब्रूश ने जवाब दिया कि मैंने इसे शीर्ष पर रखा क्योंकि यह भयानक स्थिति थी। साथ ही इस बिंदु पर टिप्पणियों की सीमा यही होगी। मैं आपको निश्चित रूप से क्या बता सकती हूं।जैसा कि हम सभी जानते हैं कि यह तेजी से बदलती स्थिति है, और हम इसकी बारीक निगरानी कर रहे हैं। और हम निश्चित रूप से जम्मू और कश्मीर की स्थिति पर कोई रूख नहीं ले रहे हैं।
न्यूयार्क टाइम्स ने जब लिखा आंतकवादी को उग्रवादी
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को न्यूयार्क टाइम्स ने उग्रवादी हमला लिखा। जिसके लिए अमेरिकी विदेश मामलों की समिति ने पहलगाम हमले पर न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट पर कड़ी आपत्ति जताई। अख़बार मे आतंकवादी की जगह उग्रवादी लिखा गया था। साथ ही अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने की कसम खाई है।
क्या लिखा था रिपोर्ट में
न्यूयार्क टाइम्स ने शीर्षक लिखा था उग्रवादियों ने कम से कम 24 पर्यटकों को मार गिराया।रिपोर्ट में लिखा था कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस गोलीबारी को ,जो इस क्षेत्र में नागरिकों के विरुद्ध पिछले कई वर्षों में सबसे अधिक भयानक थी, एक आतंकी हमला कहा और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने की कसम खाई है।
एक्स पर विदेशी मामलों की समिति ने लगाई न्यूयार्क टाइम्स की फटकार
विदेशी मामलों की समिति ने बहुमत से कहा, एनवाईटी हमने आपके लिए इसे ठीक कर दिया है। यह एक आतंकी हमला (टेरोरिस्ट अटैक) था। चाहे भारत हो या इजरायल जब आतंकवाद (टेरोरिज्म) की बात आती है तो एनवाईटी वास्तविकता से दूर हो जाता है।
विदेशी मामलों की समिति ने हेडलाइन में किया ये काम
विदेशी मामलों की समिति ने हेडलाइन में उग्रवादियों शब्द को हटाकर इसके स्थान पर आतंकवादी शब्द लिखकर इसे लाल रंग से बोल्ड लिख दिया।
अमेरिकी संसद में दी गई मृतकों को श्रद्धांजलि
मृतकों की आत्मा की शांति के लिए अमेरिकी संसद में दी गई श्रद्धांजलि।
आतंकी हमले के बाद भारत के द्वारा उठाये गये कड़े क़दमों के बाद पाकिस्तान ने तोड़ा शिमला समझौता
आतंकी हमले के बाद भारत ने कुछ कड़े फैसले लिए। जिनके जवाब में पाकिस्तान ने शिमला समझौता तोड़ दिया है। यह समझौता 1972 में हुआ था।
क्या था शिमला समझौता
शिमला समझौता दोनों देशों के बीच 1971 के युद्ध के बाद हुई एक हस्ताक्षरित शांति संधि थी। इस युद्ध के बाद बांग्लादेश पाकिस्तान से अलग हो गया था।इस संधि पर तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी व तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों में मैत्री व सामंजस्य स्थापित करना था।
क्या प्रभाव होगा इस समझौते को रद्द करने का
पाकिस्तान अब कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने का प्रयास करेगा। पाकिस्तान चीन या संयुक्त राष्ट्र संघ या इस्लामिक सहयोग संगठन से हस्तक्षेप भी करवा सकता है।