कश्मीर घाटी में बढ़ती आतंकी गतिविधियों पर सुरक्षा एजेंसियों का कठोर रुख
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग और अवंतीपोरा जिलों में गुरुवार रात सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों के घरों को विस्फोटक से उड़ा दिया। यह कार्रवाई उन आतंकियों के खिलाफ की गई जो हाल ही में पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में शामिल थे, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी गई थी।
आदिल ठोकर और आसिफ शेख – लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, जिन आतंकियों के घरों को ध्वस्त किया गया वे आदिल हुसैन ठोकर और आसिफ शेख थे। ये दोनों लंबे समय से लश्कर-ए-तैयबा के साथ सक्रिय रूप से जुड़े हुए थे और पहलगाम के बाइसारन मीडोज़ में हुए नरसंहार के प्रमुख षड्यंत्रकारी माने जा रहे हैं।
विशेष सूत्रों के अनुसार, जैसे ही सुरक्षा बल इन आतंकियों के घरों की तलाशी ले रहे थे, वहां पहले से रखे गए विस्फोटक फट गए। नतीजा — दोनों मकान पूरी तरह से मलबे में तब्दील हो गए। घटनास्थल पर लोगों में दहशत फैल गई।
पाकिस्तान में लिया आतंकी प्रशिक्षण, फिर भारत में गुप्त वापसी
जांच एजेंसियों ने खुलासा किया कि आदिल ठोकर 2018 में अटारी-वाघा बॉर्डर से पाकिस्तान गया था, जहाँ उसने आतंकी प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके बाद वह गुप्त रूप से जम्मू-कश्मीर में वापस लौट आया और घाटी में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों को गाइड करने लगा।
₹20 लाख का इनाम, तीन मुख्य साजिशकर्ताओं की तलाश
अनंतनाग पुलिस ने ₹20 लाख के इनाम की घोषणा की है उन तीन आतंकियों पर जो इस हमले में शामिल थे – आदिल हुसैन ठोकर, अली भाई और हाशिम मूसा। इन तीनों की गिरफ्तारी की सूचना देने वाले को इनाम देने का ऐलान किया गया है।
‘मूसा’, ‘यूनुस’ और ‘आसिफ’ के कोड नेम से रची गई खून की साज़िश
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, हमले में शामिल तीन आतंकी कोड नेम ‘मूसा’, ‘यूनुस’ और ‘आसिफ’ का उपयोग कर रहे थे। हमले के दिन इन आतंकियों ने पर्यटकों से उनका नाम पूछा, धर्म की पुष्टि की, और फिर उनसे कुरान की आयतें पढ़वाने की कोशिश की। जो नहीं पढ़ पाए, उन्हें नजदीक से गोली मार दी गई।
घाटी में शांति की उम्मीदों पर हमला, पर जवाब भी उतना ही तेज
22 अप्रैल को हुआ यह हमला अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद का सबसे घातक नागरिक हमला माना जा रहा है। पर्यटन के लिए मशहूर बाइसारन घाटी में यह हत्याकांड एक बार फिर इस बात का संकेत है कि कश्मीर में अभी भी साजिशें ज़िंदा हैं। लेकिन इस बार जवाब सख्त है।
सुरक्षा बलों ने करीब 100 संदिग्धों से पूछताछ शुरू की है, जो पहले आतंकियों के हमदर्द रहे हैं। तीन आतंकियों के स्केच जारी किए गए हैं, जिनमें से एक बॉडीकैम पहने हुए था।
🔴 निष्कर्ष: घाटी में आतंक को नहीं मिलेगा पनाह
इस भीषण आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार, सेना और पुलिस बलों ने साफ कर दिया है कि घाटी में आतंकवाद के खिलाफ अब “जीरो टॉलरेंस” की नीति अपनाई जाएगी। आतंकियों के लिए कश्मीर अब शरणस्थली नहीं, बल्कि कब्रगाह साबित होगा।