Tuesday, December 3, 2024
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ऑस्ट्रेलिया ने फिलिस्तीनी संप्रभुता को मान्यता देने के संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का समर्थन किया


संयुक्त राष्ट्र संघ ने फिलिस्तीन के समर्थन में मतदान कराया है जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने समर्थन में मतदान किया है।

पहले पिछले 20 सालों से ऑस्ट्रेलिया इस मुद्दे पर मतदान नहीं कर रहा था। ऑस्ट्रेलिया ने अपनी 20 साल के वोट न करने के इस सिलसिले को तोड़ दिया है।ऑस्ट्रेलिया के लिए इसराइल हमेशा मित्र रहा है ऑस्ट्रेलिया और इसराइल मित्र देश है 1947 में 19 संयुक्त राष्ट्र विभाजन योजना के पक्ष में मतदान करने वाला ऑस्ट्रेलिया पहला देश था जो कि यहूदी या फिलिस्तीन राज्यों के लिए हुआ था ऑस्ट्रेलिया की राजनीति में राष्ट्रीय स्तर पर इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष हमेशा से ही एक संवेदनशील मुद्दा नहीं रहा है। ऑस्ट्रेलिया की इज़राइल के साथ पुरानी दोस्ती है। यह अलग यहूदी और फ़िलिस्तीनी राज्यों के लिए 1947 की संयुक्त राष्ट्र विभाजन योजना के पक्ष में मतदान करने वाला पहला 1949 में, ऑस्ट्रेलिया ने इज़राइल के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए , आस्ट्रेलिया ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर इज़राइल के अस्तित्व और अधिकारों की वकालत करना जारी रखा है।

संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव

कल 14 नवंबर गुरुवार के दिन और ऑस्ट्रेलिया यूके अमेरिका और न्यूजीलैंड सहित 158 देशों ने मतदान किया। 11 देशों ने मतदान नहीं किया। यह मतदान पूर्वी येरुशलम सहित कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में अरब जनसंख्या का उनकी जमीन व प्राकृतिक संपदा पर मान्यता देने के समर्थन में हैं।

इजरायल द्वारा पूर्वी येरुशलम क्षेत्र में की जा रही विलय की नीतियों का संयुक्त राष्ट्र विरोध करता है। इस विषय में सभी देशों के मत को जानने के लिए 14 नवंबर को मतदान कराया गया था जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने इजरायल के समर्थन में मतदान किया।

 प्रस्ताव का संक्षिप्त विवरण

1967 में इजरायल ने फिलीस्तीन के कुछ क्षेत्रों पर अपना कब्जा जमा लिया। इजरायल की नीतियों पर सभी देशों की राय जानने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र संघ में इस प्रस्ताव को रखा। जिसमें सभी देशों की राय इसराइल और फिलीस्तीन के पक्ष व विपक्ष में जानने के लिए मतदान किया गया।

 प्रमुख प्रावधान और प्रभाव

 प्रस्ताव पर वैश्विक प्रतिक्रियाएंकल 14 नवंबर गुरुवार के दिन और ऑस्ट्रेलिया यूके अमेरिका और न्यूजीलैंड सहित 158 देशों ने मतदान किया। 11 देशों ने मतदान नहीं किया। यह मतदान पूर्वी येरुशलम सहित कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में अरब जनसंख्या का उनकी जमीन व प्राकृतिक संपदा पर मान्यता देने के समर्थन में हैं।

ऑस्ट्रेलिया का रुख

ऑस्ट्रेलिया के इजरायल के साथ राजनीतिक संबंध है ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसराइल के अधिकारों के समर्थन में खड़ा रहता है।

 पिछली नीति से विचलन

7 अक्टूबर को हमास में गांजा पट्टी में हाल ही में हुई हत्या की घटनाओं की ऑस्ट्रेलिया के सात पूर्व प्रधानमंत्रीयों ने पत्र लिखकर निंदा की है। और ऑस्ट्रेलिया का रुख इस घटना के बाद ही इजरायल के विरोध में हुआ है।

ऑस्ट्रेलिया के निर्णय को प्रभावित करने वाले कारक

ऑस्ट्रेलिया-इज़राइल के दीर्घकालिक मैत्री के ऑस्ट्रेलिया इसराइल काफी समय से मित्र हैं दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक संबंध है दोनों देशों के नागरिकों में भी आपस में काफी मधुर संबंध है अभी हाल ही में ऑस्ट्रेलिया ऑफ फिलिस्तीन में एक नया रक्षा समझौता साइबर सुरक्षा एमओयू हुआ है। कई यहूदी संगठन भी ऑस्ट्रेलिया से नाराज हो गए हैं।

फिलिस्तीनी परिप्रेक्ष्य

ऑस्ट्रेलिया फिलिस्तीन का अच्छा मित्र नहीं है वह उसे एक राज्य भी नहीं मानता लेकिन ऑस्ट्रेलिया फिलिस्तीनियों को समय-समय पर सहायता प्रदान करता रहता है मैं राहत शिविरों को लगाना भी इसी श्रेणी में आता है।

फिलिस्तीनी लोगों की आशाएं और अपेक्षाएं

ऑस्ट्रेलिया के इस कदम के बाद फिलिस्तीन के साथ उसके संबंधों में थोड़ी और दूरियां आने की संभावना है।

 फिलिस्तीनी मुक्ति आंदोलन पर संभावित प्रभाव

ऑस्ट्रेलिया के इस कदम के बाद फिलिस्तीन की मुक्ति आंदोलन पर असर पढना निश्चित है कम से काम तो इसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता अभी बात इसराइल और फिलिस्तीन दोनों को सोचनी हीं होगी।

इजरायली परिप्रेक्ष्य

इसराइल के लिए ऑस्ट्रेलिया का समर्थन एक बड़ी उम्मीद की किरण है।

 संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव पर इजरायल की प्रतिक्रिया

संयुक्त राष्ट्र प्रताप पर इजरायल की प्रतिक्रिया सकारात्मक है उसने इस विषय को बातचीत के जरिए सुलझाने में अपनी सहमति जताई है।

इजरायल-फिलिस्तीन शांति प्रक्रिया पर प्रभाव

इस समझौते के बाद इसराइल और फिलिस्तीन की शांति प्रक्रिया पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने वाला है।

अरब देशों और खाड़ी राज्यों की प्रतिक्रियाएं

अब देश खादी राज्य इस समझौते के समर्थन में है अब कोई भी हिंसा को अपनाना नहीं चाहता है।

मध्य पूर्व में सुरक्षा और स्थिरता के लिए निहितार्थ

यह समझौता सुरक्षा व सहअस्तित्व के लिए आवश्यक है दोनों देशों के लिए जरूरी है कि वे आपसी विवादों को सुलझाने का प्रयास कर इस समझौते का सम्मान करें।

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं मिली जुली ही आ रही है लेकिन फिर भी काफी देश इस समझौते के समर्थन में है।संयुक्त राष्ट्र संघ के अंतर्राष्ट्रीय संघ की भूमिका विश्व के सभी देशों में आपकी तन्नी बनाए रखने के लिए अति आवश्यक है।

ऑस्ट्रेलिया में घरेलू प्रतिक्रियाएं

अभी हमास में हाल ही में हुई हत्या की घटनाओं नेअधिकतर नागरिकों को हिला दिया है ऐसे में अधिकतर नागरिक संयुक्त राष्ट्र संघ के समझौते का समर्थन करते हैं।
यह समझौता एक  अस्थाई शांति का मार्ग प्रशस्त करता है।

निष्कर्ष

 मध्य पूर्व कूटनीति में  संयुक्त राष्ट्र संघ का यह समझौता  कूटनीति का एक नया युग स्थापित कर रहा है।इसके अगले चरण में यह मतदान संयुक्त राष्ट्र संघ की आमसभा में किए जाएंगे‌। शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए ऑस्ट्रेलिया के इस समझौते का काफी महत्व है। एक शांतिपूर्ण भविष्य की ओर देखते हुए ऑस्ट्रेलिया के कदम के समर्थन में अधिकतर देश है।

ABHISHEK KUMAR ABHAY
ABHISHEK KUMAR ABHAY
I’m Abhishek Kumar Abhay, a dedicated writer specializing in entertainment, national news, and global issues, with a keen focus on international relations and economic trends. Through my in-depth articles, I provide readers with sharp insights and current developments, delivering clarity and perspective on today’s most pressing topics.
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