नई दिल्ली:
ज़ोमैटो के दिसंबर तिमाही के नतीजों के बाद कंपनी के शेयरों में 20 जनवरी को 7.27% की गिरावट आई। तिमाही नतीजों ने निवेशकों को निराश किया। आइए जानते हैं इसके पीछे के तीन मुख्य कारण:
1) आक्रामक विस्तार का दबाव
ज़ोमैटो ने तीसरी तिमाही में 57% शुद्ध लाभ में गिरावट दर्ज की, जिसका मुख्य कारण ब्लिंकिट के त्वरित वाणिज्य प्लेटफ़ॉर्म पर नए केंद्र खोलने के लिए अधिक खर्च करना रहा। कंपनी ने बताया कि तिमाही आधार पर समेकित समायोजित EBITDA में 14% (लगभग ₹45 करोड़) की गिरावट आई। यह गिरावट खाद्य वितरण के मार्जिन में सुधार के बावजूद हुई।
कंपनी ने कहा कि ब्लिंकिट के स्टोर्स का विस्तार तेज़ी से किया जा रहा है। CEO दीपिंदर गोयल ने बताया, “हमारा लक्ष्य दिसंबर 2025 तक ब्लिंकिट के 2,000 स्टोर्स तक पहुंचने का है। हालांकि, मौजूदा रफ्तार को देखते हुए, हम दिसंबर 2026 के पहले ही इस लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।”
ब्लिंकिट के इस विस्तार के कारण तिमाही घाटा ₹95 करोड़ बढ़ गया। कंपनी ने स्पष्ट किया कि ये निवेश दीर्घकालिक विकास के लिए आवश्यक हैं।
2) विकास दर में कमी
ज़ोमैटो के खाद्य वितरण व्यवसाय में कुल ऑर्डर मूल्य (GOV) की वृद्धि तिमाही आधार पर केवल 2% रही। CEO राकेश रंजन ने कहा, “हमारी 20%+ वार्षिक वृद्धि की दीर्घकालिक दिशा बनी हुई है। हालांकि, मौजूदा समय में व्यापक स्तर पर मांग में गिरावट देखी जा रही है, जो नवंबर के दूसरे हिस्से से शुरू हुई। इसके बावजूद हमें उम्मीद है कि यह मंदी अस्थायी है और जल्द ही स्थिति में सुधार होगा।”
कंपनी ने यह भी बताया कि उनकी नई डिस्ट्रिक्ट ऐप पर निवेश के चलते Q3FY25 में घाटा बढ़ा। इस ऐप के विकास, मार्केटिंग और तकनीकी खर्चों पर भारी निवेश किया जा रहा है। ज़ोमैटो ने संकेत दिया कि इस नए ऐप से ग्राहकों को जोड़ने और उत्पाद विविधता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित रहेगा।
3) कर्मचारी लागत में वृद्धि
ज़ोमैटो ने कर्मचारी लागत में तिमाही आधार पर 15% की वृद्धि दर्ज की। इसके अलावा, ESOP खर्च में भी 21% की बढ़ोतरी हुई। CFO अक्षंत गोयल ने कहा, “यह बढ़ोतरी दो कारणों से हुई है:
- विभिन्न व्यवसायों, विशेष रूप से क्विक कॉमर्स और आउटिंग सेक्टर में हेडकाउंट बढ़ाना।
- कर्मचारियों को बनाए रखने और नई प्रतिभाओं को आकर्षित करने की उच्च लागत।
उन्होंने आगे कहा कि यह प्रतिस्पर्धा अगले कुछ तिमाहियों तक जारी रह सकती है। हालांकि, FY26 तक कर्मचारी लागत समायोजित राजस्व का 6-8% तक आ जाने की उम्मीद है।
तिमाही प्रदर्शन की झलक
- तिमाही शुद्ध लाभ: ₹59 करोड़ (पिछले साल ₹138 करोड़ था)।
- खाद्य वितरण राजस्व: 22% की वृद्धि।
- ब्लिंकिट का राजस्व: दोगुने से अधिक बढ़ा।
निवेशकों के लिए ज़ोमैटो की आक्रामक रणनीति और बढ़ती लागत चिंता का विषय बनी हुई है। हालांकि, कंपनी का मानना है कि यह दीर्घकालिक विकास में सहायक होगा।