Monday, March 31, 2025
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साउथ कोरिया की सरकार की मिली भगत से हुआ ऐसा बेबी एडॉप्शन फ्रॉड जिसमें 2 लाख बच्चे अनाथ बता कर बांट दिए गए विश्व भर में

साउथ कोरिया में एक ऐसे बेबी एडाप्सन फ्रॉड का खुलासा हुआ है जिसे सुनकर पूरा विश्व दुख और आश्चर्य में है साउथ कोरिया की पिछली सरकारों ने तकरीबन 2 लाख बच्चों को अनाथ बनाकर विश्व के अमीर देश को बेच दिया। अधिकतर यह देश पश्चिमी देश और यूरोपीय देश थे। अब बच्चे जब बड़े हो गए हैं तो अपनी जड़ों को ढूंढने, अपनी पहचान जानने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और उनके इन्हीं संघर्षों के परिणाम स्वरूप इस बेबी एडॉप्शन फ्रॉड का खुलासा हो पाया है और अब जब सब कुछ शीशे की तरह साफ हो गया है तो अब दक्षिणी कोरिया सरकार ने आधिकारिक रूप से माफी की गुजारिश की है। आईए जानते हैं इसके बारे में कुछ और।

क्या है यह बेबी एडॉप्शन फ्रॉड

साउथ कोरिया ने 1955 और 1999 के बीच तकरीबन 200000 बच्चों को गोद देने के लिए विश्व भर में बेच दिया या दान कर दिया अब शायदबेच दिया कहना ठीक होगा क्योंकि सरकार ने यह अपने फायदे के लिए किया था।

साउथ कोरिया ने बच्चों को क्यों अडॉप्ट करवाया

साउथ कोरिया में युद्ध के बाद अमेरिकी सैनिकों और कोरियन महिलाओं के द्वारा पैदा हुए बच्चों को साउथ कोरिया ने स्वीकार नहीं किया और उन बच्चों को देश से बाहर निकालने के लिए एडॉप्शन की तकरीर निकाल क्योंकि साउथ कोरिया जाति एकरूपता पर विश्वास करता है। 1970 से 1980 के दशक में यह बहुत बड़ा व्यापार बना क्योंकि उसे समय देश युद्ध के बाद गरीबी और भुखमरी से जूझ रहा था। और जब यह बच्चे मिलना बंद हो गए तो उन्होंने एक दूसरा तरीका निकाला और जो महिलाएं अविवाहित थी उनके बच्चों को गोद देना आरंभ कर दिया क्योंकि पितृ सत्तात्मक दक्षिण कोरिया समाज में ऐसी महिलाओं को बहिष्कार का सामना करना पड़ सकता था। महिलाओं को अपने बच्चों को छोड़ने के लिए मजबूर किया गया।

दक्षिणी कोरिया सरकार ने अपने स्वार्थ के लिए क्या-क्या गुनाह किए?

दक्षिणी कोरिया सरकार ने मानवाधिकारों का उल्लंघन किया उन्होंने बच्चों की पहचान से छेड़छाड़ की। एक दिन में ही बच्चों को गोद दे दिया जाता था गोद लेने वाले माता-पिता की पर्याप्त जांच भी नहीं की जाती थी बच्चों के जन्म माता-पिता से झूठ बोलकर उन बच्चों को गोद दे दिया गया। कुछ बच्चों के माता-पिता होते हुए भी उन्हें अनाथ बताया गया उनके रिकॉर्ड से छेड़छानी की गई जिससे कि वह अपनी वंशानुगत जड़ों से कभी ना मिल पाये। गोद लेने वाली एजेंसियां विदेश से मनमानी तरीके से पैसा वसूल करती रही।

क्या है साउथ कोरिया में गोद लेने का नियम

नियम यह है की गोद लेने वाले माता-पिता की पूरी तरह से जांच की जाती है कि क्या वह इस योग्य है कि वह बच्चे का लालन पोषण आसानी से कर सके। बच्चों को सच में माता-पिता का प्यार देना चाहते हैं या उसे अपने घर में एक नौकर एक मजदूर की जगह देना चाहते हैं इसकी पूरी छानबीन की जाए लेकिन साउथ कोरिया ने ऐसा कुछ भी नहीं किया 1984 में जितने भी एप्लीकेशन आए थे उनमें से 99% को एक ही दिन में बच्चों को गोद दे दिया गया।

बच्चों ने खुद बड़े होकर किया अपने साथ हुए इस फ्राड का खुलासा

बहुत सारे पश्चिमी कोरियाई बच्चे जब बड़े हुए तो उन्होंने अपनी जड़ों को तलाशना शुरू किया इन्हीं में से एक योरी किमश्रने पेरिस के पुलिस स्टेशन में एक अधिकारी से कहा कि वह एक अपराध की रिपोर्ट लिखवाना चाहती है। 40 साल पहले उन्हें दुनिया के दूसरे छोर से अगवा किया गया और फ्रांस इसमें शामिल था उसने कहा कि उसे सालों लग गए पर एक साधारण सवाल का जवाब नहीं मिला वह एक होनहार मेहनती स्कूली छात्रा थी उसके माता-पिता से बहुत प्यार करते थे। 1984 में वह अचानक से अनाथ बच्ची कैसे बन गई और फ्रांस में उसे अजनबियों के पास क्यों भेज दिया गया उसका मानना है और उसके जैसे कई बच्चों का मानना है कि फ्रांस की सरकार ने कई पश्चिमी देशों के साथ परिवारों को अंतरराष्ट्रीय गोद लेने के माध्यम से मेल ऑर्डर बच्चों की अनुमति दी और उनकी सुरक्षा के लिए कुछ नहीं किया उन्होंने कभी नहीं पूछा कि मैं कहां से हूं उन्होंने कभी देखा कि मेरे माता-पिता है या नहीं। किम जैसे कोई और व्यस्कों ।ने इस मामले को उठाया इस मामले की पूरी जांच हुई और जांच के बाद पता चला की पिछली साउथ कोरिया की सरकारों ने अपने फायदे के लिए यह बेबी एडॉप्शन फ्रॉड किया था।

साउथ कोरिया की सरकार ने की है माफी की गुजारिश

किम और ऐसे ही हजारों बच्चे अब जब व्यस्क हो चुके हैं तो इस मामले की तह तक जा पहुंचे हैं और जिसकी अब पूरी जांच हुई है। इस ज जांच के बाद आज साउथ कोरिया की सरकार अपनी पिछली सरकारों की तरफ से माफी मांगने के लिए गुजारिश करने के लिए मजबूर हुई है।

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