जिओ प्वाइंट को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। खबरों के अनुसार एशिया और भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी की जिओ प्लेटफार्म ने पालीगाॅन लैब्स के साथ अपनी साझेदारी का ऐलान किया है। इसके बाद यह खबर वायरल हो गई कि रिलायंस इंडस्ट्रीज क्रिप्टो करेंसी के बाजार में जिओ कॉइन लेकर आने वाले हैं। यह खबर की
एशिया की जिओ प्लेटफार्म ने हाल ही में इंटरनेट टेक्नोलॉजी कंपनी पॉलीगान लैब्स के साथ अपनी साझेदारी का किया है। इंटरनेट की दुनिया में आग की तरह फैल गई। जब से अंबानी की टेलीकॉम कंपनी ने ऐलान किया है यूजर्स इसके स्क्रीनशॉट शेयर कर रहे हैं पर अभी रिलायंस जियो ने इसके बारे में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है।बिटनिंग के सीईओ काशिफ रजा के अनुसार यह डील पक्की हो चुकी है। बिटनिंग के सीईओ काशिफ रजा ने इसका स्क्रीनशॉट शेयर किया। जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि जिओ कॉइन का इस्तेमाल मोबाइल रिचार्ज या रिलायंस गैस स्टेशन पर खरीदारी जैसी सेवाओं के लिए किया जा सकता है।
क्या है जिओ कॉइन
जिओ कॉइन जिओ के पाॅलीगाॅन लैब्स के साथ हाल ही में किए कोलैबोरेशन के बाद जिओ कोईन का निर्माण हुआ है। इसका उद्देश्य ब्लॉकचेन और वेब3 क्षमताओं के साथ अपनी सुविधाओं को और बढ़ावा देना है।
जियो की तरफ से अभी नहीं आई है कोई आधिकारिक सूचना
विभिन्न प्लेटफार्म पर इस तरह की रिपोर्ट प्रसारित हो रही है लोगों स्क्रीनशॉट भेज रहे हैं लेकिन जिओ की ओर से जियो कॉइन या उसकी उपयोग के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
कौन है पॉलीगॉन लैब्स
भारत में अपने वेब फ्री और ब्लॉकचेन डेब्यू के लिए पॉलीगाॅन प्रोटोकॉल की डेवलपर ब्रांच है।
जिओ प्लेटफार्म और पॉलीगॉन लैब्स की साझेदारी
रिलायंस इंडस्ट्रीज की टेक्नोलॉजी सहायक कंपनी जिओ प्लेटफार्म ने हाल ही में पॉलीगाॅन लैब्स के साथ साझेदारी की है। पॉलीगाॅन लैब्स की जियो प्लेटफार्म की इस साझेदारी के बाद जिओ के यूजर्स को ज्यादा अच्छे बेनिफिट्स मिलेंगे गोपनीयता और नियंत्रण जैसे व्यक्तिगत बेनिफिट्स का उपयोग करने में भी उपभोक्ता सक्षम होंगे।
क्या है इस साझेदारी का उद्देश्य
इस साझेदारी का उद्देश्य जिओ प्लेटफार्म के स्वामित्व वाली और संचालित कुछ मौजूद एप्लीकेशन और सेवा में व्यक्तिगत क्षमताओं को जोड़ना होगा जो कि । जो की जिओ के मौजूदा 450 मिलियन ग्राहकों के लिए इनोवेटिव वेब 3 सर्विस बनाने के लिए पॉलीगान के अत अत्याधुनिक
ब्लॉकचेन समाधानों का लाभ उठाकर संचालित की जाएगी। ब्लॉकचेन स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट और डिजिटल संपत्ति और टोकन जैसी नयी टेक्नोलॉजी जिसमें क्रिप्टोकरेंसी, सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी, और एन एफ टी शामिल हैं और वेब 3 को सपोर्ट करती हैं।
क्यों है अंबानी की नेतृत्व वाली कंपनी की साझेदारी महत्वपूर्ण
रिलायंस कंपनी की साझेदारी पॉलीगॉन लैब्स के साथ एक महत्वपूर्ण आयाम हासिल करेगी क्योंकि पॉलीगॉन लैब्स एक जानी-मानी क्रिप्टो और ब्लॉकचेन प्लेयर कंपनी है। इस साझेदारी से जियो का क्रिप्टो करेंसी के क्षेत्र में प्रवेश होगा। जीपीएल के सीईओ किरण थॉमस ने कहा पॉलीगॉन लैब्स के साथ जुड़कर जिओ डिजिटल उत्कृष्टता हासिल करेगी ।यह जिओ की विकास की यात्रा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी हम वेब 3 की असीम संभावनाओं का पता लगाने अपने यूजर्स के लिए अद्वितीय डिजिटल संभावना अनुभवों को लाने के लिए उत्साहित हैं।
सारांश
उम्मीद की जा रही है कि रिलायंस जिओ प्लेटफॉर्म एवं पॉलीगानॅ लैब्स की साझेदारी होने वाली है। इस साझेदारी के बाद जिओ के कस्टमर को उच्च गुणवत्ता के साथ जिओ कॉइन की असीम सुविधाएं मिलने की संभावना है। इस साझेदारी के बाद जिओ प्लेटफार्म के स्वामित्व वाली और उसके द्वारा संचालित कुछ ऐप्स और सेवाओं में भी वेब सीरीज कैपेसिटी जुड़ जाएगी। ताकि जिओ के मौजूदा ₹450 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर के लिए नई वेबसाइट सर्विस बनाई जा सके।