विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है भारत अमेरिका को 66 अरब डॉलर के निर्यात को बचाने के लिए टैरिफ में कटौती करने के बारे में सोच रहा है।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप ने रिसिप्रोकल टैरिफ जो की 2 अप्रैल से लागू होना है में भारत को शामिल कर भारत की चिंता को बढ़ा दिया है इसके उपाय के लिए अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत 66 अरब डॉलर के निर्यात को बचाने के लिए 23 अरब डॉलर के अमेरिकी आयात पर टैरिफ कटौती करने वाला है।
क्या भारत करेगा 23 अरब डालर मूल्य के आधे से अधिक अमेरिकी आयतन पर टैरिफ कटौती?
सूत्रों की माने तो अभी हाल ही में 29 मार्च को एक व्यापार समझौता होने वाला है जिसमें भारत व्यापार समझौते के पहले चरण में 23 अरब डॉलर से लेकर आधे से अधिक अमेरिकी आयातों पर टैरिफ में कटौती करने वाला है। इस कटौती का उद्देश्य रिसिप्रोकल टैरिफ से बचाना है।
अमेरिका द्वारा कब से शुरू होगा जवाबी शुल्क?
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल से जवाबी शुल्क प्रभावी होने के विषय में पहले से ही सचेत किया है। जिसके कारण पूरा वैश्विक बाजार परेशान है। सभी देशों में इस रिसिप्रोकल टैरिफ के कारण चिंता का माहौल बना हुआ है। अगर अमेरिका भारत पर इस जवाबी शुल्क को लागू करता है तो भारत पर 66 अरब डॉलर के निर्यात से 87% असर पड़ने वाला है। ऐसे में भारत ने इसका जोड़ 55 प्रतिशत अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क घटाकर निकालने का मन बना लिया है।
अमेरिका ने भेजा था भारत को रैसिप्रोकल शुल्क के विषय में ईमेल
अमेरिका ने रैसिप्रोकल शुल्क के सिलसिले में भारत को एक ईमेल भेजा था। अमेरिका द्वारा भारत को भेजे गए इस ईमेल का भारत के उद्योग मंत्रालय ने अभी कोई जवाब नहीं दिया है क्योंकि अमेरिका का आयात शुल्क 2.2 प्रतिशत रहता है जबकि भारत का औसत आयात शुल्क 12% के करीब रहता है। जिसके कारण भारत के साथ व्यापार करने में अमेरिका को 45.6 प्रतिशत का नुकसान उठाना होता है।
भारत आधे आयात शुल्क कब से शुरू करने पर विचार कर रहा है?
भारत में अमेरिका को आयात करने वाली वस्तुओं पर आधा आयात शुल्क करने का मन तो बना लिया है लेकिन अभी आधिकारिक रूप से इसकी कोई सूचना नहीं दी गई है। भारत का यह आयात शुल्क में राहत का सिलसिला अमेरिका के रिसिप्रोकल शुल्क में दिए जाने वाली छूट पर निर्भर करेगा। भारत सरकार के एक अधिकारी का कहना है की अमेरिका के साथ व्यापार करने के लिए भारत व्यापार शुल्क में सुधार करने के विषय में चर्चा कर रहा है लेकिन अभी यह बातचीत मुकम्मल नतीजे पर नहीं पहुंची है। इस बातचीत को सफलता का जमा अमेरिका के रिसिप्रोकल टैरिफ में राहत मिलने पर ही पहनाया जा सकता है।
किन वस्तुओं पर भारत कम कर सकता है टैरिफ शुल्क?
भारत खनिज, ईंधन, मशीनरी बॉयलर, मोती जैसी वस्तुओं पर 6 से 10% तक का टैरिफ कम कर सकता है। इन वस्तुओं का अमेरिका को होने वाले कुल निर्यात में आधा हिस्सा है। 11 अरब डॉलर के दवा और ऑटोमेटिक निर्यात पर भी टैरिफ शुल्क कुछ कम होने की संभावनाएं बताई जा रही है। क्योंकि अमेरिका द्वारा लगाए जा रहे रैसिप्रोकल शुक्ल का असर सबसे ज्यादा इन्हीं पर पड़ेगा। अमेरिकी बाजार पर दवाओं और ऑटोमेटिव निर्यात की निर्भरता सबसे अधिक है।
किन वस्तुओं को रखा जाएगा चर्चा से बाहर
मांस, मक्का, गेहूं, डेरी उत्पादन जैसी खाद्य सामग्री को आयात शुल्क में राहत मिलने की संभावना कम दिखाई पड़ रही है। इन वस्तुओं पर 30 से 60% का टैरिफ शुल्क भारत लगाता है। बादाम, पिस्ता, दलिया और क्विनोआ पर आयात शुल्क में राहत मिलने की संभावना है।
भारत करेगा ऑटोमोबाइल्स शुल्क में चरणबद्ध कटौती
भारत ऑटोमोबाइल्स शुल्क में धीरे-धीरे कटौती करने के पक्ष में है। अभी भारत का ऑटोमोबाइल्स शुल्क 100% से भी अधिक है।