सर्दियां आ गई है और आ गया है पालक, बथुआ, मेथी का मौसम। गाजर, टमाटर, गोभी, मटर सब्जियों की तो भरमार होती है इस मौसम में। हम सब ड्राई फ्रूट्स के लड्डू खाने के लिए इसी मौसम का तो इंतजार करते हैं। आलू , गोभी मूली के पराठे इसी मौसम की तो जान होते हैं।इसी मौसम में तो खा पाते हैं हम गोभी मूली शलगम का अचार। सर्दियों की धूप और मूंगफली हम सभी को एक नया एहसास दे जाती है। पर आपने कभी अपना वजन किया है सर्दियों से पहले और सर्दियों के बाद। सर्दिया जाते जाते हमें बड़े हुए वजन की सौगात दे जाती हैं और हमें पता भी कहां चलता है। आखिर हमारा शरीर तो स्वेटर शॉल जैकेट और ऊनी कपड़ों से ढका होता है ।तो आइये जानते हैं कैसे हो हमारा आहार विहार जिससे हम सर्दियों के मजे भी ढेर सारे फल मिठाई, पराठे, गाजर के हलुए और केक से ले पाएं और हमारा वजन भी कंट्रोल में रहे।
सर्दियों में कैसी हो हमारी दिनचर्या
सर्दियों में रजाई में से बाहर निकलने का मन नहीं करता। पर अगर हम इस मौसम का पूरा फायदा उठाना चाहते हैं तो हमें समय से सोने और समय से जागने की आदत डालनी होगी। वैसे तो सर्दियों में सूरज देरी से निकलता है तो जरूरी नहीं कि आप ब्रह्म मुहूर्त में उठे पर आपको सुबह ६ बजे तक उठ जाना चाहिए।सुबह उठने के बाद मॉर्निंग वॉक ,योगा एक्सरसाइज में अपना समय जरूर लगाना चाहिए। समय से नाश्ता, खाना हमें अपने काम को करने के लिए ऊर्जा प्रदान करता है। सर्दियों में आप अगर समय समय न उठे तो आपका सारा समय कहां चला जाता है आपको पता भी नहीं चलता। ऐसे में आपके अपने काम समय से पूरे नहीं होते और पूरे दिन चिड़चिड़ाहट बनी रहती है।
क्या खाएं कब खाएं और कैसे खाएं
जाड़े में हम सब बहुत सारा खाते हैं, पूरे दिन खाते हैं। इसका दुष्परिणाम हमें मोटापे के रूप में झेलना पड़ता है तो फिर सोचने का विषय है क्या खाएं कब और कितना खाएं। लाख टके की एक बात कही जाए तो यह है कि जब आपको सबसे ज्यादा काम हो तो आपको सबसे ज्यादा पोषण वाला खाना लेना चाहिए पर होता इसका उल्टा ही है हम अधिकतर समय अपना नाश्ता स्किप कर देते हैं और फिर उसकी जगह छोटे-छोटे टुकड़ों में हम कुछ ना कुछ खाते रहते हैं। अपनी आदत के दुष्परिणाम का पता हमें शुरू के सालों में नहीं लगता क्योंकि हमारा मेटाबॉलिज्म स्ट्रांग होता है, हम पूरे दिन काम करते हैं। जैसे ही हम 30 साल से ऊपर के होने लगते हैं हमारा शरीर हमें अलार्म देने लगता है पर हम समझ कर भी ना समझ बने रहते हैं। अगर हमें स्वस्थ रहना है तो हमें अपना सुबह का नाश्ता समय से और पोषण से भरपूर करना चाहिए। उसमें कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन विटामिन सब कुछ होना चाहिए। दोपहर का खाना हमें थोड़ा हल्का रखना चाहिए। शाम के नाश्ते और रात के खाने के बीच में तीन-चार घंटे का अंतर अवश्य होना चाहिए। अगर हम सुबह नाश्ते में पराठे खाते हैं तो दोपहर में हमारा भोजन हल्का और सुपाच्य होना चाहिए। इस समय हमें दाल चावल रोटी और एक सीजन की सब्जी खानी चाहिए। जाड़े के मौसम में आप आंवला खाकर अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं इस मौसम में आने वाला आंवला बहुत अच्छा आता है। आप आंवले का अचार मुरब्बा बनाकर काफी समय के लिए भी रख सकते हैं। शाम को सूप पीना आपके स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है इस समय गाजर, टमाटर, पालक ब्रोकली आदि काफी सारी सब्जियां आती है। जिनका सूप आपको सर्दी से बचाता है और आपके चेहरे की रौनक भी बढ़ाता है। रात के खाने के साथ यही नियम है कि आप समय से कम से कम और चबाकर खाएं। जब भी आपको भूख लगे आपको अपनी भूख से थोड़ा कम ही खाना है अगर आप रात में ऐसा सोच कर खाएंगे तो आपका वजन कभी भी नहीं बढ़ेगा।
सारांश
आपको अगर खुद को स्वस्थ रखना है तो बस समय से जागे, समय से सोये, व्यायाम योग एक्साइज करे और सर्दी के मौसम की ताजी-ताजी हरी सब्जियों फलों मिठाइयों का आनंद लेकर साल भर स्वस्थ रहिए।