आस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज़ की तैयारी के लिए भारतीय क्रिकेट टीम ने इंडिया ए के खिलाफ वाका ग्राउंड में तीन दिवसीय सिमुलेशन मैच खेला। इस अभ्यास मैच में विराट कोहली, शुभमन गिल, जसप्रीत बुमराह और ऋषभ पंत जैसे प्रमुख खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। मैच का उद्देश्य खिलाड़ियों को टेस्ट मैच जैसी परिस्थितियों में ढालना और चार साल बाद ऑस्ट्रेलिया के तेज़ और उछाल भरे विकेटों से परिचित कराना था।
पहला दिन: असली मैच जैसा अनुभव
पहला दिन पूरी तरह से एक वास्तविक टेस्ट मैच की तरह खेला गया। दोनों टीमों ने गंभीरता से प्रतिस्पर्धा की। हालांकि, भारतीय बल्लेबाज़ संघर्ष करते दिखे। विराट कोहली पहले दिन केवल 15 रन बनाकर आउट हो गए, क्योंकि गेंदबाज़ों ने पिच का भरपूर फायदा उठाया। इस सख्त शुरुआत ने खिलाड़ियों को चुनौतीपूर्ण माहौल में खुद को परखने का मौका दिया।
दूसरा दिन: अभ्यास और मैच का मेल
दूसरे दिन का प्रारूप थोड़ा बदला गया। खिलाड़ियों को नेट सेशन और मैच दोनों का अनुभव दिया गया। प्रमुख गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज ने लंबे स्पैल डाले। बुमराह ने 18 ओवर की शानदार गेंदबाज़ी की। यह कठिन अभ्यास खिलाड़ियों को टेस्ट मैच की मांगों के लिए तैयार करने और उनकी लय को ठीक करने के लिए किया गया था।
दो बार बल्लेबाजी कराने का तर्क
भारत के सहायक कोच अभिषेक नायर ने इस अभ्यास की संरचना के पीछे का कारण बताया। मुख्य कोच गौतम गंभीर और कप्तान रोहित शर्मा ने खिलाड़ियों को अधिक से अधिक समय बीच में बिताने का मौका देने का निर्णय लिया। कोहली ने पहले दिन 15 रन पर आउट होने के बाद दूसरे प्रयास में नाबाद 30 रन बनाए। इस प्रक्रिया ने खिलाड़ियों को कठिन परिस्थितियों में ढलने और आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद की।
सीखने के लिए नियमों में बदलाव
शुरुआत में सख्त नियम लागू किए गए, जिसमें बल्लेबाज़ आउट होने पर मैदान छोड़ देते थे। लेकिन बाद में कोचिंग स्टाफ ने खिलाड़ियों को दूसरा मौका देने के लिए नियम बदले। कोच नायर ने बताया कि खिलाड़ियों ने दूसरी पारी में बेहतर प्रदर्शन किया और परिस्थितियों को समझा। यह बदलाव सीखने और आत्मसुधार के लिए किया गया।
तेज़ गेंदबाजों का दबदबा
बुमराह और सिराज के नेतृत्व में तेज़ गेंदबाजों ने पिच का भरपूर फायदा उठाया। उनकी कसी हुई गेंदबाज़ी ने भारतीय बल्लेबाजों को परेशान किया। यह प्रदर्शन आस्ट्रेलिया के उछाल भरे विकेटों पर भारतीय गेंदबाज़ी आक्रमण की ताकत को दर्शाता है।
खेल की समझ पर ध्यान
दूसरे दिन का जोर सिर्फ शारीरिक तैयारी पर नहीं बल्कि खेल की समझ पर भी था। गेंदबाज़ों ने रणनीतिक स्पैल डाले, जबकि बल्लेबाज़ों ने अलग-अलग परिस्थितियों में ढलने की कोशिश की। यह संतुलित अभ्यास खिलाड़ियों को असली मैच की स्थितियों के लिए तैयार करने में कारगर साबित हुआ।
लंबे लक्ष्य पर फोकस
नायर ने इस अभ्यास मैच को भारत की टेस्ट योजना का अहम हिस्सा बताया। चार साल बाद ऑस्ट्रेलिया में खेलने के कारण पिचों के अनुकूल ढलना आवश्यक था। यह अभ्यास न केवल शॉर्ट-टर्म तैयारी बल्कि पूरी सीरीज़ के लिए मानसिक और शारीरिक सहनशक्ति बढ़ाने पर केंद्रित था।
खिलाड़ियों का फीडबैक
कोहली और अन्य वरिष्ठ खिलाड़ियों ने इस अभ्यास की सराहना की। उन्होंने दो बार बल्लेबाजी करने के अवसर को महत्वपूर्ण बताया, जिससे शुरुआती गलतियों को सुधारने और नए दृष्टिकोण से खेलने का मौका मिला। यह प्रक्रिया टीम की मानसिक दृढ़ता और अनुकूलन क्षमता को मजबूत करती है।
निष्कर्ष
वाका ग्राउंड पर खेला गया तीन दिवसीय सिमुलेशन मैच केवल अभ्यास नहीं, बल्कि रणनीतिक तैयारी का एक अभूतपूर्व प्रयास था। इस अभ्यास ने खिलाड़ियों को असली मैच के दबाव और परिस्थितियों का सामना करने के लिए तैयार किया। विराट कोहली और जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ियों के प्रयास बताते हैं कि भारतीय टीम आस्ट्रेलिया में चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है।