वेदांता, सेल, हिंडालको, जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा स्टील में 6% तक की गिरावट आ गई है। निफ़्टी मेटल इंडेक्स में 3.37 की गिरावट देखी गई। बिकवाली के कारण मेटल सेक्टर के प्रमुख स्टाफ नीचे आ गए हैं आईए जानते हैं इनके बारे में कुछ और भी..
किस शेयर में देखी गई कितनी गिरावट
वेदांता के शेयर 6.01% गिरकर 413 रुपए 45 पैसे पर आ गये। एनएमडीसी का शेयर 5.36 प्रतिशत नीचे गिरा सेल का शेयर 5.67% नीचे गिरा। हिंडालको का शेयर 3.36 प्रतिशत नीचे गिर गया है।
किस कंपनी के शेयर सबसे अधिक गिरे
निफ़्टी मेडल इंडेक्स में अभी हाल ही के एक महीने में 4.94% की गिरावट देखी जा रही है। जिंदल स्टील सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मेटल कंपनी बन गई है। जिंदल मेटल स्टील के शेयर 18.27% नीचे गिरे हैं। रत्नमणि मेटल के शेयर 11.25 प्रतिशत नीचे रहे। अदानी एंटरप्राइजेज के शेयर 11.29% नीचे रहे जीएसडी स्टील के शेयर 7.12% नीचे रहे एपीएल अपोलो के शेयर 7.89% नीचे रहे। जिंदल स्टेनलेस स्टील के शेयर 7.89% नीचे देखे गए।
क्यों आई है यह गिरावट
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आयात पर टैरिफ लगा दिया है जिसके कारण कनाडा और मेक्सिको से आने वाले सामान पर 25% का टैरिफ और चीन से आने वाले सामानों पर 10% टैरिफ लगना शुरू हो गया है।
क्या कहना है विश्लेषकों का इस विषय में
विश्लेषकों का कहना है इस टैरिफ युद्ध के कारण विकास प्रभावित होगा। टैरिफ युद्ध के कारण मेटल व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है यह टैरिफ युद्ध मेटल के शेयर्स होल्डर्स के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं है।
क्या कहना है आईसीआई सिक्योरिटीज के जांच विश्लेषक अमित दीक्षित का,
आईसीआई सिक्योरिटीज के शोध विशेषज्ञ अमित दीक्षित का कहना है की युद्ध की चिंता के कारण धातु के शेयरों में भी व्यापक गिरावट देखी गई है। अमित दीक्षित ने कहा की टैरिफ से कीमतें बढ़ती है और आपूर्ति श्रृंखलाएं प्रभावित होती है। जिसके कारण औद्योगिक विकास प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि अगर कच्चा माल महंगा होता है तो परियोजनाओं में देरी होने लगती है और खरीदार की सेलिंग कैपेसिटी भी प्रभावित होती है। ऐसी स्थिति में दूसरे विकल्पों पर विचार किया जा सकता है या खरीद को पूरी तरह से कम किया जा सकता है।
एलोरा कैपिटल के विश्लेषकों ने क्या कहा
एलोरा कैपिटल के विश्लेषकों ने कहा कि त्योहारी सीजन के बाद मेटल की मांग में कमजोरी आई है। स्टील की कीमतों में नरमी बड़ी है और निर्यात अवसरों में कमी होने के कारण धातु उद्योग का प्रदर्शन प्रभावित हुआ है। विश्लेषकों ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के धातु निर्यात को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित किया है। जिससे घरेलू मांग प्रभावित हुई है जिसके कारण आक्रामक निर्यात रणनीति को बढ़ावा मिलेगा।
क्या है भारत में मेटल डंपिंग की स्थिति
विश्लेषकों ने कहा कि चीन पर अमेरिकी टैरिफ होने के कारण भारत में अधिक धातु के डंप होने की संभावना है। लेकिन यह चिंता का विषय कुछ समय के लिए है। बड़ा सवाल यह होगा कि आने वाले कल में मांग और मूल्य का निर्धारण किस प्रकार से किया जाए। जिससे कि निकट भविष्य में इस्पात शेयरों में स्थिरता बनी रहे। अभी परिस्थितियों को देखकर लग रहा है कि निकट भविष्य में भी मेटल शेयर में अस्थिरता बनी रहेगी। धातु बाजार को अभी मैक्सिको और चीन की तरफ से संभावित कार्यवाही का इंतजार है। कनाडा ने पहले ही अमेरिकी वस्तुओं पर 25% आयात शुल्क लगा दिया है।
क्या सलाह दे रहे हैं विश्लेषक
विश्लेषकों का कहना है कि इस समय की परिस्थितियों को देखते हुए टाटा स्टील और जेएसडब्ल्यू स्टील के शेयर्स को खरीदा जा सकता है। क्योंकि इस समय उनकी स्थिति बेहतर बनी हुई है। इस समय वेदांता और हिंडालको वाले शेयर्स में इन्वेस्ट करने वाले शेयरहोल्डरों को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि विदेशी निवेश होने के कारण वैश्विक अस्थिरता का उनके मूल्यों पर और असर पड़ सकता है। उन्हें भविष्य में और मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।