नई दिल्ली, 21 अप्रैल: अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस चार दिवसीय भारत यात्रा पर सोमवार को नई दिल्ली पहुंचे। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है। दोनों देशों के बीच गहराते सामरिक रिश्तों के बीच अमेरिकी टैरिफ संकट का समाधान तलाशना इस दौरे का मुख्य उद्देश्य माना जा रहा है।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस का पारिवारिक और कूटनीतिक दौरा
यह दौरा व्यक्तिगत और आधिकारिक दोनों रूप में बेहद अहम है। वेंस अपनी पत्नी उषा वेंस और परिवार संग भारत आए हैं। यात्रा के दौरान वे विश्व प्रसिद्ध ताजमहल का दौरा करेंगे और जयपुर में एक पारिवारिक विवाह समारोह में भी शरीक होंगे। खास बात यह है कि उषा वेंस भारतीय मूल की हैं।
वेंस इससे पहले रोम में पोप फ्रांसिस से ईस्टर संडे के मौके पर निजी भेंट कर भारत पहुंचे।
पीएम मोदी से मुलाकात में किन मुद्दों पर होगी चर्चा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वेंस के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा तय है। फरवरी में वाशिंगटन में हुई ट्रंप-मोदी वार्ता में जिन विषयों पर सहमति बनी थी, उनकी प्रगति की समीक्षा इस बैठक का मुख्य एजेंडा होगी। इसमें दोतरफा व्यापार में निष्पक्षता और रक्षा सहयोग की मजबूती जैसे विषय शामिल हैं।
भारत सरकार अमेरिकी टैरिफ में राहत के बदले अपने कई उत्पादों पर शुल्क घटाने पर विचार कर रही है। साल 2024 में भारत ने अमेरिका से लगभग $41.8 बिलियन का आयात किया था।
ट्रंप की टिप्पणी और व्यापारिक समझौते की चुनौतियां
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार भारत को ‘टैरिफ अब्यूज़र’ और ‘टैरिफ किंग’ कह चुके हैं। इसके बावजूद भारत सरकार अमेरिकी प्रशासन के साथ सकारात्मक वार्ता की दिशा में अग्रसर है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने कहा —
“हमें पूरा विश्वास है कि वेंस की यात्रा हमारे द्विपक्षीय रिश्तों में नई ऊर्जा भरेगी।”
भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों का मौजूदा परिदृश्य
2024 में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार $129 बिलियन तक पहुंच चुका है। इसमें से भारत का व्यापार अधिशेष $45.7 बिलियन रहा। इस आंकड़े से दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों की मजबूती स्पष्ट होती है।
हाल ही में ट्रंप प्रशासन ने अपने सभी प्रमुख व्यापारिक साझेदारों के लिए टैरिफ बढ़ोतरी पर 90 दिन का विराम दिया है। भारत इस अवधि के भीतर समझौता करने की कोशिश में जुटा है।
ट्रंप के संभावित भारत दौरे की तैयारी भी इस यात्रा का हिस्सा
वेंस की यह यात्रा ट्रंप के इस साल प्रस्तावित भारत दौरे की पृष्ठभूमि भी तैयार कर रही है। ट्रंप ‘क्वाड समिट’ में भाग लेने भारत आ सकते हैं। क्वाड में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।
विदेश नीति विश्लेषकों की नजर में वेंस की यात्रा का महत्व
‘ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन’ में विदेश नीति प्रमुख हर्ष पंत ने कहा —
“अमेरिका-चीन तनाव के बीच वेंस की भारत यात्रा का समय बेहद रणनीतिक है। यह दौरा भारत-अमेरिका के रिश्तों को नई ऊँचाई देगा।”
भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग में क्या होगा खास?
सूत्रों के अनुसार भारत और अमेरिका के बीच इस साल एक व्यापक रक्षा सहयोग समझौता होने की संभावना है। भारत अमेरिका से जेवलिन एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल और स्ट्राइकर इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स की खरीद और सह-निर्माण के लिए बातचीत कर रहा है।
इसके अलावा, अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ के अगले कुछ महीनों में भारत दौरे की भी संभावना जताई जा रही है, जहां इन सौदों पर अंतिम मुहर लग सकती है।
✅ निष्कर्ष:
वेंस की भारत यात्रा सिर्फ एक पारिवारिक दौरा नहीं, बल्कि दोनों देशों के व्यापारिक, रणनीतिक और राजनयिक रिश्तों में नई जान फूंकने वाली है। आने वाले दिनों में भारत-अमेरिका के बीच बड़े समझौते हो सकते हैं, जो वैश्विक शक्ति संतुलन पर भी असर डालेंगे।