उत्तराखंड ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लागू किया है। इस फैसले ने राज्य के नागरिकों के लिए एक समान कानूनी ढांचे की शुरुआत की है, जिससे समाज के विभिन्न वर्गों को समान न्याय मिल सकेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय में इस योजना की शुरुआत की। इस ब्लॉग में हम आपको UCC पोर्टल और इसके कार्यान्वयन के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में जानकारी देंगे।
उत्तराखंड यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) की विशेषताएँ
यूनिफॉर्म सिविल कोड का उद्देश्य राज्य के सभी नागरिकों के लिए समान कानूनी अधिकार सुनिश्चित करना है। इस कोड के तहत सभी जातियों, धर्मों और समुदायों के लिए समान नियम होंगे, जिससे सामाजिक समानता बढ़ेगी। इस कोड के लागू होने से लिव-इन रिलेशनशिप से लेकर वसीयत पंजीकरण तक की प्रक्रियाएँ आसान और पारदर्शी होंगी।
कैबिनेट ने नियम पुस्तिका को मंजूरी दी
कैबिनेट ने 20 जनवरी को UCC नियम पुस्तिका को मंजूरी दी थी, जो इस प्रक्रिया को पारदर्शी और सुव्यवस्थित बनाएगी। 13 जनवरी को राज्य सरकार ने अपने अधिकारियों को UCC पोर्टल से परिचित कराने के लिए प्रशिक्षण भी शुरू किया था।
UCC पोर्टल की विशेषताएँ और सेवाएँ
उत्तराखंड सरकार ने नागरिकों और अधिकारियों के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया है, जो आधार आधारित सत्यापन और AI आधारित अनुवाद सेवाएँ प्रदान करता है। इसमें 22 भारतीय भाषाओं का समर्थन है और यह 13 से अधिक विभागों के बीच डेटा एकीकरण को सक्षम करता है, जैसे जन्म-मृत्यु पंजीकरण, जिला/उच्च न्यायालय आदि।
यह पोर्टल क्लाउड-आधारित है और इसमें आपदा रिकवरी सिस्टम भी शामिल है, ताकि कोई भी तकनीकी समस्या आने पर डेटा सुरक्षित रहे।
पंजीकरण सेवाओं में बदलाव और सरलता
UCC के तहत, तत्काल सेवा (Tatkal) के लिए पंजीकरण शुल्क निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, लिव-इन रिश्तों के पंजीकरण और समाप्ति की प्रक्रिया को भी आसान बना दिया गया है। यदि कोई एक साथी समाप्ति आवेदन करता है, तो दूसरे साथी की पुष्टि आवश्यक होगी।
वसीयत पंजीकरण को भी ऑनलाइन किया जा सकता है, और वसीयत को संशोधित या पुनः सत्यापित किया जा सकता है।
ग्रामीण और दूरदराज इलाकों में सुविधाएँ
उत्तराखंड सरकार ने सामान्य सेवा केंद्रों (CSCs) को ऑनलाइन पंजीकरण में मदद करने के लिए अधिकृत किया है। उन दूरदराज और पहाड़ी इलाकों में जहां इंटरनेट की समस्या है, CSC एजेंट घर-घर जाकर सेवाएं प्रदान करेंगे।
ग्रामीण इलाकों में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी को उप-पंजीयक नियुक्त किया गया है, जो स्थानीय स्तर पर पंजीकरण सेवाएं प्रदान करेंगे।
यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल 2024 का पारित होना
उत्तराखंड राज्य में UCC विधेयक को 7 फरवरी 2024 को विधानसभा में पारित किया गया। राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद इसे 12 मार्च 2024 को अधिसूचित किया गया। इस विधेयक के तहत विभिन्न नियमों और प्रावधानों का निर्माण किया गया है, जो राज्य के नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
UCC के लाभ और उद्देश्य
यूनिफॉर्म सिविल कोड का उद्देश्य समानता और न्याय को बढ़ावा देना है। यह कदम भारत में नागरिकों के बीच सामाजिक और कानूनी समानता सुनिश्चित करने में मदद करेगा। इससे राज्य के नागरिकों को समझौतों, विवाह, तलाक, और संपत्ति अधिकारों से संबंधित प्रक्रियाओं में पारदर्शिता मिलेगी।
UCC की शुरुआत से, यह उम्मीद की जा रही है कि राज्य के नागरिकों को अधिक समान अधिकार मिलेंगे और पुराने कानूनी परिपाटियों को बदलने का मार्ग प्रशस्त होगा।
निष्कर्ष:
उत्तराखंड का यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का शुभारंभ एक महत्वपूर्ण कदम है, जो राज्य में समानता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। इस पोर्टल और नियमों के लागू होने से राज्य के नागरिकों को कानूनी प्रक्रियाओं में ज्यादा पारदर्शिता और सुविधा मिलेगी। इस पहल के द्वारा, राज्य सरकार ने कानूनी सेवाओं के डिजिटलीकरण और सामाजिक समानता को बढ़ावा दिया है।
यदि आप उत्तराखंड UCC पोर्टल का लाभ उठाना चाहते हैं या इसके बारे में और जानकारी चाहते हैं, तो आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन प्रक्रिया और सेवाओं के बारे में अधिक जान सकते हैं।