अमेरिका में पढ़ाई के सपने देखने वाले हजारों भारतीय छात्रों को ट्रंप प्रशासन की नई नीति के कारण बड़ा झटका लग सकता है। अमेरिकी दूतावासों को नए स्टूडेंट और एक्सचेंज वीज़ा इंटरव्यू शेड्यूल करने से फिलहाल रोक दिया गया है। प्रशासन अब सभी विदेशी छात्रों के सोशल मीडिया प्रोफाइल की जांच अनिवार्य करने की योजना बना रहा है।
क्या है नई नीति का उद्देश्य?
पोलिटिको की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की विदेश नीति में बदलाव के तहत अब छात्र वीज़ा चाहने वालों की गहन जांच की जाएगी। इसमें सोशल मीडिया गतिविधियों का मूल्यांकन भी शामिल होगा। इसी क्रम में, विदेश मंत्री मार्को रुबियो के निर्देश पर 27 मई को एक आधिकारिक केबल जारी हुआ जिसमें दूतावासों को F, M और J श्रेणी के वीज़ा इंटरव्यू रोकने के लिए कहा गया है।
यह कदम देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के इरादे से उठाया गया है, लेकिन इससे छात्रों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
भारत-अमेरिका शैक्षणिक संबंधों पर असर
2024 में 2.7 लाख से अधिक भारतीय छात्रों ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में $43.8 बिलियन का योगदान दिया। इस लिहाज़ से भारत अमेरिका के शैक्षणिक ताने-बाने में एक मजबूत स्तंभ है। लेकिन जनवरी से सितंबर 2024 तक F-1 वीज़ा जारी करने में 38% की गिरावट आई है, और मार्च 2025 से वीज़ा स्लॉट की भारी कमी पहले से ही एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
विशेषज्ञों की चिंता
पूर्व राष्ट्रपति सलाहकार आयोग के सदस्य अजय भूटोरिया ने इस रोक को “चिंताजनक” बताते हुए कहा कि यह कदम भारतीय छात्रों के भविष्य को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने कहा:
“सुरक्षा जांच जरूरी है, लेकिन इससे छात्रों को शैक्षणिक नुकसान, आर्थिक हानि और मानसिक तनाव झेलना पड़ सकता है।”
भूटोरिया ने अमेरिकी सरकार से अपील की कि वीज़ा प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जाए, संसाधनों में वृद्धि की जाए और सोशल मीडिया जांच की स्पष्ट गाइडलाइन जारी की जाए।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी पर भी गिरी गाज
हाल ही में ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का SEVP सर्टिफिकेशन समाप्त कर दिया है, जिससे वह अब विदेशी छात्रों को दाखिला नहीं दे सकेगी। प्रशासन का आरोप है कि विश्वविद्यालय परिसर में अमेरिका विरोधी और आतंकवादी समर्थक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे छात्रों की सुरक्षा और शिक्षा प्रभावित हो रही है।
सोशल मीडिया जांच: कितना उचित, कितना गंभीर?
ट्रंप प्रशासन पहले भी सोशल मीडिया जांच का इस्तेमाल करता रहा है, लेकिन यह ज़्यादातर उन छात्रों पर केंद्रित था जो गाज़ा में इज़राइल की कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल थे। अब, इस दायरे को और विस्तारित करते हुए उन सभी छात्रों पर नजर रखी जाएगी जो किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन से जुड़े रहे हैं।
कई छात्रों के वीज़ा रद्द कर दिए गए हैं और उन्हें देश छोड़ने का आदेश दिया गया है।
निष्कर्ष: भारतीय छात्रों के लिए आगे की राह
अमेरिका में उच्च शिक्षा के लिए आवेदन कर रहे भारतीय छात्रों को अब अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी। वीज़ा आवेदन प्रक्रिया में देरी और सोशल मीडिया जांच के कारण कई छात्रों को अपना सेशन स्थगित करना पड़ सकता है।
क्या करें छात्र?
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वीज़ा अपॉइंटमेंट्स को लेकर अपडेट्स पर नजर रखें
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सोशल मीडिया प्रोफाइल साफ़ और पेशेवर रखें
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समय रहते सभी दस्तावेज़ तैयार रखें
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काउंसलर से मार्गदर्शन लें