वाशिंगटन/सना: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को यमन में ईरान-समर्थित हूती विद्रोहियों पर व्यापक पैमाने पर हवाई हमले का आदेश दिया, जिसमें अब तक 24 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। यह हमला अमेरिकी हितों की रक्षा और समुद्री व्यापार मार्गों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से किया गया।
अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में इस अभियान से जुड़े कई तस्वीरें साझा कीं, जिनमें विमानवाहक पोत से लड़ाकू विमानों के उड़ान भरने और यमन में लक्ष्यों पर हमले के दृश्य शामिल थे। बयान में कहा गया, “15 मार्च को, अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने यमन में ईरान-समर्थित हूती ठिकानों पर सटीक हमले शुरू किए, ताकि अमेरिकी हितों की सुरक्षा हो, दुश्मनों को रोका जा सके और नौवहन की स्वतंत्रता बहाल की जा सके।”
ट्रंप की दो-टूक चेतावनी: ईरान को दी कड़ी धमकी
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर इस सैन्य अभियान की घोषणा करते हुए ईरान को भी कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने लिखा, “आज, मैंने अमेरिकी सेना को यमन में हूती आतंकियों पर निर्णायक और शक्तिशाली सैन्य कार्रवाई करने का आदेश दिया है। वे लगातार समुद्री डकैती, हिंसा और आतंकवाद फैला रहे हैं—अमेरिका और दुनिया के अन्य देशों के जहाजों, विमानों और ड्रोन पर हमले कर रहे हैं।”
ईरान को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “हूती आतंकियों को समर्थन देना तुरंत बंद किया जाए! अमेरिका के नागरिकों, उनके राष्ट्रपति—जिसे अमेरिकी इतिहास के सबसे बड़े जनादेशों में से एक मिला है—या वैश्विक समुद्री मार्गों को धमकी देने की गलती मत करना। यदि ऐसा किया, तो परिणाम गंभीर होंगे और हम ‘नरमी’ नहीं बरतेंगे।”
हूती विद्रोहियों की प्रतिक्रिया: “हम जवाब देंगे!”
हूती विद्रोहियों ने इस हमले पर कड़ा विरोध जताते हुए बदले की कार्रवाई की चेतावनी दी। अल-मसीराह टीवी चैनल पर जारी बयान में कहा गया, “हमारी यमनी सशस्त्र सेनाएं किसी भी उकसावे का माकूल जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। यदि दुश्मन हम पर हमला बढ़ाएगा, तो हम भी उसी स्तर पर जवाब देंगे।”
यमन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि की कि हमलों में 20 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 9 से अधिक लोग घायल हुए हैं। हूती विद्रोहियों के ‘अंसारुल्लाह’ नामक आधिकारिक वेबसाइट पर इस हमले को अमेरिका-ब्रिटेन की आक्रामकता करार दिया गया और इसे “ट्रंप प्रशासन की आपराधिक बर्बरता” बताया।
लाल सागर में तनाव: इस्राइल-फिलिस्तीन संघर्ष से जुड़ा मामला
हूती विद्रोहियों ने हाल ही में घोषणा की थी कि वे लाल सागर में शिपिंग गतिविधियों में व्यवधान डालने और समुद्री यातायात को नियंत्रित करने का प्रयास तब तक जारी रखेंगे, जब तक इस्राइल गाजा पट्टी में फिलिस्तीनियों की मानवीय सहायता पर से प्रतिबंध नहीं हटाता।
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में, अमेरिका ने हूती विद्रोहियों को “विदेशी आतंकवादी संगठन” के रूप में पुनः सूचीबद्ध किया था। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, 2023 से अब तक हूती लड़ाकों ने अमेरिकी युद्धपोतों पर 174 और वाणिज्यिक जहाजों पर 145 बार हमले किए हैं।
यह खबर मध्य-पूर्व में बढ़ते तनाव को दर्शाती है और आने वाले दिनों में वैश्विक समुद्री व्यापार और कूटनीतिक समीकरणों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा। 🚢🔥