Tuesday, January 28, 2025
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अमेरिकी प्रशासन ने लगाई सभी विदेशी सहायताओं पर रोक इसराइल और मिश्र को दी गई छूट

डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ लेने के बाद एक नई घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए। इससे सभी देश हैरान परेशान है। अमेरिका ने इजरायल व मिश्र को छोड़कर सभी देशों को अमेरिकी मदद देने से इनकार कर दिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने विदेशी सहायता को 90 दिनों के लिए निलंबित कर दिया है। अमेरिका 90 दिनों तक किसी दूसरे देश को मदद नहीं प्रदान करेगा।

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रोबियों ने अमेरिकी विदेश विभाग को भेजा मेमो

अमेरिकी विदेश मंत्री ने एक आंतरिक मेमो विदेश मंत्रालय भेजा है जिसमें इजराइल व मिश्र को छोड़कर अन्य देशों को विदेशी मदद देने से इनकार कर दिया है। मेमो में कहा गया है अमेरिका के कानून द्वारा अनुमत अधितकतम सीमा तक विदेशी सहायता के लिए कोई नई बाध्यता तब तक नहीं बनाई जाएगी जब तक अमेरिकी विदेश विभाग इसकी समीक्षा नहीं कर लेता। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एजेंडे के अनुसार किसी भी अवार्ड या नये अवार्ड के लिए नया फंड 90 दिनों तक प्रस्तावित नहीं हो पायेगा। अमेरिका की फर्स्ट नीति के अंतर्गत यह फैसला किया गया है। मेमो में कहा गया है कि कोई नई राशि जब तक आवंटित नहीं होगी तब तक मौजूदा योजना को विस्तार नहीं मिलेगा और नयी योजनाएं लागू नहीं होंगी।

किन देशों को नुकसान होगा इस योजना से

इससे न केवल विकास प्रभावित होगा बल्कि यह मेमो सैन्य क्षेत्र को भी‌ प्रभावित करेगा। अमेरिका ने यूक्रेन को अमेरिका के पिछले राष्ट्रपति जो बिडेन के कार्यकाल में रुस से युद्ध में निपटने के लिए हथियार दिए थे। इस मेमो के अंतर्गत अमेरिका अब यूक्रेन को सैन्य सहायता देने से भी हाथ पीछे खींच रहा है। इस निर्णय के द्वारा यूक्रेन को अमेरिका द्वारा दी जा रही आर्थिक मदद भी रुक जाएगी। इस निर्णय का असर एड्स के लिए चलाए जा रहे प्रोग्राम पर भी पड़ेगा। 2003 में राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने PEPFAR   योजना शुरू करवाई थी PEPFAR योजना एंटी एचआईवी एड्स पहल के नाम से भी जानी जाती है। इस योजना के अंतर्गत लगभग 26 मिलियन लोग स्वस्थ हो पाए हैं। यह योजना आज तक वाशिंगटन में काफी लोकप्रिय थी इस योजना को महत्वपूर्ण समर्थन में मिल रहा था।

किन देशों की मदद करना जारी रखेगा अमेरिका

अमेरिका इसराइल और मिश्र को सहायता देना जारी रखेगा। अमेरिका इजरायल को हथियारों की आपूर्ति करता है। गाजा युद्ध की शुरुआत होने से यह आपूर्ति और बढ़ गई है। मिश्र को 1979 में इजरायल के साथ शांति संधि के बाद अमेरिका इजरायल को सैन्य सहायता प्रदान करता रहा है।अमेरिका सूडान और सीरिया जैसे संकटग्रस्त देशों में अमेरिका खाद्य सहायता प्रदान करता रहा है। अभी तक अमेरिका सबसे बड़ा दाता था।

डेमोक्रेटिक पार्टी ने किया विरोध डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी के मेमो का डेमोक्रेटिक पार्टी ने विरोध किया है। डेमोक्रेटिक पार्टी ने कहा कि अगर यह मेमो लागू होता है तो लोगों की जिंदगी प्रभावित होगी। करोड़ों एड्स मरीज अमेरिका द्वारा दी जा रही दवाओं से प्रभावित होते हैं। अमेरिका के एंटी मलेरिया प्रोग्राम से 6.3 करोड़ मरीज लाभांवित होते हैं। बेनिफिटिंग पार्टी के शीर्ष प्रतिनिधि जॉर्जिया मैक्सी ने कहा कि यह कदम अमेरिका की विश्वसनीयता के लिए खतरा है। अमेरिका कैसे कम से अमेरिका के साथ चीन रूस और ईरान के सामने कमजोर पड़ सकती है। डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रतिनिधि ने कहा कि अब हमारी विश्वसनीयता दाब पर है और ऐसा लगता है कि हम दुनिया भर में अपनी सहयोगियों के प्रति अपने कर्तव्यों से पीछे हट रहे हैं। हमारे देश में लंबे समय से सहायता कर अपनी फॉरेन पॉलिसी को मजबूत बनाया है हम विकास की परवाह करते हैं और चीन से अलग इमेज बनाते हैं जो की सिर्फ प्राकृतिक संसाधनों की तलाश में चिंतित है।

विदेशी सहायता विभाग ने मेमो को सही ठहराया

विदेशी सहायता विभाग ने कहा कि प्रशासन के लिए यह आकलन करना बहुत मुश्किल है कि विदेशी सहायता कमिटमेंट डुप्लीकेट नहीं है प्रभावी है।‌‌मेमो अस्थाई रूप से कार्यरत कर्मचारी और अन्य प्रशासनिक खर्चों के लिए वेतन देने की अनुमति प्रदान करता है। इस मेमो में 85 दिन के अंदर सभी विदेशी सहायता की इंटरनल रिव्यू मंगाई गई है।

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