यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेंलेस्की ने म्यूनिख के एक सुरक्षा सम्मेलन में कहा कि यूक्रेन को रूस के खिलाफ लड़ाई जारी रखना बहुत मुश्किल लग रहा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति का कहना है कि बिना अमेरिकी समर्थन के हम रूस के साथ अपनी लड़ाई जारी नहीं रख सकते। यूक्रेन के राष्ट्रपति का कहना है कि हम हमेशा अपनी लड़ाई के लिए संघर्ष करते रहेंगे लेकिन बिना अमेरिकी सैनिक सहायता के हमारे लिए यह कर पाना बहुत मुश्किल होगा। अगर अमेरिका रूस के साथ होता है तो हमें विश्वास है कि वह रूस पर दबाव डालेंगे अमेरिका अगर यूक्रेन के साथ होता है या अगर अमेरिका बीच में नहीं भी होता है तो हमें पता है डोनाल्ड ट्रंप पुतिन पर युद्ध रोकने के लिए दबाव डालेंगे।
यूनेस्को के राष्ट्रपति ने युद्ध विराम पर बातचीत करने के विचार को दिया सिरे से नकार
यूनेस्को के राष्ट्रपति ने एनबीसी के मीट द प्रेस साक्षात्कार के दौरान अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि मास्को का लक्ष्य अपनी सैन्य शक्ति के पुनः निर्माण के लिए समय उपलब्ध करना है। राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने चेतावनी दी है कि उनके देश को निरंतर अमेरिकी सैन्य सहायता के बिना अस्तित्व के लिए कठिन संघर्ष करना पड़ेगा जेलेस्की ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन युद्ध विराम सिर्फ अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को कम करने के लिए करना चाहते हैं। वो नए सिरे से रणनीति तैयार करने के लिए और खुद को और आक्रामक बनाने के लिए एक अस्थाई युद्ध विराम चाहते हैं। जेलेस्की ने कहा कि वो वास्तव में सिर्फ एक अस्थाई युद्ध विराम चाहते हैं और ऐसा कोई भी अस्थाई युद्ध विराम रूस को अपनी सेना को मजबूत करने के लिए और एक मौका देगा।
मुश्किल समय में यूक्रेन को चाहिए अमेरिका का साथ
जेलेस्की ने ऐसा उस समय कहा है जबकि अमेरिका यूक्रेन को अपनी सहायता देने से हाथ खड़े कर रहा है और अमेरिका और अन्य यूरोपीय सहयोगी देशों के बीच में एक दूरी बन रही है। ऐसी मुश्किल समय में जेले स्की का यह बयान उनकी हताशा दिखा रहा है।
अमेरिका और सहयोगी यूरोपीय देशों में क्यों लग रहा है कि बढ़ रही है दूरियां
म्यूनिख शिखर सम्मेलन में अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेंडी वेंस ने अपने सहयोगी यूरोपीय देशों के कई नेताओं की आलोचना की है इनमें कई मुद्दों में युद्ध से संबंधित मुद्दे भी शामिल किए गए थे जिसे सुनकर लग रहा है कि अब अमेरिका यूरोपीय देशों के साथ मिलकर रूस और यूक्रेन युद्ध में सक्रिय भागीदार नहीं बनना चाहता। वहीं दूसरी तरफ जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रांक वाल्टर स्टीमर ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर अपने दीर्घकालीन रिश्तों और साझेदारी को कमजोर करने का आरोप भी लगा दिया है। ऐसे में अमेरिका यूरोपीय देशों में संबंध में खटास आने की उम्मीदें बढ़ती जा रही है। यह सारी परिस्थितियों यूक्रेन के विरोध में इशारा कर रही है। साथ ही साथ अमेरिका के अभी हाल ही में यूक्रेन को सहायता न देने के प्रस्ताव के कारण भी यूरोपीय देश असमंजस की स्थिति में है।
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी भी है ट्रंप के इस फैसले के विरोध मे
ट्रंप के समर्थक और उनकी पार्टी के सदस्य भी यूक्रेन का साथ न देने वाले उनके फैसले के विरोध में खड़े हो गए हैं। अभी हाल ही में सीनेटर रोजर विकर यूक्रेन पर अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हैगसेग की टिप्पणीयों को एक नौसीखिए की गलती कहा था।
जेलेस्की को अभी भी उम्मीद है अमेरिका से
जेलेस्की ने कहा कि अमेरिका और रूस के बीच किसी भी बात में यूक्रेन को शामिल किया जाना आवश्यक है। जेनेस्की ने कहा कि अगर रूस और यूक्रेन का युद्ध जारी रहता है तो हमें विश्वास है की ट्रंप पुतिन पर युद्ध रोकने के लिए दबाव डालेंगे।