सोमवार तड़के नई दिल्ली और उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में भूकंप के तीव्र झटके महसूस किए गए, जिससे ऊंची इमारतों में रहने वाले लोग घबराकर बाहर निकल आए। भूकंप का केंद्र धौला कुआं के पास था और इसकी तीव्रता 5.0 मापी गई। हालांकि, किसी प्रकार के नुकसान या हताहत होने की खबर नहीं मिली, लेकिन प्रशासन ने सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
नई दिल्ली: उत्तर भारत की सुबह सोमवार को भूकंप के तेज़ झटकों से हुई। पहला झटका सुबह 5:30 बजे दिल्ली-एनसीआर में आया, जिसकी तीव्रता 4.0 थी, और दूसरा बिहार के सिवान जिले में सुबह 8:02 बजे महसूस किया गया।
दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाज़ियाबाद में ऊंची इमारतों के निवासियों को घरों से बाहर निकलते देखा गया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, दिल्ली में भूकंप का केंद्र दुर्गाबाई देशमुख कॉलेज ऑफ़ स्पेशल एजुकेशन, धौला कुआं के निकट पांच किलोमीटर की गहराई में स्थित था। किसी भी प्रकार के जान-माल के नुकसान की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं आई।
इस क्षेत्र में हर दो-तीन साल में हल्के भूकंप आते रहते हैं। 2015 में यहां 3.3 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था। अधिकारियों के मुताबिक, इस बार झटकों के साथ तेज़ गड़गड़ाहट की आवाज़ भी सुनाई दी।
An earthquake with a magnitude of 4.0 on the Richter Scale hit Siwan, Bihar at 08:02 IST today
(Source – National Center for Seismology) pic.twitter.com/mNcVErOpq6
— ANI (@ANI) February 17, 2025
बिहार में भी हिली धरती
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने बताया कि बिहार के सिवान जिले में भी सुबह 8:02 बजे 4.0 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली और आसपास के इलाकों में आए तेज़ झटकों पर प्रतिक्रिया देते हुए लोगों से शांत रहने और सुरक्षा निर्देशों का पालन करने की अपील की। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। सभी से शांत रहने और सतर्क रहने का अनुरोध करता हूं। संभावित आफ्टरशॉक्स को लेकर सतर्क रहें। प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है।”
दिल्ली पुलिस ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, “हम आशा करते हैं कि आप सभी सुरक्षित हैं, दिल्ली! किसी भी आपात स्थिति में 112 हेल्पलाइन का उपयोग करें।”
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी एक्स पर लिखा, “मैं सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं।”
पहले भी झेल चुका है दिल्ली-एनसीआर भूकंप के झटके
इससे पहले, 23 जनवरी को दिल्ली-एनसीआर में 7.2 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था, जिसका केंद्र चीन के शिनजियांग में 80 किलोमीटर की गहराई में था। वहीं, 11 जनवरी को अफगानिस्तान में 6.1 तीव्रता का भूकंप आने से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में भी कंपन दर्ज किया गया था।
दिल्ली भौगोलिक रूप से 250 किलोमीटर दूर स्थित हिमालयी टकराव क्षेत्र के प्रभाव में आता है, जिसके कारण यहां अक्सर हल्के से मध्यम तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं। पिछले कुछ वर्षों में कई महत्वपूर्ण झटके महसूस किए गए हैं, जिनमें 12 अप्रैल 2020 को 3.5 तीव्रता, 10 मई 2020 को पूर्वोत्तर दिल्ली में 3.4 तीव्रता, और 29 मई 2020 को रोहतक के पास 4.4 तीव्रता का भूकंप शामिल है।
भारतीय भूकंपीय मानचित्र में दिल्ली को सीस्मिक ज़ोन-IV में रखा गया है, जो मध्यम से उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में आता है। हिमालयी भूकंपों के प्रभाव से यह क्षेत्र बार-बार झटके महसूस करता है।
“सब कुछ हिल रहा था” – प्रत्यक्षदर्शियों के बयान
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले एक विक्रेता अनीश ने कहा, “हर चीज़ कांप रही थी, ग्राहक चिल्लाने लगे।”
एक यात्री, जो अपनी ट्रेन का इंतजार कर रहा था, ने बताया, “मैं प्रतीक्षालय में था जब अचानक सब भागने लगे। ऐसा लगा जैसे कोई पुल गिर गया हो।”
नोएडा के निवासी अमित ने कहा, “सुबह 5:35 बजे पूरी इमारत हिल रही थी। हमारा पूरा परिवार घर से बाहर दौड़ पड़ा। मैंने पहले कभी इतने तेज़ झटके महसूस नहीं किए थे। हम सभी सुरक्षित हैं।”
एक अन्य यात्री, जो नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर था, ने कहा, “मैं प्रतीक्षालय में था, अचानक हर कोई बाहर भागने लगा। ऐसा महसूस हुआ जैसे कोई पुल गिर गया हो।”