अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार रात को एक विवादास्पद ट्वीट में BRICS देशों को “एंटी-अमेरिकन” नीतियों के साथ जुड़ने पर अतिरिक्त 10% टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका कई देशों के साथ व्यापार करार को लेकर बातचीत कर रहा है, और ट्रंप प्रशासन का 90 दिनों के लिए टैरिफ में वृद्धि को रोकने वाला समय बुधवार को समाप्त हो रहा है।
क्या कहा ट्रंप ने?
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने “ट्रुथ सोशल” अकाउंट पर लिखा, “जो देश BRICS की एंटी-अमेरिकन नीतियों के साथ जुड़ते हैं, उन पर अतिरिक्त 10% टैरिफ लगाया जाएगा। इस नीति में कोई छूट नहीं होगी।” उनका यह बयान वैश्विक व्यापार में और अधिक अनिश्चितता का कारण बन रहा है, विशेष रूप से उन देशों के लिए जो अमेरिका के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।
ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिकी प्रशासन सोमवार को दोपहर से टैरिफ पत्र भेजने शुरू करेगा। यह टैरिफ, ट्रंप द्वारा लागू की जाने वाली नीतियों के तहत, वैश्विक व्यापारिक परिदृश्य को और अधिक जटिल बना सकते हैं।
BRICS और उसका विवाद
BRICS (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देशों का समूह एक बैठक के दौरान अमेरिका और इज़राइल द्वारा ईरान पर हमलों की आलोचना कर रहा था। इस बैठक में BRICS नेताओं ने इज़राइल से गाजा पट्टी से अपनी सेना को हटाने की मांग की और मध्य पूर्व में संघर्षों के लिए “न्यायपूर्ण और स्थायी” समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया।
चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बैठक में शामिल थे, और नेताओं ने वैश्विक शासन में सुधार की बात की। यह बैठक वैश्विक नीति में अमेरिका के एकतरफा दृष्टिकोण और संरक्षणवाद के बढ़ते प्रभाव के खिलाफ एक चुनौती के रूप में देखी जा रही है।
ट्रंप के बयान पर चुप्पी
ट्रंप के बयान में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि उन्हें “एंटी-अमेरिकन” नीतियां क्या मानती हैं। इसके अलावा, उन्होंने यह भी नहीं बताया कि किस तारीख से ये अतिरिक्त टैरिफ लागू होंगे। हालांकि, उन्होंने पहले BRICS देशों पर यह धमकी दी थी कि अगर वे बायलैट्रल व्यापार में अमेरिकी डॉलर की जगह अपनी मुद्रा का इस्तेमाल करते हैं तो 100% टैरिफ भी लगाया जा सकता है।
BRICS देशों का जवाब
BRICS के नेताओं ने इस सप्ताह के अंत में एक क्रॉस-बॉर्डर भुगतान प्रणाली पर विचार करने की सहमति दी। यह परियोजना पिछले दस वर्षों से चर्चा का विषय रही है, लेकिन इस पर प्रगति धीमी रही है। चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने कहा कि BRICS देशों को वैश्विक शासन में सुधार के लिए अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए और अंतरराष्ट्रीय विवादों का शांतिपूर्ण समाधान करना चाहिए।
ली कियांग ने कहा, “आज की दुनिया ज्यादा उथल-पुथल वाली है, एकतरफा दृष्टिकोण और संरक्षणवाद बढ़ रहे हैं। चीन BRICS देशों के साथ मिलकर वैश्विक शासन को अधिक न्यायपूर्ण, उचित, प्रभावी और सुव्यवस्थित दिशा में बढ़ाने के लिए काम करने के लिए तैयार है।”
निष्कर्ष
ट्रंप के “एंटी-अमेरिकन” बयान के साथ 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की चेतावनी, वैश्विक व्यापार और कूटनीति में और भी अनिश्चितता उत्पन्न कर रही है। BRICS देशों की तरफ से अमेरिकी नीतियों के खिलाफ उठ रही आवाज़ और ट्रंप की धमकी के बीच वैश्विक व्यापार में नए मोड़ आ सकते हैं। यह देखने वाली बात होगी कि आगे चलकर इन देशों के बीच की राजनीतिक और व्यापारिक रणनीतियों पर क्या असर पड़ता है।